छत्तीसगढ़

फेसबुक में पसंद कर शादी भूलकर भी न करे, अंजाम होगा बुरा

Nilmani Pal
14 Jun 2023 2:57 AM GMT
फेसबुक में पसंद कर शादी भूलकर भी न करे, अंजाम होगा बुरा
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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य नीता विश्वकर्मा एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर की 184 वीं सुनवाई हुई। रायपुर जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 36 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।

सुनवाई के दौरान दोनो पक्ष उपस्थित रहे। आवेदिकागणों ने बताया कि उनके माता-पिता के 5 संतान है 4 बहन और भाई और पूरी संपत्ति को अनावेदक 1 भाई ने अपने नाम कर लिया है। अनावेदक का कथन है कि उसके पिता ने वर्ष 2005 में अनावेदक के नाम पर संयुक्त हिन्दू परिवार से लगभग 5-6 एकड़ जमीन खरीदी थी। वहीं जमीन अनावेदक के नाम पर है। शेष जमीन दुकान, घर, प्लॉट आवेदिकागणों के माता-पिता के नाम पर है। समस्त संपत्ति के दस्तावेज की प्रति 'अनावेदक आयोग कार्यालय में जमा करने के लिये समय की मांग की है। 23 जून को उभय पक्ष आयोग में उपस्थित हो और एक दूसरे पक्ष को कॉपी देंगे। उसके बाद प्रकरण पर आगामी निर्णय लिया जायेगा।

अन्य प्रकरण में अनावेदकगण ने बताया कि वह लोग 3 भाई 5 बहन है। जिसमें बहन आवेदिका की मां है। शेष 4 बहन हिस्सा नहीं मांग रही है। लेकिन आवेदिका अपनी मां का हिस्स लेना चाहती है जिन्हें देने के लिये अनावेदकगण तैयार है। उभय पक्ष के बीच काउंसलर छ की नियुक्ति किया जाता है। दोनो पक्षों से चर्चा कर सुलह नामा की तिथि सीख प्रदान करेंगे तदानुसार नोटिस जारी किया जायेगा।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित अनावेदक पक्ष की ओर से एक विस्तृत शपथ पत्र दिया है जिसकी पुष्टि आवेदिका ने किया है। इसमें अनावेदक का कथन हैकि अपने कण्डिका 4 को पति में संत श्रीवास को मृत्यु के बाद हुये पोस्टमार्टम में हुये रिपोर्ट में बिसरा रिपोर्ट नहीं मिला है। विसरा रिपोर्ट यदि मिलता जाती है तब आवेदिका को ESIC से पेंशन दिलाने की प्रक्रिया अनावेदकगण के द्वारा आगे बढाया जायेगा। आवेदिका ने बताया कि अन्य लोगों को 10 हजार रू. मासिक पेंशन मिल रही है, जिसके उत्तर में अनावेदकगण का कथन है कि आवेदिका के पति की मृत्यु फैक्ट्री के बाहर हुई है इस कारण आवेदिका को पेंशन नहीं मिल सकती लेकिन यदि आवेदिका थाना से बिसरा रिपोर्ट लाकर प्रस्तुत करें तब उसे ESIC पेंशन दिलाई जा सके। आवेदिका को निर्देशित किया गया कि वह थाना मुलमुला से बिसरा रिपोर्ट की प्रति सूचना के अधिकार का आवेदन लगाकर एक प्रति अनावेदकगण को और एक प्रति आयोग में प्रस्तुत करें आवेदिका को आज के ऑर्डरशीट की एक प्रति निशुल्क प्रदान किया जायेगा और मुलमुला थाना प्रभारी को पत्र भेजें। आगामी सुनवाई अगस्त माह में रखा जायेगा।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित अनावेदक ने कहा कि 1,50000/- रू. यदि आवेदिका देती है तो प्रकरण के बातचीत का आदेश का पालन किया जायेगा आवेदिका से समय की मांग की है। कुछ समय बाद उभय पक्षो के बीच सुलह हुआ है जिसमें आवेदिका कुल 1 लाख रुपये अनावेदक को दिया 1 लाख 50 हजार रुपये तथा एक शेष 50 हजार प्रतिमाह पंच हजार रूपये महिने से अदा करेगी। सारे 10 चेक 1 बैंक से लेकर आवेदिका आयोग की सदस्य अर्चना उपाध्याय के पास जाजगीर में उपस्थित होगी और अनावेदक आवेदिका के मार्कशीट सर्टिफिकेट लेकर उपस्थित होने और आवेदिका 50 हजार रु. और 10 चेक लेकर उप होगी प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के पश्चात् सदस्य के रिपोर्ट के बाद प्रकरण नस्तीबध्द किया जायेगा।

"अन्य दो एकसमान प्रकरण में दोनों पक्ष उपस्थित आवेदिका ने श्रम न्यायालय में अपने बयान के आधार पर अनावेदक पक्ष से समझौता कर लिया है और उन्हें वापस काम पर रख लिया गया है। आवेदिका को यह भय है कि उसे फिर से काम पर से निकाल दिया जा सकता है। अनावेदकगणों को यह समझाइश दिया जाता है कि आवेदिका को काम पर यथावत् रखे चूंकि सुलह हो चुकी है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है आवेदिका चाहे तो किसी भी समस्या होने पर पुनः आवेदन कर सकती है।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित दोनो पक्षों ने बताया कि अभनपुर थाना में अनावेदक के विरुध्द एफ.आई.आर दर्ज कर दिया है। अनावेदक अभी जमानत में छूटा है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित दोनों पक्ष आपस में पड़ोसी है और

एक-दूसरे के खिलाफ आपसी झगड़े को लेकर आयोग में उपस्थित हुए। आवेदिका नेजो आरोप अनावेदक पर लगाये है उसकी जाच पुलिस द्वारा किया जाना संभव है। अतः उभय पक्ष को निदेर्शित किया जाता है कि अपने-अपने थाना में जाकर रिपोर्ट दर्ज कर सकते है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया जाता है।

* अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया कि उसने अपना शंकर नगर स्थित मकान को अपनी बेटी सोनिया प्रथेल के नाम पर दान पत्र के माध्यम से अपनी बेटी को दे दिया है और उस पर आवेदिका की पुत्री का नाम नगर-निगम के सारे रिकार्ड में चढ़ गया और 76 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपनी बेटी पर आश्रित है। अनावेदक आज आयोग में उपस्थित है। उसने यह स्वीकार किया कि वह कमरा खाली करेगा आवेदिका रहने के लिए उपयोग में ला सकती है। इस संबंध मे कल दिनांक 14.06.2023 को आयोग की ओर से एक टीम आवेदिका के साथ मौके पर जायेगी और अपने एक कमरे पर कब्जा प्राप्त करेगी। सभय पक्ष कल 10 बजे उपस्थित हो टीम के जाने का खर्च दोनो पक्ष वहन करेंगे।

'अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित | आवेदिका ने बताया कि वह अपने पति के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति में काम कर रही है अनावेदक सरपंच है उनके द्वारा आवेदिका को मोबाइल पर मैसेज भेजना और मानसिक रूप से परेशान करने का का कर रहा है। अनावेदक का कथन है कि उसे धारा 40 में हटाया गया था और जब स्टे के बाद दोबारा पद ग्रहण किया तो आवेदिका बुलाने पर नही आई। इसके बाद महिला कोतवाल नहीं चाहिए ऐसा प्रस्ताव भेजा था अभी सुनवाई के आवेदिका अनावेदक के खिलाफ अपने शिकायत का शपथ पत्र लेकर उप हो ताकि सुनवाई किया जा सके।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है कि मेरे बच्चे को पति आये दिन मारपीट करता था 40 साल की विवाह मे लगातार अनावेदक के द्वारा बुरी तरह से मारपीट किया जाता था एक दिन आवेदिका के बेटे ने देखा तो आवेदिका को बचाने के लिए अनावेदक से मारपीट किया। उसके बाद से अनावेदक ने आवेदिका को लेने से मिलने से रोक लगा दिया है और आवेदिका अनावेदक एक साथ उपर-नीचे रहते है। अलग-अलग खाना बनाते और खाते है। आवेदिका के बेटे ने बताया आवेदिका को हार्ट की तकलीफ है और उसका अकेले रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है इसलिए उसकी सेवा के लिए मां के साथ रहना है मकान नजूल का जमीन इस प्रकरण में काउंसलर को नियुक्त किया जाता है कि वह उभय पक्ष की 6 माह तक निगरानी करे और अपने बेटे को रहने में अनावेदक के साथ कोई रोक लगाता है तो आवेदिका इसकी शिकायत पुनः आयोग के समक्ष मे प्रस्तुत कर सकती है।अन्य प्रकरण में आवेदिका और उसके पति अनावेदक के बीच राजीनामा हुआ है जिसमें अनावेदक ने आवेदिका को 8,50,000 रू. एकमुश्त भरण-पोषण देना मंजूर किया है। दोनो आपसी राजीनामा से तलाक लेंगे। कल दिनांक 14.06.2023 को नगद या चेक लेकर उपस्थित होंगे और और अधिवक्ता उनका सुलहनामा स्टाम्प में तैयार करायेगी। शेष राशि किश्तों में राजीनामा के साथ दिया जायेगा। रायपुर न्यायालय में तलाक का प्रकरण प्रस्तुत कराया जायेगा।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपना प्रकरण प्रस्तुत किया था कि खुली भर्ती में आगनबाडी कार्यकर्ता के लिये पात्र होते हुये भी अनावेदक ने उसे अपात्र घोषित किया। था अनावेदक जो परियोजना अधिकारी के पर पर कार्यरत थे उनके द्वारा बताया गया कि नियुक्ति के समिति के निर्देश के आधार पर कार्यवाही किया जाता है। इस संबंध में अनावेदक को विस्तृत शपथ पत्र पर बयान देना आवश्यक है। उभय पक्ष को अपना अपना क्यान शपथ पत्र पर आगामी सुनवाई 7 जुलाई को प्रस्तुत करें।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने एक आवेदन प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा नोटिस आवेदिका के पति को दिया गया है उक्त सूचना के पश्चात् खण्ड शिक्षा अधिकारी को कहा गया कि 3 दिन के बाद नौकरी समाप्त किया जायेगा। राज्य महिला आयोग के प्रकरण में अनावेदक लगातार अनुपस्थित रही। है और उसने यह स्वीकार किया है कि वह आवेदिका के पति शादीशुदा है यह जानती थी और इसके बाद भी उसके साथ अवैध रिश्ते में रह रही थी अनावेदिका शासकीय सेवा में होने के बाद भी उक्त अवैध रिश्ता मे रह कर आवेदिका को परेशान कर रही थी। इसके लिए आवेदिका ने आयोग में प्रकरण प्रस्तुत किया है। आर्डरशीट की प्रति के साथ खण्ड शिक्षा अधिकारी को 06.06.2023 के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है और आगामी सुनवाई में उन्हें भी खण्ड शिक्षा अधिकारी उनके अभिलेख के साथ बुलाया जाय।

अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका के पति ने रामकुमार गुप्ता से लिखित एग्रीमेंट कर 6 लाख रू. उधारी लिया था और दुकान का कब्जा लिया था। और अब आवेदिका के द्वारा 6 लाख देने के प्रस्ताव के बाद अनावेदक की नियत बदल गई है और वह मना कर रहा है। 18 लाख रू. की मांग कर रहा है जबकि उसके पास ब्याज में पैसा देने का कोई लायसेंस नही है उभय पक्ष समझौता के लिए समय की मांग कर रहा है। इस प्रकरण में अधिवक्ता को नियुक्त किया जाता है। उभय पक्षों के बीच सुलह की राशि तय करें और आवेदिका को दुकान दिलाये जाने की सुलह राशि तय करे।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्षो के मध्य सगाई टूट गया है। दोनो पक्ष सगाई के खर्च देने को तैयार है। इस प्रकरण में काउंसलर चंद्रिका को नियुक्त किया जाता है। उभय पक्ष के बीच बातचीत कर प्रकरण का समापन किया जायेगा।

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