गौमूत्र का खेती-किसानी में उपयोग के लिए अनुसंधान करें: मुख्य सचिव
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रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य में खेती में गौमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यस्थित उपयोग की कार्य योजना तैयार करने के संबंध में आज मंत्रालय में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कामधेनु विश्वविद्यालय, कृषि, पशुपालन तथा सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बैठक में कहा कि रासायनिक खादों और विषैले कीटनाशकों के निरंतर उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती जा रही है। रासायनिक खादों के अत्याधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि खेती में जैविक खाद तथा गौमूत्र के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के गौठानों उच्च क्वालिटी की जैविक खाद तैयार की जा रही है, जिसका उपयोग किसान खेती में कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में खेती-किसानी में गौमूत्र के उपयोग के लिए कृषि वैज्ञानिकों से एकेडमिक रिसर्च की अपील की।
उन्होंने कहा कि इससे गौमूत्र के गुण, गौमूत्र में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के तत्वों की मात्रा और इसके लाभ के बारे में तथ्यात्मक जानकारी सामने आएगी। उन्होंने राज्य के सभी 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों में प्रदर्शन के रूप में ली जाने वाली फसलों में गौमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की भी बात कही। मुख्य सचिव ने कहा कि जैविक खाद एवं गौमूत्र के प्रयोग वाली फसलों की स्थिति का अवलोकन भी किसानों को कराया जाना चाहिए, जिससे वह खेती-किसानी में इसके उपयोग के लिए प्रेरित होंगे।
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