छत्तीसगढ़

ना रखा राधिका का मान, ना करती कांग्रेस महिलाओं का सम्मान

Shantanu Roy
5 May 2024 12:12 PM GMT
ना रखा राधिका का मान, ना करती कांग्रेस महिलाओं का सम्मान
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रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला नेत्री राधिका खेड़ा के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में सुशिल आनंद शुक्ल ने छेड़छाड़ किया। ये मुद्दा पिछले 1 हफ्ते से चर्चा का विषय बना हुआ है और जब राधिका खेड़ा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से जब किसी भी तरह का न्याय नहीं मिला तो अपने सम्मान के लड़ने वाली राधिका खेड़ा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

राहुल गांधी की दोगली जुबान

राधिका ने कहा जिस कांग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं हो रहा है उस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी दोगली जुबान का इस्तेमाल करते है अपने जनसभाओं में महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बनाते है और एक कांग्रेस की महिला नेता के साथ जब उन्ही के प्रदेश कार्यालय में छेड़छाड़ हुआ उस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई और न्याय पाने की जब उम्मीद राधिका खेड़ा को जब नहीं मिली तब मजबूर होकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और महिला नेत्री राधिका खेड़ा ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्याग पत्र दिया।

राधिका ने दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा को कांग्रेस आलाकमान से फटकार मिली है। राधिका खेड़ा ने इस्तीफा पत्र में उल्लेख कर बताया कि आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।
हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लल्ला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहाँ ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से ख़ुद को रोक नहीं पाई। मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया।
मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया। प्रभु श्री राम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूँ। बार बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला, इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है। आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ। हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी।

राधिका खेड़ा ने किया था पहला ट्वीट

कांग्रेस की नेशनल मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने खम्हारडीह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें राधिका ने प्रदेश संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला पर दुर्व्यवहार की शिकायत की है। यह पूरा घटनाक्रम कल राजीव भवन में गुजरा। राधिका ने पूरे मामले का वीडियो भी बनाया है। खेरा को राष्ट्रीय नेतृत्व मे दिल्ली से रायपुर भेजा है। राधिका ने पूरे मामले की दिल्ली में भी शिकायत दर्ज कर दी है।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर राजीव भवन में राधिका खेड़ा स्थानीय नेताओं और प्रवक्ताओं के साथ मौजूद थीं, विवाद तभी हुआ। चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी के मीडिया के काम में दखलअंदाजी को लेकर बहस हुई। तू-तू मैं-मैं इस कदर बढ़ी की राधिका खेड़ा रोने लगी। कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने बताया कि जब राधिका खेरा को प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने हड़काया तो, इसका वीडियो भी खेरा ने बना लिया। विवाद रुका नहीं और खेरा दफ्तर छोड़कर जाने को मजबूर हुईं।
राधिका का ट्वीट - कौशल्या माता के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं है। पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। करूंगी खुलासा …!!
प्रदेश कांग्रेस के नाराज नेता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं विगत साल पहले एक राष्ट्रीय महिला नेत्री और प्रवक्ता ने UP में छेड़छाड़ की वजह से पार्टी छोड़ी थी अब राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा के साथ बत्तमीजी की गई प्रताड़ना दी गई और गलत शब्दों का प्रयोग किया गया। महिला का सम्मान कांग्रेस पार्टी करती इससे ज़्यादा जीता जागता उदाहरण और मिल नहीं सकता। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ बदसुलूकी का यह सिलसिला लगातार चल पड़ा है। इस मामले में कांग्रेस चुप्प क्यों प्रियंका गांधी चुप क्यों राहुल गांधी चुप क्यों है। कहा गया सुहाग वाला डायलॉग सोनिया गांधी चुप क्यों महिलाओं के साथ अपमान होता गया महिला नेत्री कांग्रेस छोड़ते गई है।
राधिका खेड़ा का दूसरा ट्वीट

राधिका खेड़ा ने 1 मई को अपने X हैंडल पर लिखा था कि-

नारी तू अबला नहीं, स्वयं शक्ति पहचान।
अपने हक को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान।।
क्यों नारी लाचार है, लुटती क्यों है लाज।
क्या पुरुषत्व विहीन ही, हुई धरा ये आज।।
राधिका खेड़ा का तीसरा ट्वीट
रायपुर राजीव भवन में दुर्व्यवहार का शिकार हुई राधिका खेड़ा ने एक और खुलासा कर सनसनी मचा दी है। उन्होंने X पर लिखा, ‘दुशील’ को लेकर ‘कका’ का मोह, एक लड़की की इज़्ज़त से बढ़कर है लेकिन, लड़की हूँ, “लड़ रही हूँ” “मर्यादा पुरुषोत्तम” प्रभु श्री राम जी के ननिहाल में दीदी का स्वागत है। यानी राधिका खेड़ा ने भूपेश बघेल पर आरोप लगाया है कि वे सुशील आनंद शुक्ला को बचा रहे है। उसके लिए सुशील आनंद शुक्ला एक लड़की की इज़्ज़त से बढ़कर है।
बता दें कि इस मामले में राधिका खेड़ा ने पीसीसी चीफ दीपक बैज और राष्ट्रीय नेताओं से शिकायत की है। वहीं स्थानीय नेताओं और प्रवक्ताओं ने भी इसकी शिकायत की है। वहीं राधिका खेड़ा का रोते हुए एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो रोते हुए फोन पर बात करती दिख रही हैं। 30 अप्रैल को ट्वीट कर दी थी दुर्व्यवहार की जानकारी - कौशल्या माता के मायके में बेटी सुरक्षित नहीं हैं। पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं। उन्होंने मामले में खुलासा करने की बात भी कही है।
राधिका खेड़ा ने चौथे ट्वीट पर दे दिया इस्तीफा
आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूँ।
हाँ मैं लड़की हूँ और लड़ सकती हूँ, और वही अब मैं कर रहीं हूँ।
अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूँगी।
राधिका खेड़ा का इस्तीफे के बाद बयान
कांग्रेस की नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम एक पत्र में उन्होंने लिखा, "आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्रीराम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं।"
अयोध्या राम मंदिर का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है, वहीं, कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लला के दर्शन करने से ख़ुद को रोक नहीं पाई।
मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया। मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया। प्रभु श्रीराम की भक्त व एक महिला होने के नाते मैं बेहद आहत हूं। बार-बार पार्टी के समस्त शीर्ष नेताओं को अवगत कराने के बाद भी जब मुझे न्याय नहीं मिला , इससे आहत होकर मैंने आज यह कदम उठाया है।
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