छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय तंम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की हुई बैठक

Shantanu Roy
22 Nov 2022 2:32 PM GMT
राष्ट्रीय तंम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की हुई बैठक
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छग
कोंडागांव। गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। इसके तहत कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट में किया गया। उनके द्वारा जिले में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बेहतर संचालन हेतु अंतर्विभागीय समन्वय को बढ़ाते हुये सभी विभागों को जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही जिले में कोटपा एक्ट 2003 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू कर निरंतर चालानी कार्यवाही करने को निर्देशित किया। सभाकक्ष में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज के दायरे में तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध हेतु कड़ाई से कार्यवाही की जाए। इसके अतिरिक्त जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में दिसम्बर 2022 के अंत तक तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा अनुरुप कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु निर्देशित किया।
कार्यक्रम के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक भावना महलवार द्वारा जिले के सभी विभागों में तंबाकू नियंत्रण हेतु नोडल अधिकारी के नामांकन के लिये चर्चा की गई जिस पर कलेक्टर द्वारा सभी विभागों को यथाशीघ्र नोडल नामंकित किये जाने हेतु निर्देशित किया। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर.के.सिंह ने बताया: "तंबाकू के प्रयोग से कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, टीबी, जैसे गैर संचारी रोग होने की संभावना अधिक होती है। सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान की वजह से आसपास के लोग भी इससे प्रभावित होते हैं। इसलिए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों में धुम्रपान प्रतिबंधित किया जाता है।" संभागीय समन्वयक प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान सहित धुम्रपान मुक्त जिला एवं धुम्रपान मुक्त ग्राम पंचायत के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के सबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया:" राज्य की 76.76 प्रतिशत आबादी गांव में बसती है और यहां ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका रहती है। विकास के लिए लोगों की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष भागीदारी जरूरी है, जो ग्राम पंचायतों की सहभागिता से संभव है। इसलिए पंचायतों के द्वारा तंबाकू नियंत्रण लागू करवाने को प्राथमिकता दी जानी आवश्यक है क्योंकि सामुदायिक भागीदारी से ही तंबाकू मुक्त पंचायत का सपना साकार हो सकेगा।"

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