नयापारा में कुत्तों ने मचाया आतंक, लोगों ने मीडिया में की शिकायत
रायपुर। राजधानी की सड़कों पर कई तरह के आवारा कुत्ते घूमते है। लगातार आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसका खमियाजा नयापारा के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आवारा कुत्ते सबसे ज्यादा अपना शिकार छोटे बच्चों को बना रहे हैं। इससे राजधानी में दिनोंदिन कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। आवारा कुत्ते आए दिन राजधानीवासियों को अपना शिकार बना रहे हैं। आवारा कुत्ते सुबह शाम निकलने वाले बच्चे, बड़े-बूढ़े और महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा दोपहिया वाहन पर घूमने वाले लोग भी कुत्तों का शिकार होते हैं। कई बार ऐसे वाहन चालक कुत्तों की वजह से हादसे का शिकार होते हैं, जबकि नगर निगम शहर में आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए बधियाकरण किया जा रहा है। नयापारा में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-रात बढ़ता जा रहा है, मोहल्लेवासियों का जीना बेहाल हो गया है। नगर निगम की टीम कुत्ते पकड़ने की योजना नयापारा वार्ड में नहीं चला रही और इस अभियान को चलाने के लिए नयापारा के नागरिक नगर निगम के कई बार कुत्ता पकड़ने वाले अधिकारी से भी संपर्क किए लेकिन अधिकारी कहना है कि मैं अभी कुछ नहीं कर सकता आपको उच्च अधिकारियों से बात करनी होगी।
बधियाकरण पर हर साल निगम लाखों रुपये फूंक रहा है। उसके बाद भी आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। ज्ञात हो कि पिछले साल रायपुर नगर निगम के 70 वार्डों में तकरीबन 40 हजार से अधिक आवारा कुत्ते थे। जिनकी संख्या आये दिन बढ़ती जा रही है। आए दिन किसी न किसी को कुत्ता काटने की खबर सामने आ ही जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी के नयापारा, लाखे नगर, कुशालपुर, प्रोफेसर कालोनी, अश्वनी नगर, गोल चौक, डंगनियां, सुंदरनगर, रायपुर रोड, गुढ़ियारी, कोटा, समता कालोनी, फाफाडीह आदि इलाकों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह और शाम कुत्ते सड़क के बीचोंबीच झुंड में खड़े रहते हैं। इससे लोगों को रास्ता बदल कर निकलना पड़ता है। डंगनियां के लोगों का कहना है कि कुत्तों का डर इतना अधिक है कि अब बच्चे शाम को सड़क पर साइकिल चलाने नहीं निकल पाते हैं। कई बार निगम को शिकायत भी की गई। शिकायत के बाद निगम की टीम पकड़कर ले जाती है, लेकिन इनकी संख्या कम नहीं हो रही है।