भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना देश के धार्मिक स्थलों को विकसित करने की योजना है, जिसके अंतर्गत डोंगरगढ़ जिला राजनांदगांव को शामिल करते हुए विभिन्न विकास कार्यो एवं सौंदर्यीकरण हेतु 43 करोड़ 33 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। नवरात्री के इस पावन अवसर पर केन्द्र से मिली इस मत्वपूर्ण स्वीकृति के पश्चात् डोंगरगढ़ के विभिन्न स्थलों में विकास कार्यो एवं सौंदर्यीकरण के साथ ही देश के पर्यटन मानचित्र पर डोंगरगढ़ का नाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में अंकित हो जायेगा। केन्द्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत इस स्वीकृति के लिए माननीय पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता संभव हो सकी है। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर भी सचिव पर्यटन विभाग के द्वारा लगातार केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुतीकरण देते हुए इस महत्वाकांक्षी योजना के लिये प्रयास किया गया। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी, श्रद्धालुओं/पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
इस परियोजना के तहत बम्लेश्वरी मंदिर की सीढ़ियों पर पर्यटन सुविधायें, पार्किंग, तालाब सौंदर्यीकरण एवं पिल्ग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) विकसित् किये जायेंगे साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर भी श्रद्धालू पर्यटकों के लिए सुविधायें विकसित किया जाना प्रस्तावित है। डोंगरगढ़ में प्रसाद योजना के क्रियान्वयन से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय लोगो को रोजगार के साथ आय के स्त्रोत् भी प्राप्त होगें। इस योजना के मुख्य आकर्षण का केन्द्र श्री यंत्र की डिजाईन में विकसित् किये जाने वाला पिल्ग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) होगा।