छत्तीसगढ़

जिला प्रशासन ने रोका बाल विवाह

Shantanu Roy
17 April 2024 6:30 PM GMT
जिला प्रशासन ने रोका बाल विवाह
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छग
बेमेतरा। विगत दिनों विकासखण्ड बेमेतरा के ग्राम-मोहलाई, तह-बेमेतरा के एक युवक का विवाह सहसपुर लोहारा के एक युवती सें बाल विवाह किये जाने की सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग संयुक्त टीम की ओर से बाल विवाह रुकवाया। शिकायत प्राप्त होने पर जिला कार्यकम अधिकारी सह जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के निर्देश पर व परियोजना अधिकारी एंव जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मार्गदर्शन पर टीम गठित किया जाकर ग्राम मोहलाई में मांडले परिवार के एक बालक का बाल विवाह रुकवाया गया। उक्त युवक की बारात सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम प्रस्थान हो गयी थी। सूचना के पश्चात टीम द्वारा युवक के घर वालों के माध्यम से बारात वापस ग्राम-मोहलाई जिला बेमेतरा बुलवाकर कार्यवाही किया गया।
वधु पक्ष को भी दूरभाष के माध्यम से समझाईस दी गई एवं चाइल्ड हेल्पलाईन, जिला बाल संरक्षण इकाई कबीरधाम से समन्वय स्थापित कर उक्ताशय के संबंध में जानकारी दी गई। युवक के परिजनों के द्वारा निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान की गई तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई, युवक के परिजनों के कथन अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका व 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है। टीम द्वारा समझाईस दिये जाने पर वर पक्ष द्वारा उक्त बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया। तथा उन्हे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धारित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति यथाः- बाल विवाह कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पुरोहित, बैंड बाजा, हलवाई व टैट वालों पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। जो व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है, तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रुपए तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
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