दुर्ग। सबको पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही पेयजल की गुणवत्ता भी बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य शासन द्वारा इन दोनों दिशाओं में प्रयास किया जा रहा है जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी घरों में पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। साथ ही पेयजल गुणवत्ता के लिए भी कार्य किया जा रहा है। आज आप लोगों ने एफटीके के माध्यम से पेयजल गुणवत्ता का प्रशिक्षण लिया। पेयजल की शुद्धता के बारे में प्रारंभिक रूप से जानने के लिए बहुत ही कारगर है। यह बात पीएचई मंत्री ने अहिवारा में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर को शुद्ध जल उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य प्रगति पर है न केवल हम शुद्ध जल उपलब्ध कराएंगे अपितु पर्याप्त मात्रा में उपयोग के लिए आवश्यक जल भी लोगों को उपलब्ध कराएंगे उन्होंने कहा कि एफटीई किट के माध्यम से पेयजल की गुणवत्ता का परीक्षण आसान है। इससे प्रारंभिक रूप से जानकारी मिल जाती है। अगर प्रारंभिक जांच में पेयजल में पेयजल की शुद्धता में आशंका लगी तो दुर्ग स्थित टेस्टिंग लैब में इसे भेजा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर उन्होंने जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाई। जल जीवन मिशन एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत संचालित समस्त पेयजल स्त्रोतों के जल नमूना का गुणवत्ता फील्ड टेस्टिंग किट (एफ.टी.के.) द्वारा परीक्षण करने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अहिवारा में विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। इसमें प्रयोगशाला केमिस्ट श्री परिमल दत्ता एवं कर्मचारियों द्वारा विकासखण्ड धमधा के सभी पंचायतों से आये प्रशिक्षणार्थी को एफ.टी.के. द्वारा जल परीक्षण की विधि विस्तार से बताया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग दुर्ग के सहायक अभियंता श्री एफ.सी. बोरकर एवं उपअभियंता श्री विशाल गेडाम द्वारा अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।