शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन
रायगढ़ raigarh news। शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी–बर्रा में शुक्रवार को रेड क्रॉस इकाई के तत्वावधान में एक दिवसीय नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, शराब और ड्रग्स जैसे विभिन्न प्रकार के नशों के दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही, नशे की लत से छुटकारा पाने के उपाय भी बताए गए। chhattisgarh news
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 18 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में बढ़ती नशे की लत और आत्महत्या की घटनाओं को रोकना था। इस संदर्भ में, तनाव प्रबंधन के उपायों पर विशेष जोर दिया गया। कार्यशाला में बताया गया कि नशा करने वाले और आत्महत्या के कारण और इस तरह की प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों की पहचान कैसे की जा सकती है और उन्हें समय रहते कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है।
प्राचार्य रविंद्र कुमार थवाईत के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यशाला में सहायक प्राध्यापक एवं रेड क्रॉस कार्यक्रम अधिकारी योगेंद्र कुमार राठिया का विशेष मार्गदर्शन रहा। वहीं, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री वासुदेव प्रसाद पटेल ने कार्यशाला के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया। कार्यशाला में नशे की लत के कारणों के उदाहरण एवम प्रदेश ही नहीं संबंधित क्षेत्र ग्राम जोबी के परिप्रेक्ष्य में नशा मुक्ति के उपायों और आत्महत्या की परिस्थितियों पर उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई। तनाव प्रबंधन के उपायों पर भी विशेष ध्यान दिया गया ताकि युवाओं को नशे और आत्महत्या जैसी समस्याओं से बचाया जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को स्वयं एवम उनकी जान पहचान में ऐसे लोग जो लोग भी नशा करते हैं अथवा अत्यधिक तनाव में है या आत्महत्या करने जैसी स्थिति में है, उन्हें प्रशिक्षण में दिखाए गए तरीकों के द्वारा रोकने के लिए दिन–प्रतिदिन की सकारात्मक दृष्टि से हां या ना वाली डायरी मेंटेन करने का लक्ष्य दिया गया। जिसका आंकलन एवम मूल्यांकन भी महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा समय–समय पर किया जाएगा।
कार्यशाला के आयोजन में महाविद्यालय के विद्यार्थी सैकड़ों की तादात में उपस्थित रहे और यह संबंधित अधिकारी–कर्मचारियों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की कार्यशालाएं युवाओं को जागरूक करने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बता दें कि इस दौरान प्रयोगशाला तकनीशियन श्री एल.आर. लास्कर और कर्मचारी श्री महेश सिंह सिदार एवम श्री मोहन सारथी का योगदान सराहनीय रहा।