छत्तीसगढ़

ना जाने क्यों हिन्दू मुसलमान में बवाल है, दोनों भारत मां के लाल हैं

Nilmani Pal
29 July 2022 6:11 AM GMT
ना जाने क्यों हिन्दू मुसलमान में बवाल है, दोनों भारत मां के लाल हैं
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जाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

आजकल टीवी में हिन्दू मुस्लिम समस्या को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है ताकि उसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके लेकिन आसाम में पिछले दिनों आये बाढ़ ने हिन्दू मुसलमान के बीच खाई को काफी हद तक पाट दिया है। लोग बताते हैं कि बाढ़ के वजह से घर बार छोड़कर शिविरों में रहना पड़ रहा है ऐसे में गांव वाले एक दूसरे की खूब मदद भी कर रहे हैं। वहां पर कोई हिन्दू मुसलमान नजऱ नहीं आ रहा है बल्कि सब इंसान नजऱ आ रहे हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि काश इसी तरह मोहब्बत की बाढ़ आ जाये तो देश से नफरत ही ख़त्म हो जाएगी। लेकिन क्या कुर्सी प्रेमी ऐसा चाहेंगे? किसी ने ठीक ही कहा है कि ना जाने क्यों हिन्दू मुसलमान में बवाल है, दोनों भारत माँ के लाल हैं।

मंत्रियों-विधायकों, निगम-अध्यक्षों की दिवाली

दीपावली का त्योहार भले ही पांच महीने के बाद आना है लेकिन सीएम भूपेश बघेल ने विधायकों और मंत्रियों को 5 महीने पहले ही दिवाली मनवा दी है। राज्य में मुख्यमंत्री-मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि कर दिवाली का अहसास करा दिया है। विधानसभा में वेतन वृद्धि से संबंधित चार अलग-अलग विधेयक सदन में सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसी तरह संसदीय सचिवों जो सत्तारूढ़ मंत्रियों की सहायता करते है के वेतन में बढ़ोत्तरी कर दी है। साथ ही निगम-आयोग अध्यक्ष-उपाध्यक्षों नेता प्रतिपक्ष के वेतन में बढ़ोत्तरी कर दी है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इस मामले में विपक्ष का मौन मिली जुली राजनीति प्रमाण देता है। जिस सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाता है और उसी सरकार के वेतन वृद्धि में विपक्ष हां में हां मिलाकर पास करवा देता है। इस स्वच्छ राजनीति कहा जाए या स्वार्थ राजनीति कहा जाए।

लोगों के लिए अभी ड्रीम बना एक्सप्रेस-वे

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे योगी आदित्यनाथ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था। प्रधानमंत्री मोदी और योगी ने पिछले सप्ताह ही इसका उद्घाटन किया था। उद्घाटन के पांच दिन बाद ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की सड़क धंस गया। और अब यह एक्सप्रेस वे लोगों के लिए फि़लहाल मरम्मत होते तक ड्रीम हो गया।

इसी प्रकार पुराने रायपुर को नया रायपुर से जोडऩे वाली सड़क का हाल हुआ था। जिसमे अभी तक वाहन चलने लायक तैयार नहीं हुआ है। उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आज एक सुखद तस्वीर सामने आ रही है इस तस्वीर को देखकर यहाँ के मुरझाये चेहरों में मासूम मुस्कराहट दिख रही है। लेकिन उद्घाटन के पांच दिन बाद ही अधिकारियों की मेहरबानी से एक्सप्रेस वे का तस्वीर देखकर लोगों का चेहरा फिर मुरझा गया क्योकि एक्सप्रेस वे का ही सीना चिरा गया। किसी ने ठीक ही कहा है कि यहाँ तहजीब बिकती है यहां फरमान बिकते हैं, जरा तुम दाम तो बोलो यहाँ ईमान बिकते हैं।

नीट से सबक नहीं लिए

पिछले दिनों केरल में नीट परीक्षा के दौरान बेटियों के साथ शर्मनाक हरकत होने के बाद अब राजस्थान में अपने कैरियर बनाने को लालायित बेटियों को जाँच प्रक्रिया के नाम पर शर्मसार होना पड़ा। केरल का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब राजस्थान में रीट यानी राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा में जाँच के नाम पर बेटियों के मंगलसूत्र, चूडिय़ां,चेन, ब्रेसलेट,कंगन सब उतार लिए गए साथ ही जिन बेटियों के कुर्ते या सूट में बटन लगे थे उसे भी कैंची काट कर निकल दिया गया।

सुनील सोनी के दुबले होने का कारण

सरकार मीट और मीट से बने उत्पादों की सार्वजनिक बिक्री पर लगाम लगाने की चाहे जितनी भी कोशिश कर ले लेकिन हकीकत ये है कि भारत में मीट की बिक्री कम नहीं हो रही जैसा कि सरकारी आंकड़े बता रहे। रायपुर के सांसद सुनील सोनी ने संसद में मांग की है कि बकरीद में क़ुरबानी होती है वह अधिकृत बूचडख़ानों में हो। उन्होंने यह भी मांग की कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाने का आग्रह किया जिसके तहत धार्मिक रीति-रिवाज़ के लिए जानवरों को मारने की अनुमति दी गई है। सोनी राजस्थान मूल के हैं और शायद यह भूल गए हैं छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जनसँख्या अधिक है और वे भी साथ ही अन्य धर्मो के लोग धार्मिक रीति-रिवाज़ों के लिए जानवर की बलि देते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 डेटा के मुताबिक भारत में 70 प्रतिशत से अधिक लोग मांसाहारी हैं। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने जहां अंडों को बच्चों के मिड डे मील से हटा दिया वहीं कर्नाटक की भाजपा सरकार ने इन्हें अपने मील में शामिल किया है।

भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, भारत में मांस उत्पादन 2014-15 से 2019-20 तक 5.15 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। सर्वे के अनुसार अगर राज्य स्तर की बात करें तो मीट का सर्वाधिक उत्पादन भाजपा शाषित उत्तर प्रदेश में (15 प्रतिशत), महाराष्ट्र (13 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (10 प्रतिशत) होता है। ओईसीडी के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में मांस की खपत 2010 से घटनी शुरू हो गई थी, लेकिन 2014 के बाद एक बार फिर इसमें तेजी आई है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सांसद महोदय को जनता से जुड़ी समस्या उठाना छोड़ ऐसे बात को उठा रहे हैं जिससे लाखों डालर विदेशी मुद्रा मिलता है। क्षेत्र की जनता की परेशानी को अनदेखी कर जानवरों की चिंता में दुबले हुए जा रहे है।

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