भक्तांबर के जाप से दूर होते हैं शरीर के अंदर के रोग : डॉ सुनीता लुनिया

दुर्ग. भक्तांबर हिलिंग चिकित्सा पद्धति के द्वारा शरीर के अनेक रोगों का इलाज इस विद्या से संभव है आज बड़ी संख्या मे महिलाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और बहुत सी सारगर्भित जानकारी प्राप्त की भक्तांबर स्त्रोत के की 48 पद होते हैं और हर पदों में शरीर के हर अंगो का इलाज होता है. अनादि काल से चली आ रही इस भक्तांबर स्त्रोत की स्तुति का बड़ा महत्व माना जाता है इस कार्य इस कार्यक्रम प्रमुख प्रशिक्षिका डॉ सुनीता लुनिया के मार्गदर्शन में जैन सोशल ग्रुप जैनत्व महिला मंडल खतरगक्ष महिला परिषद स्वास्ति महिला मंडल जिन कुशल बहु मंडल दिगंबर जैन महिला मंडल के सहयोग से भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति दुर्ग के द्वारा किया गया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य शिक्षिका डॉ सुनीता लुनिया का स्वागत अभिनंदन के पश्चात भक्तांबर हीलिंग चिकित्सा पर कार्यशाला प्रारंभ हुई कार्यक्रम में उपस्थित महिला मंडल की सदस्यों ने अनेक बीमारियों के समाधान और अपनी जिज्ञासा को शांत करते हुए इस विषय पर कई रोचक प्रश्न कार्यशाला में पूछें जिसका भारी बारिश है मुख्य प्रशिक्षक का श्रीमती लुनिया लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान किया उपस्थित लोगों ने ऐसे आयोजनों को शहर और शहर के आसपास आयोजित करने की अपनी भावना रखी.
भक्तांबर हिलिंग चिकित्सा के साथ-साथ इस विद्या से गर्भ संस्कार के भी कार्यक्रम पूरे देश भर में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं गर्भ संस्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल और सकारात्मक परिणाम इस विद्या से करने के पश्चात सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं जन्म लेने वाला नवजात बच्चा इस गर्भ संस्कार कार्यक्रम से एक उच्च कोटि की दिव्य दृष्टि के साथ जन्म लेता है जो आने वाले समय में समाज के उत्थान के लिए 1 मील का पत्थर साबित होगा.
भक्तांबर स्त्रोत के नियमित जाप से शरीर के अंदर फैली बीमारी गंदगी धीरे-धीरे स्वाध्याय साधना से बाहर निकलती जाती है. ऋषभदेव परिसर में आयोजित इस हीलिंग चिकित्सा पद्धति में बड़ी संख्या में जैन समाज की महिलाओं ने कार्यशाला में भाग लेकर एक नया अनुभव प्राप्त किया.