छत्तीसगढ़

लाइब्रेरियन-डे पर याद किए गए डॉ. रंगनाथन

HARRY
13 Aug 2021 11:18 AM GMT
लाइब्रेरियन-डे पर याद किए गए डॉ. रंगनाथन
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रायपुर। भारत में पुस्तकालय विज्ञान के पिततुल्य पुरूष पद्मश्री डाॅ. शियाली रामामृत रंगनाथन की 129 जयंती के अवसर पर 12 अगस्त को नेशनल लाइब्रेरियन-डे और एल्मुनि मीट का आयोजन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला और पं. सुंदरलाल शर्मा ग्रंथागार के संयुक्त तत्वावधान में किया गयां।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रोफेसर ए. के. वर्मा ने लाइब्रेरी साइंस के क्षेत्र में डाॅ. रंगनाथन के महत्त्वपूर्ण योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि हम आज जो कुछ हैं और जिस मुकाम पर हैं वो सब पुस्तकालय विज्ञान के पितामह प्रो. रंगनाथन की मेहनत का नतीजा है। उनके अथक प्रयासों से ही पुस्तकालय विज्ञान भारत में एक विशेष पहचान बना सका है। डॉ. रंगनाथन, एक गणितज्ञ होने के बाद भी पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बेहतर कार्य किया है। उनके दिए हुए 'पुस्तकालय विज्ञान के पांच सूत्र' पर न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की लाइब्रेरी आधारित है। कार्यक्रम में पं. सुंदरलाल शर्मा ग्रंथागार के लाइब्रेरियन डाॅ. सुपर्ण सेन गुप्ता ने बताया कि डाॅ. रंगनाथन विलक्षण प्रतिभा के धनी थे इसलिए उस दौर में भी उन्होंने ऐसी पुस्तकालय वर्गीकरण पद्धति तैयार की जो आज भी प्रासंगिक है। विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान विभाग में प्रथम बैच 1971 के छात्र श्री लखन लाल बानी ने कहा कि लाइब्रेरियन शिक्षकों के शिक्षक होते हैं जिनकी जिम्मेदारी न केवल एक विषय बल्कि सम्पूर्ण विषयों में बेहतर जानकारी देना होता है।

एल्मुनि मीट कार्यक्रम में प्रो. माया वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान विभाग को लगातार नई तकनीकों के अनुरूप अद्यतन करने का कार्य कर रहे हैं, इसमें सभी एल्मुनि भी पाठ्यक्रम डिजाइन, अनुसंधान कार्य, आधारभूत संरचना जैसे विभिन्न बिन्दुओं पर अपना सुझाव दे सकते हैं। एल्मुनि मीट में विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में प्रथम बैच 1971 से लेकर 2020 तक के कई छात्र ऑनलाइन और ऑनलाइन माध्यम के जरिए उपस्थित हुए। इस दौरान सभी ने अपना परिचय दिया और अपने अध्ययन काल के अनुभवों को साझा किया। कुछ ने गुरूजनों की डांट-फटकार को जीवन में महत्वपूर्ण बताया तो कुछ ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने प्रोफेसर्स को दिया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि के सम्मान के साथ सभी एल्मुनि को मोमेंटो प्रदान किया गया। इस अवसर पर डाॅ. एस. आर. कश्यप, डाॅ. हरीश कुमार साहू, डाॅ. पूर्णिमा कुमारी के साथ-साथ सभी एल्मुनि और लाइब्रेरी स्टाॅफ मौजूद रहे।

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