छत्तीसगढ़

पुलिस की कार्रवाई के बाद भी ड्रग्स कारोबारी नहीं आ रहे बाज

Admin2
1 Feb 2021 6:09 AM GMT
पुलिस की कार्रवाई के बाद भी ड्रग्स कारोबारी नहीं आ रहे बाज
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कई निचली बस्तियों में अब सूखा नशा का व्यापार चल रहे तेजी से

आफताब फरिश्ता

रेस्टोरेंट में हुक्का पिलाने की आड़ में परोसा जाता है कोकीन

ड्रग्स सप्लायरों के खिलाफ पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड पर

होटलों में विकेंड पार्टियां नाम नहीं ले रही है रुकने का

ड्रग पैडलरों और सप्लायरों ने राजधानी को नशे के अंधेरे खोह में धकेल दिया

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में अपराध आए दिन बढ़ते जा रहे है। दिन ब दिन अपराध बढ़ते जा रहे है। ड्रग्स मामले में पुलिस की इतनी कड़ी कार्रवाई के बाद भी नशे के कारोबारी अपने कारोबार को बढ़ाने से बाज नहीं आ रहे है। राजधानी में नशे का कारोबार करने वाले अपराधी अपना शिकंजा कसते जा रहे हैं। अपराधी ही वारदातों को अंजाम दे रहे है। जिसके चलते पुलिस के सामने भी ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ड्रग्स सप्लाई के मामले में रायपुर पुलिस पूरी तरह एक्शन के मोड में है। पुलिस के मुताबिक अक्सर शनिवार-रविवार को पार्टी होती है, जिसमें दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर के युवक-युवतियां शामिल होते है। रेस्टोरेंट में हुक्का भी चलता है। हुक्का पिलाने की आड़ में कोकीन भी परोसा जाता है। एक के बाद एक गिरफ्तारी हो रही है।

युवा भी हो रहे नशे के आदी: रायपुर जिले में कच्ची शराब का कारोबार भी बहुत तेजी से फैल रहा है। इसमें युवाओं की भी भूमिका सक्रिय है। नशा एक फैशन सा बन गया है। शादी हो या पार्टी किसी भी अवसर पर शराब के शौ़कीन युवा नशा करने से नहीं चुकते। इसका खामियाजा को भुगतना पड़ रहा है। हर रोज दुर्घटनाएं, हत्या, लूट एवं डकैती की घटनाएं हो रही हैं। इसके पीछे कच्ची शराब का भी सहयोग है। युवाओं के अंदर बढ़ रही नशा की लत से समाज में कई तरह की बुराइयां जन्म ले रही हैं। जो देश के लिए अच्छी खबर नहीं है।

नशाखोरी एक आपराधिक समस्या

शहर में शराब को लेकर उतनी बड़ी समस्या नहीं है, जितना कि ड्रग लेना। शराब बेचना और पीना तो समाज में दिखता है, लेकिन ड्रग बेचना और उसका इस्तेमाल नहीं दिखता है और इसलिए मालूम नहीं चल पाता कि ड्रग का कारोबार और विस्तार कितना बड़ा है। शराब पर शोर-शराबा है, लेकिन ड्रग पर खामोशी है। लोग क्यों नहीं समझते कि नशाखोरी एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि आपराधिक समस्या भी है। इस पर लगाम लगाने की कोशिशें सख्ती भरी नहीं होती हैं। अगर इसे आपराधिक समस्या मानकर चलें, तो इसके लिए न सिर्फ सख्त से सख्त कानून ला सकते हैं, बल्कि ड्रग के इस्तेमाल से बचने के लिए नये तरह के जागरूकता वाले संस्थान बना सकते हैं।

तस्करों के हौसले बुलंद

राजधानी में नशा तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए है जो दोगुने रेट में युवाओं और नशेडिय़ों को नशा उपलब्ध करा रहे हैं। रायपुर की कई निचली बस्तियों में अब सूखा नशा व्यापार भी तेजी से बढ़ गया है। किसी न किसी तरीके से तस्कर पुलिस के सामने से चकमा देकर निकल रहे हैं। जबकि पुलिस चप्पे पर लोगों की सुरक्षा में तैनात है। इसके बाद भी नशे का अवैध कारोबार का होना अपने आप में ही कई सवाल खड़ा कर रहा है। पुलिस भी मान रही है कि इन दिनों नसे का प्रचलन जरूर बढ़ा है, लेकिन उनके सूचना तंत्र काम कर रहे है जिससे इसे रोका जा सके। रायपुर में मुख्य रूप से सॉल्यूशन, गांजा, टेबलेट, सिरप जैसे नशे का कारोबार का प्रचलन थोड़ा बड़ा है।

रात भर वीआईपी रोड में चली पार्टियां पीसीआर का खौफ हुआ कम

राजधानी में भी नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। हिस्ट्रीशीटरों से जुड़े कई तस्कर खुलेआम कहीं गांजे की चिलम जलाते हैं, तो कहीं पुडिय़ां बनाकर बेचते हैं। लोगों की लगातार शिकायतों के बाद पुलिस ने आधी रात तक पीसीआर वैन में घूमती रहती है मगर उसके बाद भी हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार नहीं हो पाते है। नए साल के आने से पहले ड्रग्स माफिय़े और हिस्ट्रीशीटरों का जलवा नजर आने लगा है। हिस्ट्रीशीटर लंबे समय से गांजा और सट्टे का कारोबार कर ही रहे है। पुलिस उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की है। मगर उसके बाद भी हिस्ट्रीशीटर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है।

वीकेंड पार्टी हो रही गुले-गुलजार

पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद भी वीआईपी रोड के हर होटलों में शनिवार और रविवार को नशे की पार्टियां रुकने का नाम नहीं ले रही है। वीआईपी रोड के होटलों और क्लबों में विकेंड और संडे पार्टी हमेशा सुर्खियों में रहा है। आयोजकों के साथ पार्टी में शामिल होकर होटलों में रात की पार्टियों को रंगीन कर रहे है। ड्रग पैडलरों और ड्रग सप्लायरों ने राजधानी को नशे की गर्त में ढकेल दिया है। तेलीबांधा क्षेत्र के आसपास और वीआईपी रोड के होटलों और ढाबों, कैफों और क्लबों में विकेंड और संडे की सुबह तक रंगीन मिजाज लोगों को पार्टी आबाद होती रही। वीआईपी रोड की होटलों में आए दिन नशे की पार्टियों का आयोजन हो रहा है।

राजधानी में लगातार पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान के बाद भी अवैध कारोबार करने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आते है, जिसके चलते पुलिस को भी कार्यवाही करने में बहुत परेशानी होती हैं। इसके बावजूद राजधानी में नशे का कारोबार बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। नशे के लती लोग अवैध रूप से अपने नशे की बुरी आदत को पूरा करने के लिए महंगे दाम पर गुटखा सिगरेट खरीदते हैं। जिस पर लगाम कसने के लिए पुलिस को कभी-कभी नाकामी हाथ लग रही हैं।

नशे में मदहोश युवाओं की पार्टी अल सुबह तक

नशे की पार्टी में युवा मदहोश होकर ठुमके लगाते है। नशा पार्टी करने वाले युवक-युवतियां अपनी पार्टी को मजेदार बनाने के लिए ड्रग्स, अफीम, कोकीन जैसा नशा लोगों के साथ मिलकर करते है और राजधानी में नशे की पार्टी शनिवार और रविवार को जमकर चलती है। जिसके चलते युवा ड्रग्स और अफीम की पार्टियों में डूबे हुए नजऱ आते हैे। राजधानी में पुलिस ने नशे के सौदागरों पर कमर तोड़ कार्रवाई की है, उसके बाद भी नशा युवाओं को और युवा नशे को नहीं छोड़ते। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में पुलिस और कानून व्यवस्था की पूरी तरह से धज्जियां उड़ रही है। तेलीबांधा क्षेत्र और वीआईपी रोड स्थित नशे की पार्टियां हर रात चलती है। मगर विशेष रूप से नशे की पार्टियां शनिवार और रविवार को पूरे मौज-मस्ती के साथ देर रात से अल सुबह तक चलती है। वीआईपी रोड रईस लोगों के पार्टी करने का सबसे बड़ा अड्डा है। ऐसे लोग पार्टियों के साथ-साथ नशे का कारोबार भी करते है। और युवाओं को नशे के दलदल में धकेल रहे है।

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