चाहने वालों ने लगाया आरोप, घोटाले में संलिप्तता नहीं
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। शराब घोटाले को लेकर ईडी का एक्शन जारी है। इस मामले में होटल और मीडिया कारोबारी गुरुचरण होरा से लंबी पूछताछ हुई। लगभग 20 घंटे पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया। होरा के चाहने वालों का आरोप है कि ईडी उन्हें जबरदस्ती परेसान कर रही है जब कि शराब कारोबार से उनका कोई लेना देना नहीं है और नही इस गड़बड़ी में उनकी संलिप्तता पाई गई है। मीडिया मैन व ओलंपिक संघ के महासचिव के तौर पर उनके कामयाबी के चलते उन्हें निशाना बनाया हा रहा है। ऐसे भी चर्चा है कि शराब गड़बड़ी में उनकी सिधी संलिप्तता नहीं होने से कुछ बीजेपी नेता भी उनके बचाव के लिए कसरत कर रहे हैं। गौरतलब है कि आज फिर गुरुचरण होरा से ED पूछताछ करेगी।
रायपुर में ईडी का एक्शन जारी है। बड़े अफसर, नेता और शहर के कारोबारी प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर हैं। इन्हीं में से एक कारोबारी हैं गुरुचरण होरा। शुक्रवार सुबह इनके घर पर ईडी की टीम पहुंची। छापेमारी के बाद रात में इन्हें अफसर अपने साथ ले गए। इसके बाद शनिवार तड़के इन्हें छोड़ा गया। होरा के साथ करीब 20 घंटे अधिकारी रहे, कुछ जानकारियां ली गई। इस बीच शुक्रवार शाम को आबकारी विभाग में पदस्थ अफसर एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। श्वष्ठ के मुताबिक प्रदेश में उजागर हुए 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले की अहम कड़ी त्रिपाठी भी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने सप्ताह भर पहले जब कारोबारी अनवर को पकड़ा तो ये होरा के होटल ग्रैंड इम्पीरिया में छिपा मिला। पूछताछ में अफसरों को गुरुचरण होरा से जुड़े कुछ इनपुट मिले। इस वजह से होरा से भी पूछताछ की गई। गुरुचरण के होटल में एक ढ्ढ्रस् अफसर के पार्टनरशिप होने, वहां अवैध पैसा लगा होने की चर्चा भी है। जिसकी तस्दीक ईडी अपनी जांच में कर रही है। होरा की भूमिका को भी अधिकारी जांच रहे हैं।
इस बीच ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया कि अब तक आबकारी विभाग में पदस्थ रहे अफसर एपी त्रिपाठी शराब वितरण एजेंसी के एमडी भी थे। शराब घोटाला मामले में तथ्य मिले हैं जिसमें त्रिपाठी का शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने में रिश्वत लेने, होलोग्राम बनाने वालों से फर्जी होलोग्राम बनाने की डील में 90 लाख लेने जैसी बातें सामने आई हैं। त्रिपाठी पूछताछ में भी शामिल नहीं हो रहे थे। उन्हें मुंबई से ट्रेस करके पकड़ा गया। अब 15 मई तक त्रिपाठी श्वष्ठ की कस्टडी में रहेंगे। इनका लैपटॉप और फोन जब्त किए गए हैं। जांच एजेंसी को इसमें कई तरह के चैट मिले हैं। जो शराब घोटाले में रुपयों के बड़े लेन-देन और सिंडीकेट की खूफिया मीटिंग्स से जुड़े हैं। निदेशालय का मानना है कि शराब घोटाले में त्रिपाठी की भूमिका सरकारी काम को ऐसे अंजाम देने का था, जिससे इस सिंडीकेट से जुड़े बाकि कारोबारियों का फायदा हो सके। त्रिपाठी के रोल को अदालत में बताते हुए एजेंसी ने कहा है कि आबकारी विभाग को पूरी तरह से सिंडीकेट ने हाईजैक कर रखा था।
इस वक्त शराब घोटाला मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक ढिल्लन और एपी त्रिपाठी को पकड़ रखा है। 15 मई को इन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। कुछ और नए तथ्य सामने आ सकते हैं। माना जा रहा है कि तब इन्हें जेल भी हो सकती है। ईडी इनकी रिमांड बढ़ाने की मांग कर रही है। बचाव पक्ष के वकीलों की टीम इस पूरी कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित और गलत बता रही है। इस मामले में 30 करोड़ से अधिक के कैश, बैंक एफडी और अवैध कारोबार के दस्तावेज ईडी जब्त कर चुकी है।