छत्तीसगढ़

डम्प कचरा बना कमाई का जरिया

Admin2
6 Feb 2021 4:59 AM GMT
डम्प कचरा बना कमाई का जरिया
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बिना रिसायकल हुए सीधे बाजार पहुंच रही इस्तेमाल के लायक चीजें

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर की कई इलाकों से कचरों का ढेर इक्कठा किया जाता है। जिसे शहर के बाहर सकरी फार्म में डंप किया जाता है। शहर आज कचरा-कचरा हो गया। और कमाने वालों ने इस कचरे के ढेर में ही काली कमाई का जरिया ढूंढ लिया है। अब यह कचरा उठाया जाने लगा है कचरा इक_ा करने की जगह में भी काली कमाई करने वालों ने अपना अड्डा बना लिया है।

मजबूरी में कचरे को जहां-तहां रखा जा रहा है। तीन अंचलों का कचरा तो सकरी के पास ही डंप हो रहा है। हर दिन सैकड़ों गाडिय़ों से कचरा यहां आ रहा है लेकिन कचरा गाडिय़ों से कचरा डंप तो हो रहा है मगर इसी कचरे में से डंपिंग यार्ड के कर्मचारी छोटे-छोटे कचरों को बीन-बीन कर उसे नए सिरे से बिना रिसायकल किये ही नया रूप दे दिया जाता है। जिससे बाजार में लाखों के रूप में बेचा जाता है।

कचरे के ढेर से करोड़ों की कमाई : शहर में आज कचरा ऐसी समस्या बन गया है जिसका समाधान बडा मुश्किल है। कचरे को खत्म करने, कम करने के लिए अनेक मजदूर लगें है जो कचरे के ढेर में से पुरानी बोतलें,पालिथीन, अनुपयोगी तार, लोहे का सामान, प्लास्टिक सामग्री बेकार इलेक्ट्रोनिक सामान को निकालकर बेच देते है। इसका पुन उपयोग कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया से कचरा कुछ कम तो होता है लेकिन पूरी तरह नष्ट नहीं होता है। कचरे के ढेर में काफी मजदूर काम करते रहते है। और इस यार्ड में किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं मिलती है। इस कचरे के ढेर का क्या किया जाये?

यह सवाल सबके लिए चिन्ता का विषय बन गया। और इसी ढेर में करोड़ों का सामान ढूंढे जाते है उन सामानों को अपने जरुरत के हिसाब से एक जगह अलग से रखा जाता है। शहर में डोर टू डोर कचरा एकत्र करने के लिए 5 साईकिल रिक्शा और एक टाटा मैजिक वाहन के साथ कुछ अन्य वाहन भी लगाये गये।

कचरे के ढेर में काम करने वालों की होती मजबूरी : कचरे के ढेर के कारण यहां कमाई करने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई है। कचरा बीनने वाले नालियों और नालों में कीमती कचरे को ढूंढ़ते फिरते हैं पर इन्हें नालों और गटर में से कुछ ढूंढ़ते हुए बहुत कम देखा जाता है। कचरे के इस काले पहाड़ पर मजदूरों की सेना बड़ी खुशी से खेलती हुई नजर आती है। ये लोग कोई और नहीं बल्कि उन्हीं कचरा बीनने वाले ही हैं। ये अपनी रोजी रोटी की तलाश में ही घूमते रहते है। कूड़ा उठाने वाले लोग बहुत काम करते है। इनकी ओर किसी की नजर ही नहीं जाती, क्योंकि ये सबसे निचले स्तर का काम करते हैं, जिसमें किसी कौशल की जरूरत नहीं पड़ती। ये लोग अधिकतर अपनी पारिवारिक कमजोरियों के चलते इस ओर आते हैं।

कूड़ा-कचरा डंपिंग यार्ड बना कमाई का जरिया : रायपुर में कूड़ा-कचरा डंपिंग को लेकर अब नया काम शुरू हो गया है। सरोना के बाद सकरी में बनाए गए डंपिंग यार्ड कचरों से ही करोड़ों की कमाई की जा रही है। प्रतिदिन निकलने वाले कचरों को पहले सरोना में डंप किया जाता था। लेकिन हृत्रञ्ज के निर्देश और लोगों के भारी विरोध के बाद नगर निगम की ओर से विधानसभा से लगे सकरी में डंपिंग यार्ड बनाने का फैसला लिया गया। और तब से लेकर अब तक सकरी यार्ड में ही कचरा का डंप किया जा रहा है। लेकिन इस डंपिंग जोन को एयरपोर्ट अथॉरिटी मिली है। क्योंकि डंपिंग जोन की दूरी एयरपोर्ट 10 किमी है। सकरी डंपिंग यार्ड में कचरों को ही कमाई का जरिया बनाकर उस कचरों को मशीन में डालने से पहले ठीक से खंगाला जाता है। जरुरत की चीज़ों को निकाल लिया जाता है। और बाकि कचरों को मशीन में डाल दिया जाता है।

करोड़ों की जमीन कचरा पड़ाव केंद्र में तब्दील : रायपुर के सकरी गांव में पूरे शहर का कचरा डंप किया जा रहा है। इलाके के लोगों ने नगर निगम की इस करोड़ों की जमीन को कचरा डलवा कर यार्ड बना दिया है। कुछ लोग इसी स्थान पर कबाड़ इक_ा कर रहे हैं। खुद नगर निगम भी अपना कबाड़ इसी भूमि पर इक_ा कर रहा है।

कचरे के ढेर से कमाई और नशा बना सपना

कचरे के ढेर में जिंदगी तलाशने वाले लोग खुद ही अपना काम छोड़ देते है पैसो के लालच में कचरा बीनने में लगते है। कमाई गई रकम भी उन्हें बड़ी लगती है। वे काफी उम्र के बाद ही मानसिक रूप से बड़े हो जाते है और जल्दी ही बुरी आदतों के शिकार हो जाते है। लोगों में नशे की लत भी लग जाती है बीड़ी, सिगरेट व गुटखे आदि का सेवन करने लगते हैं। अपनी उम्र में देखे गए बड़े-बड़े सपने जब पूरे नहीं होते तो ये जाने-अनजाने स्थानीय गुंडों के चंगुल में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। आगे चलकर यही बच्चे समाजद्रोही और अपराधी बन जाते हैं।

नया डंपिंग यार्ड से लोगों में भी हताशा

रायपुर नगर निगम ने चरौदा-भिलाई के बीच सरोना में कचरा डंप करना छोड़ दिया है। निगम ने अब ग्राम सकरी को स्थायी कचरा डंपिंग यार्ड बना दिया है। सकरी में कचरा डंप करना शुरू कर दिया है। चरौदा-भिलाई के बीच सरोना में निगम द्वारा डंप किए जा रहे है, कचरे को लेकर सरोना वासियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। जनहित याचिका के जरिए निगम की मनमानी की पोल भी खोली थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने नगर निगम रायपुर के अलावा पर्यावरण मंडल के आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर तलब किया था। मगर वही लोगों में इस यार्ड को लेकर हताशा भी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि इस यार्ड के बनने के बाद से लेकर अब तक काफी लोग बीमार हुए है। जब से ये यार्ड शुरू हुआ है ट्रकों का आना जाना हमेशा लगा रहता है। और रास्तों की धुल से लोगों की आँखों में भी अचानक दिखना बंद होने लगा है।

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