छत्तीसगढ़
प्रधानमंत्री आवास योजना से नक्सल पीड़ित विस्थापित गंगाराम को मिली सूकुन की छत
Shantanu Roy
19 Jan 2023 4:48 PM GMT
x
छग
नारायणपुर। सिर छुपाने के लिए एक अदद छत का होना हर व्यक्ति की मौलिक आवश्यकताओं में से एक है और छत विहीन जीवन यापन करना पड़े तो इससे बड़ी विपदा और कुछ नहीं। और-तो-और बाहरी तत्वों की वजह से विस्थापन की व्यथा एक भुक्तभोगी ही समझ सकता है। जहां बसे-बसाये, घर-संसार, गांव-परिवार को छोड़ मजबूरीवश अन्यत्र शरण लेने के लिए विवश होना पड़ता है और फिर से अपने को परिस्थितियों के अनुरूप ढालते हुए एक नये बसाहट की शुरूआत करनी पड़ती है और इस बसाहट में भी सर्वप्रथम एक छत, चाहर दीवारी, कमरे पहली शर्त होते हैं। ऐसी स्थिति में खुद के घर होने की चाह पूरी होना किसी भी व्यक्ति को आल्हादित कर सकता है, जिसे उसकी सबसे बड़ी जरूरत होती है। इस क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्के घर का मालिक होने का सौभाग्य जनपद पंचायत नारायणपुर के ग्राम गरांजी निवासी गंगाराम को भी मिला।
इस संबंध में गंगाराम बताते है कि विगत दशकों में माओवादी हिंसा के चलते उन्हें अबूझमाड़ के दूरस्थ गांव के रहवासियों की तरह विस्थापित होने की आपदा झेलनी पड़ी। तब मुख्यालय के समीप गरांजी गांव में उन्हें आसरा मिला। जहां उसने जैसे-तैसे कच्चे मकान का निर्माण कर अपने जीवन को फिर पटरी में लाने का प्रयास किया। परन्तु कच्चे मकानों की भी अलग-परेशानी, दिक्कतें होती ही हैं, जो अक्सर बरसात में टपकाव व सीलन के रूप में सामने आती है। फिर इससे बचाव हेतु हर साल वर्शा ऋतु के पूर्व खपरैल मकान की मरम्मत करने की कवायद गंगाराम जैसे अल्प आय व्यक्तियों के लिए भारी पड़ता ही है। फिर भी गंगाराम अपने कच्चे मकान को पक्का बनाने की कोशिश लगा रहा, परन्तु इसके लिए भारी भरकम खर्चे के अनुमान से उसके कदम पीछे हट जाते थे।
प्रधानमंत्री आवास योजना ने दी बड़ी राहत
फिर ग्राम पंचायत के माध्यम से गंगाराम को योजना के तहत् एक लाख 30 हजार रूपये की राशि प्राप्त हुई। फलस्वरूप आज गंगाराम अपने परिवार के साथ एक पक्के मकान में निवासरत है। उसका कहना है कि इसके लिए वह हमेशा शासन का आभारी रहेगा। कुल मिलाकर पक्के मकान निर्माण के लिए जद्दोजहद करते ग्रामीणों समक्ष आज प्रधानमंत्री आवास योजना एक सुखमय जीवन का संदेश लेकर आयी है और प्रदेश के हजारों ग्रामीणों के पक्के मकान में रहने के सपने को सच कर दिखाया है।
Next Story