जगदलपुर। कहते हैं कि इस दुनिया में इंसान से ज्यादा वफादार जानवर होते हैं। जो मरते दम तक साथ नहीं छोड़ते। ऐसी ही एक कहानी छत्तीसगढ़ में जगदलपुर के एक पालतू डॉग कालू की है। 10 साल पहले सड़क किनारे से एक बुजुर्ग ने उसे उठाकर अपने घर लाया। बच्चों की तरफ पाला। अब जब 72 साल की उम्र में मालिक ने दम तोड़ा तो कालू शव के साथ श्मशान घाट गया। रात भर जलती चिता के सामने बैठा रहा। मालिक के प्रति वफादारी देख कालू ने 'तेरी मेहरबानियां' याद दिला दी।
दरअसल, शहर के अंबेडकर वार्ड के रहने वाले ओमप्रकाश अवस्थी का रविवार रात को निधन हो गया था। सोमवार को उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई थी। ऐसा बताया जा रहा है कि, जब तक घर के आंगन में अर्थी थी, तब तक परिजनों के साथ कालू अर्थी के पास ही बैठा रहा। इतना ही नहीं जब अर्थी को कांधा देकर शव वाहन में रखा गया तो कालू भी शव वाहन में जाकर बैठ गया। जिसे उतारने की कोशिश की गई लेकिन वह वाहन से नीचे नहीं उतरा। अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों ने कहा कि, डॉग शव वाहन में अर्थी के पास बैठकर शमशान घाट गया।परिजनों ने जब शव को मुखाग्नि दी तो उस समय डॉग कालू भी बहुत रोया।
अंबेडकर वार्ड के निवासियों ने बताया कि, मुखाग्नि देने के बाद परिजन समेत लोग घर लौट आए थे। लेकिन, कालू चिता के पास रातभर बैठा रहा। हालांकि, देर रात परिवार के सदस्य श्मशान घाट पहुंचकर उसे लाने का प्रयास भी किए। लेकिन वह नहीं आया। मंगलवार की सुबह उसे घर लाया गया। एक डॉग की अपने मालिक के प्रति वफादारी देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों से आंसू छलक पड़े। परिजनों का कहना है कि, डॉग दिन रात बुजुर्ग के साथ ही रहता था। वे ही उसे नहलाते और खाना खिलाते थे। बाहर घुमाने भी लेकर जाते थे।