छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस दंपति के घर ED का छापा

Nilmani Pal
14 March 2022 7:41 AM GMT
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस दंपति के घर ED का छापा
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रायपुर। पाटन में एक कांग्रेसी दंपती और बालोद में एक शराब कारोबारी के घर प्रवर्तन निदेशालय ED का छापा पड़ा है। पता चला है कि ईडी के 13 सदस्यीय अधिकारियों की टीम सोमवार की सुबह पाटन के पास ही ग्राम गातापार पहुंचा है। यहां पूर्व जिला पंचायत सदस्य जयंती साहू और विमल साहू के घर छापे मारे गए। अफसर वहां दस्तावेज खंगाल रहे हैं। इनके दल्लीराजहरा समेत कुछ अन्य जगहों पर भी रिश्तेदारों के यहां छापे की खबर है। इसके अलावा ईडी की टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कंपनियां बनाकर लोन लेने के आरोपी सुभाष शर्मा के घर पर भी दबिश दी है। हालांकि इन दिनो सुभाष शर्मा ईडी की रिमांड में हैं। जिससे पूछताछ में मिले इनपुट के आधार जांच के लिए टीम घर समेत कई स्थानों पर जांच कर रही है।

वहीं सूत्रों के मुताबिक एक टीम सुभाष शर्मा के बालोद स्थिल घर में भी दबिश देने पहुंची है। उल्लेखनीय है कि शराब कारोबारी और होटल व्यवसाय से जुड़े सुभाष शर्मा के खिलाफ रायपुर के गोल बाजार और सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज थे। 2015 में विक्रम राणा नाम के व्यक्ति ने गोल बाजार थाने में शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उसके मुताबिक सुभाष शर्मा ने राणा की जमीन बंधक रखकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 16.50 करोड़ का कर्ज लिया था। किस्तें अदा नहीं होने पर बैंक ने राणा को नोटिस भेजा। उसके बाद इस फ्रॉड की जानकारी हुई। इस मामले में गोल बाजार पुलिस ने अप्रैल 2018 में उसे गिरफ्तार किया, हालांकि बाद में सुभाष शर्मा जमानत पर छूटा और शहर छोड़ कर कहीं गायब हो गया। सुभाष शर्मा ने होटल सफायर इन, गुडलक पेट्रोलियम कंपनी और मेसर्स विदित ट्रेडिंग कंपनी के लिए 38.50 करोड़ का कर्ज लिया था। यह रकम एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक रायपुर से ली गई थी। इनकी किस्तें अदा नहीं हुईं, उसके बाद बैंकों ने इस खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्र बताते है कि सुभाष शर्मा नाम के इस शख्स ने अनेक कागजी कंपनियां खोली थीं। इन कंपनियों में कोई काम नहीं होता था। आरोप है कि इन कंपनियों को बैंकों से लोन लेने के लिए ही खोला गया था। निदेशालय के मुताबिक, सुभाष शर्मा ने अनेक बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों रुपये का लोन लिया। इस बाबत छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो में लगभग 54 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले दर्ज भी हुए।


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