दुकान मालिक और निगम अधिकारियों की मिली भगत से मुख्यमार्ग में आवाजाही चौपट
दुकानदार रोज 500 रु किराया लेकर अपने दुकान के सामने लगवाते है फुटपाथ पर दुकान
फुटपाथ पर दुकानदारों और ठेलेवालों का कब्जा राहगीरों और पैदल चलने की भी जगह नहीं बची
रायपुर । राजधानी का ऐसा कोई मार्ग नहीं जहां फुटपाथ पर चलना हिमालय फतह करने जैसा है। निगम के अधिकारी और दुकानदार की साजिश से आमजन बाजार में चल नहीं पाते है। गोलबाजार, मालवीय रोड, सदर बाजार, तात्यापार, शारदा चौक, घड़ी चौक, तेलीबांधा, एम्स अस्पताल के आसपास , रायपुरा, कुशालपुर के मुख्यमार्ग में दुकानदार सामने हिस्से को किराए पर देकर राहगीरों का चलना दूभर कर दिया है। सूत्रों की माने तो निगम अधिकारियों सबसे पहले पाटा किराए पर देने वाले दुकानदारों पर सख्ती से जुर्माना वसूलना चाहिए। सबसे ज्यादा दुर्गति गोलबाजार और चिकनी मंदिर के आसपास मालवीय रोड रविवार की तरह रोड के दोनों तरफ फुटपाथ पर दुकान लगाकर 40 फीट सड़क को 10 फीट कर दिया है। इसके पीछे एक ही कारण माना जा रहा है कि दुकानदार पाटा किराया देकर निगम को करोड़ों की राजस्व की हानि पहुंचा रहे है। निगम अधिकारी रोज शाम को अपने हिस्से की वसूली लेकर चले जाते है। यह सिलसिला राजधानी में पिछले 20 वर्षो से चल रहा है। शहर की सडक़ों पर से फुटपाथ गायब हो गया है। शारदा चौक, कोतवाली चौक, स्टेशन रोड, केके रोड, एमजी रोड , मालवीय रोड जैसे अन्य सड़कों के किनारे से फुटपाथ ही गायब हो गया है। जिससे पैदल चलने वालों को डर-डर कर चलना पड़ता है। फुटपाथ नहीं होने के कारण पैदल चल रहे लोगो को चार पहिया वाहन चालकों ने बहुत बार ठोकरे मार कर घायल भी किया है। जबकि बाइक व पैदल चल रहे लोगो के बीच तो पूरे दिन तू तू मैं मैं होती रहती है। सडक़ पर चलने के लिए कभी कभी तो गाड़ी चालक व पैदल चल रहे लोगो के बीच जमकर मारपीट भी हो जाती है। मामला इतना गम्भीर हो जाता है कि स्थानीय थाना स्टाफ को आकर समझाना पड़ता है। प्रशासन व्दारा प्रमुख सडक़ों पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाए गए। तंग स्थानों पर लाइन खींचकर उनका रास्ता बनाया गया, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिला। धीरे-धीरे फुटपाथ का वजूद खत्म होने लगा और राहगीर सडक़ पर आ गए। फुटपाथों पर मैकेनिक की दुकान, खाने के ठेले और फल, ठेले वालों का कब्जा हो गया है। शहर में गायब हुए जा रहे फुटपाथ बड़ा मुद्दा बन गया है। लोग सडक़ के बीचों बीच चलने को मजबूर हैं।
फुटपाथ में पैदल चलना मुश्किल
शहर के सडक़़ों के फुटपाथ में पैदल चलना मुश्किल हो गया है अब फुटपाथ सिर्फ दिखाई देता है। तमाम दुकानों और फल विक्रेताओं ने फुटपाथ को जकड़ लिया है। ऐसे में पैदल निकलने वाले लोगों को खासी दिक्कत होती है। दुकानें के शेड फुटपाथ पर निकले हुए हैं। कॉलेज आने वाले छात्राओं को मुख्य सडक़ पर चलना पड़ता है। चौराहे से कॉलेज और बस स्टैंड का मार्ग होने के कारण यहां भीड़ अधिक रहती है। बसें, ऑटो आदि वाहन चौराहे पर जाम का सबब भी बनती हैं। अधिकारियों के बेहद नजदीक आवास होने पर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जूते-चप्पल और कपड़ों की दुकानें ज्यादा, सडक़ के किनारे हर समय ग्राहकों की भी लगी रहती है भीड़ जिला अस्पताल रोड से निकलना किसी कसरत से कम नहीं है। सडक़ किनारे फुटपाथ तो ना जाने कहां खो गया है। पैदल रास्ते पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। फल वाले तक सडक़ को घेरे बैठे हुए हैं। बड़ी दुकानों ने भी अपने काउंटर सडक़ पर फैला लिए हैं। गारमेंट्स के ढेर, जूते-चप्पल, ठेले, रिक्शे फुटपाथ की शोभा बढ़ा रहे हैं। फुटपाथ पर कब्जे के कारण पैदल आने वाले मरीजों को अधिक दिक्कत होती है। एंबुलेंस भी फंसती है। इससे मरीजों की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। बावजूद अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
शहर के फुटपाथ पर दुकानदारों ने जमाया कब्जा
शहर के मुख्यमार्गों में फुटपाथ पर चलना मुश्किल प्रशासन ने सडक़ के एक हिस्से में फुटपाथ का निर्माण करवाया था। मौजूदा समय में यह फुटपाथ कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही कई दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। सरकारी व प्राइवेट स्कूल के छात्र एवं छात्राओं को चलने के लिए फुटपाथ नहीं मिलता है। लोग मजबूरीवश सड़क पर ही चलने को विवश होते हैं।
अतिक्रमण के चलते सडक़ पर लगा जाम
लाइट का भी भरपूर फायदा उठाते हैं दुकानदार, देर रात तक खुलती है दुकान सड़क किनारे फुटपाथ,आकर्षक लाइटें भी लगाई गई। बावजूद इसके फुटपाथ का लाभ पैदल चलने वालों को नहीं मिल पाया है। यहां फुटपाथ पर वाहन ठीक करने वाले मैकेनिक, खाने-पीने के ठेलों समेत अन्य फल वालों ने कब्जा जमा रखा है। इतना ही नहीं फुटपाथ पर वाहन भी खड़े हो रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस करेगी कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस अब बाजार की सड़कों पर सफेद पट्टी के बाहर खड़े वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई करने वाली है। इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस से जानकारी मिली है कि उनके व्दारा नए सिरे से सड़कों की मार्किंग का निर्णय लिया गया है। दुकानदारों को भी चेतावनी दी जाएगी कि वे ग्राहकों के वाहन सफेद पट्टी के बाहर न खड़े कराए। अधिकारियों को मुताबिक मालवीय रोड ,सदर बाजार और एमजी रोड में पहले मार्किंग की जाएगी फिर अन्य मार्गों पर। क्योंकि देखा गया है कि इन रोडों पर वाहन बेतरतीब रूप से खड़े करे जाने के कारण ट्रैफिक की समस्या ज्यादा आती है। साथ ही दुकानदार भी अपने सामान रोड पर फैला देते है।