विकलांग ड्राइवर को हाईकोर्ट से मिला न्याय, लिपिक पद देने के निर्देश
बिलासपुर। सेवाकाल के दौरान विकलांग हुए एक सरकारी वाहन चालक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को आदेश दिया है कि उसे किसी समान पद पर स्थानांतरित किया जाए। बिलासपुर जिले के बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ ड्राइवर लखनलाल दुबे एक दुर्घटना के शिकार हो गए, जिसके कारण उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। वे 60 प्रतिशत तक विकलांग हो गए, जिसके कारण अब वे ड्राइविंग का कार्य नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने विभाग में रेडियोग्राफर या असिस्टेंट ग्रेड 2 में अपने पद का परिवर्तन करने की मांग विभाग से की,जिस पर कोई विचार नहीं किया गया।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि शारीरिक अक्षम लोगों के लिए समान अवसर, अधिकार संरक्षण व पूर्ण सहभागिता अधिनियम 1995 की धारा 47 में प्रावधान है कि सेवाकाल में शारीरिक अक्षम हुए व्यक्ति को सिर्फ इस कारण से नहीं हटाया जा सकता। अगर उसके अनुरूप कोई पद नहीं है तो पद का सृजन किया जाना होगा। शासन की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने जिन पदों में स्थानांतरण की मांग की है उसका ग्रेड एवं वर्तमान शैक्षणिक योग्यता उसके पास नहीं है। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे निम्नश्रेणी लिपिक के पद पर लिया जा सकता है जो वाहन चालक के समकक्ष ग्रेड है। जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता के पद में तीन माह के भीतर परिवर्तन किया जाए।