छत्तीसगढ़

नशे की लत युवाओं को बना रही अपराधी

Admin2
28 March 2021 5:45 AM GMT
नशे की लत युवाओं को बना रही अपराधी
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छिनताई, लूट, चोरी की बढ़ते घटनाओं ने पुलिस के कान खड़े किए

नशे के कारोबारी छुटभैय्या नेताओं को नजराना पेश कर रातों का कर रहे रंगीन

नशे की पार्टी के क्रेज़ ने युवाओं को अपराध की दुनिया की ओर मोड़ दिया

नशे के आदी युवक-युवतियां तलब मिटाने अपराध करने से भी पीछेनहीं हटते

पार्टी के नाम पर नशे को सौैदागरों ने युवाओं को बना दिया ड्रग एडिक्ट

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में पुुलिस अपराधियों पर नकेल कसने के लिए दिन रात मशक्कत कर रही है, वहीं पुलिस को चकमा देकर या सांठगांठ कर छुटभैया नेताओं के सिंडीकेट के दबाव में हर रात किसी न किसी के बहाने पार्टी हो रही है। होटल मालिक कमाई के लालच में बिना अनुमति के नाइट पार्टियां आर्गनाइज कर युवक-युवतियों को आकर्षक आफर देकर होटलों की रातों को रंगों से सराबोर कर रहे है। शौक पूरा करने और टशन बनाए रखने के लिए युवक गलत रास्ते में कदम रख चुके है। घर के महंगे नशे के लिए पैसा नहीं मिलने पर लूट, छिताई, चोरी को अंजाम देकर उन पैसों से अय्यासी कर रहे है। पिछले तीन दिनों से हर रात शराब और शबाब के शौकीनों की महफिल वीआईपी रोड सहित शहर के होटलों में वीकेंड पार्टी चल रही है, सिटी में नशे के सौदागरों ने पूरी तरह पैर पसार लिया हैं। उनके जाल में फंस रहे युवा, नशे की लत के कारण जिंदगी दांव पर लगा चुके हैं। वीआईपी रोड की होटलों में आयोजित हो रही पार्टियों के आमंत्रण के लिए नशे के सौदागरों ने सोशल मीडिया को अपना अड्डा बना लिया है। रायपुर के युवाओं में नशे का ट्रेंड भी बदल गया है। पहले जहां शराब, हुक्का, कफ सिरफ, टैबलेट, गांजा आदि का सेवन अधिक किया जाता था, अब इसकी जगह पर बड़े घरों के युवा कोकीन, ब्राउन शुगर आदि का डोज लेने लगे हैं। नशे का सेवन कर रहे युवा अंधेरे खाई में डूबते जा रहे हैं, जहां से वापसी का कोई रास्ता ही नहीं है। राजधानी में नशे की पार्टी का क्रेज़ एक बार फिर से युवाओं में खुमार बनाकर चढ़ा है। युवाओं में वीआईपी रोड की महंगी होटलों में नजऱे जमी हुई है। और हर दिन यहा हज़ारों युवा यहा पार्टी करने आते है। ड्रग्स, अफीम और डोडा का कारोबार जोर-शोर से चले जा रहा है। वही वीआईपी रोड की होटलों में नशे की पार्टी का आयोजन होने लगा है। शनिवार और रविवार की वीकेंड के मौके पर युवाओं ने रात-भर जमकर पार्टी की और नशे में मदहोश होकर झूमते रहते है। सिर्फ होटलों नहीं बल्कि रेस्टोरेंटो, ढाबों और क्लबों में भी नशे की पार्टी आयोजित की जाती है। वहां चोरी छिपे शराब पिलाने के साथ अफीम-डोडा और गांजा भी उपलब्ध कराया जाता है।

नशा कब होगा बंद

नशे का कारोबार कब होगा बंद ? युवा पीढ़ी नशे के दलदल से आखिर कब बाहर निकलेगी ? आज नशा पूरी शहर के लिये चुनौती बना हुआ है। काफी पाबंदी के बाद भी लोग इसकी आगोश में आते जा रहे हैं। जिसका सीधा असर युवाओं पर साफ पड़ता दिख रहा है। नशे की समस्या से रायपुर भी अछूता नहीं रहा है। बल्कि यहां तो नशे के व्यापार में महिलाओं का नाम भी खुलकर सामने आ रहा है। शहर में गांजा, अफीम आदि नशे का कारोबार तेजी बढ़ रहा है। जिससे युवा पीढ़ी की गिरफ्त में आती जा रही है। ढाबे में ज्यादातर ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग या बड़ी गाडिय़ां चलाने वाले आते हैं। घरों से बाहर रहकर पढऩे वाले भी कई छात्र-छात्राएं अक्सर ढाबे में नशा करने ही पहुंचते है। नशे के सौदागर भी युवतियों में नशे का ट्रेंड देखकर ही अफीम, ड्रग्स बेचने के लिए महिलाओं और युवतियों का सहारा लेते है।

नशे में डूब रहे युवा

राजधानी के वीआईपी रोड स्थित रेस्टोरेंटों में आए दिन बिना अनुमति के ही नशे की पार्टियां की जा रही है। वीआईपी रोड के सभी होटलों आए दिन नशे की पार्टियां फिर से गुलज़ार होने लगी है। मगर जैसे ही नए साल का जश्न ख़त्म हुआ वैसे ही नशे के सौदागरों की नजऱें फिर से वीआईपी रोड के होटलों में टिक गयी है। नागपुर के रास्तों से बार बालाओं को रायपुर लाया जाता है। हर दिन वीआईपी रोड की होटलों में नाच-गानों के साथ-साथ नशे का व्यापार भी करते है। काफी पाबंदी के बाद भी लोग इसकी आगोश में आते जा रहे हैं। जिसका सीधा असर युवाओं पर साफ पड़ता दिख रहा है। नशे की समस्या से रायपुर भी अछूता नहीं रहा है। बल्कि यहां तो नशे के व्यापार में महिलाओं का नाम भी खुलकर सामने आ रहा है। शहर में गांजा, अफीम आदि नशे का कारोबार तेजी बढ़ रहा है। जिससे युवा पीढ़ी की गिरफ्त में आती जा रही है। नशे का सेवन कर रहे युवा नशे में डूबते जा रहे हैं। राजधानी में नशे की पार्टी का क्रेज़ एक बार फिर से युवाओं में खुमार बनाकर चढ़ा है।

युवाओं का पसंदीदा नशा ड्रग्स

रायपुर शहर में युवाओं का सबसे फेवरेट नशा ड्रग्स है। इसे कोक के नाम से भी जाना जाता हैं। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि एक ग्राम कोक की कीमत 6 से 7 हजार रुपए है। मुंबई से नागपुर, नागपुर से जबलपुर, जबलपुर से रायपुर कोक लाने के लिए नशे के सौदागर लंबे पहुंच लगाते है। और शहर में नशा पहुंच जाता है तो पुलिस के बनाये अभियान को ठेंगा दिखाकर खुलेआम अपना कारोबार चलाते है। अब ड्रग्स में भी आधा टैल्कम पावडर मिलाकर दे दिया जाता है। जिससे नशा तो असली हो जाता है मगर नशे का सामान रहता नकली है। युवाओं में ड्रग्स का नशा ऐसे चढ़ता है कि युवा यूं ही झूमता रहता है। कोक को नाक के जरिए लेते हैं खाते भी हैं आम तौर पर कोक का नशा आधे घंटे तक ही रहता है।

आनडिमांड आता है ड्रग्स

नशे के सौदागरों द्वारा डिमांड के आधार पर इसे मुंबई से मंगाया जा रहा है। इस महंगे नशे के ग्राहक बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमने वाले रईस हैं, जिनमें युवक-युवतियों से लेकर महिलाएं भी शामिल हैं। रायपुर में नवयुवक नशे के इतने आदी हो गए है कि नहीं मिलने पर पागलपन सवार हो जाता है, जिसके कारण अपराध बढ़ रहे है। राजधानी की संड़ांध मारती गली-मोहल्लों में पुडिय़ाबाजों ने अड्डा बना रखा है। जहां से वह घरों में सप्लाई कर रहे है। खबरदारों का कहना है कि इसके पीछे छुटभैया नेताओं का हाथ है, जो उनसे अवैध वसूली कर उन्हें बचाने के लिए संरक्षण देकर गांजा के काले कारोबार को बढ़ावा दे रहे है। गली-मोहल्ले में नशे का कारोबार करने वाले हर महीने एक निर्धारित राशि अपने मोहल्ले के नेताओं को नजराना पेश करते है।

युवाओं में नशा का सुरूर, छुटभैय्ये नेताओं की देन

नशा परोसने और खपाने का काम बड़े होटलों में चल रहा है, जिसमें कई रसूखदार शेयर होल्डर है, या जिनकी छुटभैया नेताओं की पहुंच वाले लोग है, ऐसे लोगों के संरक्षण में नशे का सामान युवक-युवतियों को परोसा जा रहा है। छुटभैय्या नेताओं के कारण ही ड्रग्स माफियों का कलेजा खुलकर ड्रग्स पार्टी के लिए पूरे भारत में इकलौता रायपुर शहर है जहां ड्रग्स पार्टी के लिए किसी और के कलेजे और हौसले के जरुरत नहीं हैं। अगर लॉकडाउन लगाने के पहले आज ही शासन प्रशासन ने शनिवार और रविवार की ड्रग्स पार्टियों पर रोक लगा दिया जाता तभी ये लॉकडाउन सार्थक साबित होता। रायपुर के वीआईपी रोड में ऐसे कितने हुक्काबार, रेस्टोरेंट, होटल, कैफे है जो युवाओं को पार्टी करने की अनुमति देते है।


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