छत्तीसगढ़

शिक्षा विभाग के कर्मचारी ने अपने पिता के आंख दान कर मिसाल पेश की

Nilmani Pal
18 Sep 2023 12:30 PM GMT
शिक्षा विभाग के कर्मचारी ने अपने पिता के आंख दान कर मिसाल पेश की
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दुर्ग। लोगों को नेत्रदान हेतु प्रेरित करने वाले नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य शिक्षा विभाग के मुख्य लिपिक सत्येंद्र राजपूत ने अपने पिता बंशी सिंह राजपूत के निधन के बाद उनके नेत्रदान कर समाज को सकारात्मक राह दिखाई एवं दो परिवारों को नई ज्योति प्रदान की. पचरीपारा निवासी बंशी सिंह राजपूत के निधन के पश्चात राजपूत परिवार की ओर से बंशी सिंह की पत्नी द्रौपती देवी ,पुत्र सत्येंद्र ,नीरज,संजय राजपूत,पुत्री हेमलता केसरिया ने स्वतः नेत्रदान का निर्णय लिया व नवदृष्टि फाउंडेशन के अपने साथियों को सूचित किया।

बंशी सिंह के निधन का समाचार मिलते ही संस्था के कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,रितेश जैन,प्रभु दयाल उजाला,जितेंद्र हासवानी,हरमन दुलाई,जीतेन्द्र कारिया,राजेश पारख ,मुकेश राठी राजपूत के निवास पहुंचे व नेत्रदान हेतु व्यवस्था संभाली। श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के डॉ पुष्पेंद्र सिंह लहरे व नेत्र प्रभारी विवेक कसार राजपूत के पचरीपारा निवास से कॉर्निया कलेक्ट किए,डॉ पुष्पेंद्र सिंह लहरे ने राजपूत परिवार को नेत्रदान हेतु साधुवाद दिया।

सत्येंद्र राजपूत ने कहा संस्था से जुड़े होने के कारण हम रोज लोगों की परेशानी देखते हैं व अंधत्व का दुःख महसूस करते हैं अतः हमारे परिवार ने वही किया जिसके लिए हम दूसरों को प्रेरणा देते हैं पिता के जाने के बाद हमारे पिता के नेत्रों से दो परिवारों को नई ज्योति मिलेगी। यह हमारे खानदान की ओर से पहला नेत्रदान है और पिता से प्रेरणा ले अब हम इसे अपने परिवार की परम्परा बनाएंगे। संजय राजपूत ने कहा हमारे पूरे परिवार ने नवदृष्टि फाउंडेशन के माध्यम से नेत्रदान का संकल्प लिया था और आज पिता का नेत्रदान कर उनकी इच्छा का सम्मान किया व् समाज के प्रति अपना कर्तव्य पूर्ण किया।

फाउंडेशन के सदस्य राज आढ़तिया ने कहा सत्येंद्र राजपूत जी हमारी संस्था के वरिष्ठ सदस्य हैं और समय समय पर समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हैं और आज पिता के नेत्रदान कर उन्होंने साबित किया कि किसी कार्य में जब हम दूसरों को प्रेरित करते हैं तो शुरुवात अपने परिवार से करनी होगी और समाज को उन्होंने राह दिखाई।


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