छत्तीसगढ़

ड्रग शौकीनों को परोसा जा रहा है 'म्याऊं'

HARRY
8 Dec 2020 5:59 AM GMT
ड्रग शौकीनों को परोसा जा रहा है म्याऊं
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राजधानी में बदस्तूर जारी हैं चोरी-छिपे नशीली रातों वाली पार्टियों का सिलसिला

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। ड्रग के शौकीनों में म्याऊं का प्रचलन बढ़ रहा है। म्याऊं भी वाइट पाउडर ही है जो चुने से भी ज्यादा सफ़ेद होता है और इसे मार्केट में मेफेड्रोन के नाम से जाना जाता है। म्याऊं ड्रग के बारे में सबसे पहले तब पढ़ा गया जब मुंबई में एनसीबी की कार्रवाई के दौरान पकड़े गए ड्रग्स पैडलरों ने इस ड्रग के बारे में बताया। राजधानी में भी ये ड्रग प्रचलन में है और इसके शौकीन बढ़ते जा रहे है। शहर में लगातार नशे की पार्टियां आयोजित हो रही है। मीडिया में लगातार इस तरह की पार्टियों की खबरें सामने आने के बाद भी ना तो पुलिस इन्हें रोकने की कोई कोशिश कर रही है और ना ही सरकार में बैठे लोग इन पार्टियों पर रोक लगाने कोई पहल कर रहे है। इससे ऐसी पार्टियों के आयोजन के हौसले बुलंद है। और किसी तरह की कार्रवाई का डर उनमें नहीं है। वीआईपी रोड की होटलों में युवा हर शनिवार और रविवार नशे की पार्टियों का आयोजन किया जाता है जिसमें रसूखदार और बड़े घर के लोग और खासकर युवा शिरकत करते है। इन पार्टियों में बेख़ौफ़ नशे के सामानों का इस्तेमाल होता है जिसे लेकर युवा मस्ती में झूमते रहते है। शहर में नशे का कारोबार लगातार अपने पैर पसार चुका है। शहर में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। युवा वर्ग नशे के सौदागरों के निशाने पर है। बड़ी संख्या में युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। सोची समझी साजिश के तहत युवाओं को शामिल कर चोरी-छिपे पार्टियां आयोजित की जाती हैं। युवाओं में नशा सिर्फ सिगरेट व शराब सीमित नहीं रहा बल्कि वर्तमान समय में कोकीन, हेरोइन, गांजा, चरस, नशीली दवाइयाँ आदि का नशा युवाओं को तेजी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। हेरोइन की तरह युवाओं में नशीली दवाइयों का सेवन भी नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है। ड्रग माफियों के निशाने में अब रायपुर शहर आ चुका है। नशे का कारोबार बहुत ही बड़ा है और यह दिन पे दिन एक विकराल रूप धारण करता जा रहा है। जहां एक और नशा दीमक की तरह युवाओं को चाट जाता है। होटलों की पार्टी आयोजित करने का प्रचलन पहले अधिक नहीं था, लेकिन अब युवा नशे का धंधा करने वाले पार्टियों को बढ़ावा दे रहे हैं। ड्रग्स पैडलरों पर कार्रवाई के बाद पुलिस की कार्रवाई ढीली पद गई है। मुंबई से नाइजीरियन को पकड़कर लाने के बाद पुलिस ने इस मामले के बाद कोई और बड़ी कार्रवाई नहीं की है।

पॉश कालोनियों में घरों तक पहुंची नशा पार्टी : युवा चरस, अफीम, हेरोइन का नशा कर इतने मदमस्त हो जाते हैं कि कई बार उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। वीआईपी रोड की पॉश कॉलोनिया हों या फिर कोई अन्य क्षेत्र, ऐसी पार्टियां अधिकतर रात में होती हैं। इन पार्टियों को आयोजित करने के लिए कई बार युवा सोशल साइट्स तक का इस्तेमाल करते हैं। इनमें चरस से हेरोइन तक का नशा किया जाता है। पुलिस को भी इसकी जानकारी है, लेकिन कई बार इतने गुपचुप तरीके से यह सब होता है कि किसी को भनक तक नहीं लगती। कई बार ऐसी पार्टियां खाली घरों में भी आयोजित होती हैं।

म्याऊं नया ड्रग्स आया बाजार में

नशा एक ऐसी लत है जो आहिस्ता-आहिस्ता पहले नसों में उतर कर इंसान को अपनी गिरफ्त में लेता है और फिर उसे पूरी तरह तबाह कर देती है। युवा आज कल इसी नशे की गिरफ्त में कैद हैं। मेफोड्रोन नाम के ड्रग को पार्टियों में म्याऊं के नाम से पुकारा जाता है। इस ड्रग की 25 से 30 डोज लेने पर युवाओं की मौत भी हो जाती है।

ईरानी डेरा से जुड़े कनेक्शन

नवा रायपुर बिजली आफिस में तैनात सुरक्षा गार्ड को पुलिस ने नशीली दवाइयां बेचते गिरफ्तार किया है। तलाशी के दौरान 360 नसीली टेबलेट मिला । जिसे उसने ईरानी डेरा से खरीदना बताया है। पुलिस ईरानी डेरा से जुड़ गुंडे बदमाशों की तलाश कर रही है।

हिस्ट्री शीटरों की कुंडली निकाली

पुलिस ने पुराने और निगरानीशुदा गुंडे बदमाशों की कुंडली निकाल कर घेराबंदी शुरू कर दी है। साइबर स्पेशल टीम ने 15 ठिकानों पर दबिश देकर 6 बदमाशों का पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने उनके परिजनों को सरेंडर कराने की चेतावनी दी है। नहीं तो बुरा अंजाम होगा। जिनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की जाएगी इनमें कालीबाड़ी, मौदहापारा, राजातालाब, तेलीबांधा, सड्डूमोवा के बदमाश शामिल है।

15 से 25 वर्ष के युवा फंस रहे जाल में

नशे की चपेट में अधिकतर 15 से 25 वर्ष आयु वर्ग के युवा आते हैं। इनमें से अधिकांश पहले शौक-शौक में नशा करते हैं फिर इसके आदी हो जाते हैं। नशा शौक के बाद लता बनते जाता है और नशे के चलते अपराधों का भी ग्राफ बढ़ते जा रहा है। अकेले रहने वाले युवाओं में नशा करने की संभावना अधिक होती है क्योंकि ऐसे युवा अपने माता-पिता के बिना अकेले किराए में रहते है जिसकी वजह से उनमें नशा करने का पहले मन होता है फिर ये नशा शौक बनता है फिर ये नशा धीरे-धीरे आदत और फिर एक समय में लत बन जाती है। युवाओं में नशे का चस्का सिर चढ़कर बोलने लगा है। इसमें युवकों के साथ ही युवतियों भी पीछे नहीं है। बड़े घरानों की महिलाओं के साथ नशे की लत कई महिलाओं को अपनी जद में ले रहा है। युवाओं में नशे की लत केवल शराब की नहीं बल्कि ड्रग है।

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