छग में सट्टा का दुबई कनेक्शन, लोकसभा में पहली बार उठा मामला
राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने ऑनलाइन सट्टा और अवैध शराब के कारोबार की केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग की
दुबई में बैठे सटोरियों का सुराग नहीं लगा सकी पुलिस
दुर्ग पुलिस की तरह रायपुर पुलिस नहीं दिखा रही परफारमेंस
महादेव एप के बाद सटोरियों ने बनवाया रायपुर बुक इन
हैदराबाद की कंपनी से बनाया सट्टा का महाएप
सट्टा का सोशल मीडिया में प्रमोशन करने वाले एंकर को भी नहीं पकड़ा
जिन सफेदपोश नेताओं और सरगना का हाथ उन तक कब पहुंचेगी पुलिस?
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर/राजनांदगांव। लोकसभा में गुरुवार को राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया। सांसद पांडेय ने छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले की तरह आनलाइन सट्टे और शराब के अवैध करोबार की केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जिन हाथों को सौंपा गया, वही आज छत्तीसगढ़ को लूटने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रदेश में संगठित भ्रष्टाचार, सट्टा, नशा, अपराध का गढ़ बन चुका है। राज्य सरकार के सर्वोच्च अधिकारी, आइएएस अधिकारी कोयला माफिया के रूप में काम कर रहे हैं। आनलाइन गेमिंग और सट्टा माफिया जैसे अवैध धंधे में संलिप्त है।
हाल ही में कोयला से संबंधित वसूली का रैकेट का प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने पास किया। इसमें आइएएस अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है। उच्च अधिकारियों और राजनीतिज्ञों के गठजोड़ से स्थिति भयावह होती जा रही है। सांसद पांडेय ने कहा कि इस भ्रष्टाचार में प्रदेश के मुखिया संलिप्त हैं। दुबई से संचालित महादेव एप भी उनसे संबंधित है, उसकी भी जांच कराई जाए। गौरतलब है कि प्रदेश मेें ईडी ने कोयला परिवहन घोटाले मेें आइएएस समीर बिश्नोई, मुख्यमंत्री सचिवालय की अधिकारी सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था, जो न्यायिक रिमांड पर हैं।
गौरतलब है कि आनलाइन गेमिंग महादेव बुक एप का जाल प्रदेश के लगभग 12 जिलों में फैल चुका है। पुलिस ने 80 सट्टेबाजों की सूची बनाई है, जिनमें रायपुर, दुर्ग, भिलाई, रायगढ़, बिलासपुर, अंबिकापुर समेत अन्य शहरों के लोग शामिल है। पुलिस सूत्रों ने अनुसार इन सभी के नाम, पते मिल चुके हैं। उनके यहां लौटने का इंतजार किया जा रहा है। इन पर नजर रखने के लिए माना विमानतल में सादे कपड़ों में जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस अफसरों का दावा है कि दुबई से लौटे सट्टेबाज गिरफ्तारी के डर से मुंबई, दिल्ली में होटलों, रिश्तेदारों, दोस्तों के घर पर छिपे हुए हैं। पुलिस की जांच में मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर के पाकिस्तानियों से तार जुड़े निकले हैं। वहीं हाल ही में राजधानी रायपुर में पुलिस ने आनलाइन सट्टे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने महादेव ऐप की तर्ज पर आइडी बनवाकर आनलाइन सट्टा खिलाते हुए दो सटोरिये को भी गिरफ्तार किया है।
प्रदेश अब पूरी तरह अवैध कारोबार के दज में आ चुका है यह बात राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय ने प्रश्नकाल में उठाया था। सांसद पांडेय की बात सौ फीसदी सच है। छत्तीसगढ़ में सटोरियों ने सट्टा को पुलिस की आंख से बचाने के लिए भगवान के नाम को भी नहीं छोड़ा है। राजधानी में पुलिस सट्टा-जुआ-शराब के खिलाफ कार्रवाई तो कर रही है लेकिन दुर्ग पुलिस के तर्ज पर नहीं कर रही है वह सिर्फ छोटी मछलियों पर ही हाथ डाल रही है जबकि बड़ी मछलिया पुलिस के आंखों के सामने होते हुए भी पुलिस को चकमा देकर साफ बच निकल रही है। पुलिस की सख्ती के बाद भी अवैध शराब, गांजा, अफीम, हिरोइन की तस्करी हो रही है। पुलिस का सूचनातंत्र तब पुलिस को सूचित करता है जब तस्कर रायपुर का कारिडोर पार कर चुका होता है। उसी तरह सट्टा का कारोबार सीधे दुबई से आपरेट होकर छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालयों के साथ तहसील ब्लाक तक पहुंच चुकी है। हाल ही में रायपुर इन सट्टा इन का सोशल मीडिया में लगातार प्रमोशन होता रहा। सोशल मीडिया पर तथा कथित एंकर चीख -चीख चिल्ला रही थी कि रायपुर इन में इनवेंस्ट करने का सुनहरा मौका आया जाने मत दो। पुलिस ने न तो उस एंकर पर कार्रवाई की और न ही उस सोशल मीडिया के कर्ताधर्ता से पूछताछ की। यह रायपुर बुक इन सट्टा का साइड कैसे सोशल मीडिया में आया उसे कौन प्रमोशन का भुगतान कर रहा है। पुलिस की कार्यप्रणाली चुस्त-दुरुस्त होने के बाद भी सटोरियों का बच निकलना किसी बड़े षड्यंत्र की ओर इंगित करता है। सटोरियों का बड़े राजनीतिक नेताओं और रसूख रखने वालों के साथ कनेक्शन के चलते सट्टा, जुआ, शराब का अवैध कारोबार बेखौफ संचालित हो रहा है। पुलिस चाह कर भी सरगना पर हाथ नहीं डाल पा रही है। यदि पुलिस सटोरियों, जुआरियों को पकड़ भी लेती है तो थाने से ही निजी मुचकले पर छूट जाते है। यहीं छूट सटोरियों और जुआरियों के लिए संजीवनी का काम कर राह है।पुलिस प्रशासन पिछले 22 सालों से राज्या निर्माण के साथ सट्टा-जुआ के समूल नष्टीकरण के लिए अभियान चला रही है, लेकिन अब तक सफलता हासिल नहीं कर पाई है।
दुबई से प्रशिक्षित सटोरियों का रैकेट पूरे प्रदेश में
देश भर के सटोरियों का मुख्यालय अब दुबई हो गया है। जहां सटोरियों को आनलाइन और आफ लाइन सट्टा खिलाने बुकी बनने का प्रशिक्षण दिया जाता है। दुबई से प्रशिक्षण प्राप्त कर सटोरियों का नेटवर्क पूरे देश में काम करने लगा है। कोई सा भी सट्टा हो वो सभी विधाओं में पारंगत हो चुके है।
सटोरियों को सरकारी नौकरी से ज्यादा तनख्वाह
दुबई से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सटोरियों को सट्टा संचालित करने के लिए लाखो ंरूपए का पैकेज दिया जाता है जो सरकारी नौकरी के तनख्वाह से दोगुना होता है। जिसके कारण युवाओं में सट्टा संचालन का इतना क्रेज है कि वो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटते । इतना पैसा दिया जाता है उनका शानो-शोकत पूरे रईसीठाट के साथ पूरे होते है।
महादेव बुक और रेड्डी अन्ना की ईडी कर रही जांच
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सट्टेबाजी के ऑनलाइन प्लेटफार्म महादेव बुक और रेड्डी अन्ना की जांच कर रही है। ईडी ने कुछ बड़े पुलिस अफसरों से दुबई में छिपे महादेव बुक के सरगना सौरभ चंद्राकर और उसके करीबी साथी रवि उत्पल, कपिल चेलानी तथा सतीश कुमार की जानकारी मय फोटो के मांगी है। बताया जाता है कि ईडी को प्रारंभिक जानकारी दे दी गई है। पुलिस के पास सभी आरोपियों की फोटो नहीं है, इसलिए फोटो ईडी को नहीं भेजी गई। सूत्रों के मुताबिक, कुछ माह पहले ही ईडी के अधिकारियों ने मोहननगर, छावनी, सुपेला और रायपुर पुलिस से संपर्क कर महादेव बुक से जुड़े सरगनाओं की जानकारी मांगी थी। दुर्ग पुलिस ने अब तक सौ से ज्यादा सटोरियों पर कार्रबाई की है वहीं रायपुर पुलिस ने भी महादेव बुक से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करते हुए 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
सट्टा सरगना के अमेरिका शिफ्ट होने की अटकलें
पुलिस की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि रवि का करीबी रिश्तेदार अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने ही महादेव बुक और अन्य प्लेटफार्म को तैयार किया है। इस इंजीनियर ने ऑनलाइन भारत के अलावा कई देशों में इसे फैलाया है। फिलहाल दुबई और अमेरिका से ही उनका ऑनलाइन सिस्टम ऑपरेट हो रहा है। पुलिस को यह जानकारी भी लगी है कि रवि और सौरभ भी दुबई से अपने परिजनों को अमेरिका शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हंै। इधर डीडी नगर इलाके में तीन मकान-फ्लैट पर महादेव बुक का रैकेट चलाने वाले सतीश कुमार को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई है। पुलिस का दावा है कि वह अभी फरार है। एएसपी सिटी अभिषेक माहेश्वरी ने कहा कि ईडी और आईटी महादेव बुक से संबंधित जो भी जानकारी मांगेंगी उसे उपलब्ध करवा दी जाएगी। पुलिस फरार आरोपियों की लगातार तलाश कर रही है।
सट्टे ने तबाह किए कई परिवार
बीते कुछ सालों में सट्टे से तवाह हुए लोगों की खुदकुशी के दर्जनों मामले सामने आए हैं। जो देशभर के अलग-अलग हिस्सों में घटित हुई । सबकी वजह एक ही है सट्टा मटका खासतौर से ऑनलाइन सट्टा. दरअसल ऑनलाइन सट्टे पर देश में कोई साफ कानूनी व्याख्या न होने के चलते सट्टेबाज इसका लाभ उठा रहे हैं. हालांकि किसी भी तरह का जुआ देश में प्रतिबंधित है लेकिन जानकार मानते हैं ऑनलाइन सट्टेबाजी में इस कानून की स्पष्टता नहीं है इसी का फायदा उठाया जा रहा है. इन कुख्यात एप ने सट्टे के नेटवर्क को चलाना और आसान कर दिया है. नतीजा ये हुआ है कि बीते कुछ सालों में सौ दो सौ करोड़ नहीं बल्कि ऑनलाइन सट्टेबाजी का देशभर में कई हजार करोड़ का काला व्यापार शुरू हो चुका है.
सट्टे की सैकड़ों एप ने सट्टेबाजी के काले धंधे को पैर लगाने का काम किया है. भारतीय कानून से बचने के लिए ये एप विदेशों से ऑपरेट होती हैं और हर दिन हजारों लाखों लोगों को नंबरों पर, क्रिकेट पर व अन्य गेम्स पर दांव लगाने के बहाने अपने जाल मे फंसा रही हैं. इसमें हाल में जो सबसे ज्यादा चर्चा में नाम आया है वो महादेव बुक ऐप का है. दूसरा नाम अन्ना रेड्डी बुक एप है. हाल ही महादेव बुक एप चलाने वाले सट्टेबाजों द्वारा दुबई में दी गई एक पार्टी बेहद चर्चा में रही. इसमें पैसा पानी की तरह बहाया गया था.
इसके साथ की क्रिकेट व अन्य खेलों पर सट्टा लगाने वाली साइटों में सबसे बड़ा नाम १3क्चद्गह्ल का आता है. यह विदेश से संचालित होती है. यह साइट कई देशों में प्रतिबंधित है. वहां भी जहां से बनाया गया था रूस में. ब्रिटेन में इसे 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था. अब यही ऑनलाइन बैटिंग साइट (ह्रठ्ठद्यद्बठ्ठद्ग क्चद्गह्लह्लद्बठ्ठद्द ह्यद्बह्लद्ग) भारत में जड़ें जमाने की कोशिश कर रही है. हैरानी इस बात की है कि कुछ बड़ी सेलिब्रिटी ने इसका प्रमोशन भी किया है. विदेश से नियंत्रित होने वाली इन वेबसाइट पर यूजर को अकाउंट क्रिएट करने के लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर करनी होती है. 1&क्चद्गह्ल पर वन टाइम पासवर्ड भेजा जाता है जो रसियन में होता है. एक बार यूजर लॉगइन करने पर यूजर क्रिकेट व अन्य खेलों पर दांव लगा सकता है. ये वेबसाइट ई वॉलेट, बैंक ट्रांसफर, बैंक कार्ड्स, क्रिप्टोकरेंसी की भी सुविधा देती है. पकड़ में न आएं इसलिए इनके पेमेंट सिस्टम लगातार बदलते रहते हैं।