छत्तीसगढ़

संक्रमण काल में भी ऐश, होटलों में नशे की पार्टियां

Admin2
21 Jun 2021 5:51 AM GMT
संक्रमण काल में भी ऐश, होटलों में नशे की पार्टियां
x

देर रात तक चल रही ड्रग्स, हुक्का व शराब की पार्टी, पुलिस ने आंखें मुंदी'

<छुटभैय्ये नेता की शह पर पुलिस ने आंख मूंदी

<एक छुटभैय्ये नेता के संरक्षण में होटलों में चल रही नशे की पार्टियां

एक कांग्रेस नेता जो सरकार को बदनाम करने में तुला है....

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी के वीआईपी रोड स्थित होटल, रेस्टोरेंट में धड़ल्ले से नाईट पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। वीआईपी रोड की हर होटलों में हुक्का पार्टी चलाए जा रही है। कोरोना महामारी के चलते जहां लोग अपने घरो से बाहर भी नहीं निकलते थे लेकिन वाआईपी रोड में हर रात लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया जाता है। रोजाना ड्रग्स, हुक्का, शराब की पार्टी चलती है, मीडिया में लगातार खबरें आने बावजूद राजधानी के बड़े होटलों और पब्स में खुलेआम अवैध नाइट पार्टियां चल रही है, प्रशासन के बिना अनुमति के छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में होटल, क्लब संचालक बेखौफ इन पार्टियों का आयोजन कर रहे है। जिसमें समय सीमा खत्म होने के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जाते है। पार्टी के आयोजन कर्ताओं और होटलों के संचालकों को इलाके के छुटभैय्या नेताओं से ही संरक्षण मिल रहा है। इसका पुख्ता सुबूत जनता से रिश्ता के पास मौजूद है। वीआईपी रोड एक रेस्टोरेंट में शनिवार की रात एक नाईट पार्टी आयोजित थी। जिसमें रात 12 बजे के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जा रहे थे।

नशे की पार्टी का वीडियो भी हुआ वायरल

नशे की पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के आयोजनकर्ताओं को पहचाना जा सकता है। वीकेंड की रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही जिसमें शराब और नशा भी परोसा गया। छुटभैय्या नेताओं की मौजूदगी में रात में वीआईपी रोड धुआं रोड में तब्दील हो गया। जिधर देखों उधर सुट्टा का धुआं तो कहीं हुक्का का धुआं वीआईपी रोड को गमकाता रहा। पुलिस की पहरेदारी में हो रहे इस तरह की नशे की पार्टी कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। जिसका जीता जागता उदाहरण कैफे और क्लब है, जहां पार्टी के लिए बहाना ढूंढा जाता था, जिसका हश्र लीज निरस्त तक पहुंच गया है। उसके बाद भी वीआईपी रोड पर स्थित होटलों और ढाबों वालों ने सबक नहीं लिया बल्कि उस नशे के कारोबार को और तेजी से बढ़ाने के लिए होटल मालिकों में प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। अब तो सस्ते में पार्टी पैकेज बनाकर उद्योगपतियों के घरों में जाकर पार्टी बुकिंग करा रहे हैं।

अब नशा भी स्टेट्स सिंबाल

नशा ना करना आज के दौर में मॉडर्न युवा पीढ़ी की नजरों में बैकवर्ड समझा जाता है। जो पार्टी या क्लब या ब्याह-शादी, बर्थडे वगैरह में ड्रिंक नहीं लेता वह गंवार होता है। कभी ऐसा भी होता है कि इस तरह के आयोजनों में यदि कोई लड़की या महिला शामिल होकर आउट हो जाए यानी ज्यादा ड्रिंक कर ले तो काफी बदतमीजी व्यहार भी हो जाती है। ऐसे मौके पर नशाखोरी को प्रेस्टिज का प्वॉइंट बना लिए हैं। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है। युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है। स्कूल-कॉलेज भी नशे से अछूते नहीं रहे। स्कूल-कॉलेजों में छोटे से बड़ा नशा करने वाले 15 से 25 वर्ष आयु वर्ग के लड़के-लड़कियां दोनों नशे के आदि हो गए है।

वीकेंड की पार्टी में वीआईपी रोड रंगीन

वीआईपी रोड के होटलों और क्लबों में विकेंड और संडे पार्टी हमेशा सुर्खियों में रहा है। जहां पुलिस वाले भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर आयोजकों के साथ पार्टी में शामिल होकर होटलों में रात की पार्टियों को रंगीन कर रहे है। ड्रग पैडलरों और ड्रग सप्लायरों ने राजधानी को नशे की गर्त में ढकेल दिया है। तेलीबांधा क्षेत्र के आसपास और वीआईपी रोड के होटलों और ढाबों, कैफों और क्लबों में विकेंड और संडे की सुबह तक रंगीन मिजाज लोगों को पार्टी आबाद होती रही। ढाबों के बाहर खुलेआम दारू पिलाई जाती है। और कैफे में युवाओं को हुक्का परोसा जाता है। वीआईपी रोड के आसपास पुलिस की गश्त भी बाकायदा होती रही। रात भर चली नशे की पार्टी में शामिल होने वालों ने और आयोजकों ने महामारी अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर रख दिया।

मामले की जानकारी मीडिया में आई ख़बरों से मिली है जल्दी ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए टीम भी गठित की जा रही है।

- सोनल ग्वाला

तेलीबांधा, थाना प्रभारी

मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता में किसी खबर को छपवाने अथवा खबर को छपने से रूकवाने का अगर कोई व्यक्ति दावा करता है और इसके एवज में रकम वसूलता है तो इसकी तत्काल जानकारी अखबार प्रवंधन और पुलिस को देवें और प्रलोभन में आने से बचें। जनता से रिश्ता खबरों को लेकर कोई समझोता नहीं करता, हमारा टैग ही है-

जो दिखेगा, वो छपेगा...

Next Story