शराब कारोबारी के घर ईडी का छापा, करोड़ों के हेराफेरी की आशंका
रायपुर (जसेरि)। ईडी को प्रदेश के आबकारी विभाग में करोड़ों रुपयों की हेराफेरी का बड़ा इनपुट मिला है। इसे विभाग के ही कुछ अफसरों और शराब कारोबारियों की मिली भगत से अंजाम दिया गया है। इस कड़ी में बुधवार को फिर से श्वष्ठ के अफसर एक्शन में आ गए। सुबह खम्हारडीह इलाके में अशोका रतन नाम की सोसाइटी में अफसर गए। यहां एक शराब कारोबारी के घर आए अधिकारियों ने पूरे कैम्पस की तलाशी शुरू कर दी। पूरी कॉलोनी में इस कार्रवाई की वजह से कई तरह की चर्चाएं थीं। रायपुर के एक बार में भी तलाशी लिए जाने की बात सामने आई है। गौरतलब है कि उक्त बार विगत कई वर्षों से जयस्तम्भ चौक के पास अपना दबदबा कायम रखा है। अपनी कार्रवाई के बारे में ईडी ने कुछ भी नहीं बताया है वहां पर उसका एक छत्र राज है। । माना जा रहा है देर शाम तक अफसर शराब कारोबारी के घर में ही जमे रहेंगे।
झारखंड से भी जुड़ रहे तार : बुधवार को सुबह ईडी की कार्रवाई के बाद ये बात भी सामने आई कि झारखंड में हुए शराब नीति घोटाले की जांच के तार रायपुर से भी जुड़े हैं। छत्तीसगढ़ के कुछ कारोबारी झारखंड में भी बिजनेस डील को लेकर अफसरों और नेताओं से मिले थे। इस संबंध में भी पूछताछ की जा रही है। प्रदेश के केस में भी लगातार ईडी पूछताछ और जांच जारी रखे हुए है। ईडी ने कोल परिवहन केस में छत्तीसगढ़ में अक्टूबर 2022 से छापेमारी शुरू की है। इसके बाद अब शराब मामले में भी ढ्ढ्रस् अफसर, नेताओं और कारोबारियों के ठिकानों पर पिछले महीने छापेमारी की गई है।
ईडी के बुलावे पर नहीं जाते अफसर : पिछले सप्ताह ही प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को ईडी ने खत भेजा है। बंद लिफाफे में सरकार को भेजे गया ये पत्र चर्चा में है। पिछले दिनों आबकारी विभाग, कुछ ढ्ढ्रस् अफसर और कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापा भी पड़ा था। सारा का सारा मामला शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। ईडी के भेजे गए खत में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रदेश के अफसर ईडी के बुलाने पर पूछताछ में नहीं शामिल हो रहे।
चीफ सेक्रेटरी को ईडी की ओर से ये खत श्वष्ठ के असिस्टेंट डायरेक्टर टी मीणा ने भेजा है। खत में लिखा गया है कि हम प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग शराब घोटाले की जांच कर रहे हैं। प्रदेश के एक ढ्ढ्रस् अफसर का भी नाम चिट्ठी में है। शराब बेचने वाली सरकारी एजेंसी के रूष्ठ एपी त्रिपाठी का भी जिक्र है। लिखा गया है कि समंस भेजने के बाद भी ये अधिकारी पूछताछ के लिए नहीं आ रहे हैं। श्वष्ठ की ओर से मुख्य सचिव को जांच में सहयोग करने के आग्रह के साथ ये बात भी लिखी गई है कि संबंधित अधिकारियों को पूछताछ के लिए भेजें।