छत्तीसगढ़

धमतरी : सातमासी कुपोषित बच्ची का डेढ़ माह में बढ़ा 2 किलो वजन

Admin2
23 Nov 2020 9:49 AM GMT
धमतरी : सातमासी कुपोषित बच्ची का डेढ़ माह में बढ़ा 2 किलो वजन
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धमतरी। पति-पत्नी के जीवन में सबसे अधिक खुशी का क्षण तब आता है, जब वे माता-पिता का दर्जा प्राप्त करते हैं। स्वस्थ और सुपोषित शिशु के आने से उनका जीवन अप्रतिम आनंद से भर जाता है। लेकिन वही बच्चा किसी कारणवश क्षीण, कमजोर और कुपोषित पैदा होता है तो जिंदगी किसी अभिशाप से कम नहीं लगती। ऐसा ही वाकया धमतरी विकासखण्ड के ग्राम तेंदुकोना में आया, जहां कुपोषित बच्ची के भविष्य को लेकर हताश व निराश हो चुके दम्पति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान नया सवेरा लेकर आया। जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रही बच्ची आज स्वस्थ हो चुकी है। उसकी किलकारियां घर व आंगनबाड़ी केन्द्र में रोजाना गूंजती हैं।

अछोटा सेक्टर के ग्राम तेंदुकोना के आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती महिला के तौर पर कामिनी पति श्री मंशाराम साहू का नाम दर्ज था। अभियान के तहत उन्हें नियमित टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पूरक पोषण आहार तथा गर्म भोजन का लाभ मिल रहा था। इसी दरम्यान गर्भधारण के सातवें महीने में ही श्रीमती कामिनी को अप्रत्याशित रूप से प्रसव-पीड़ा शुरू हो गई तथा उन्होंने दो सितम्बर 2019 को एक बालिका को जन्म दिया, जो कि शारीरिक रूप से कमजोर थी। जन्म के समय बच्ची का वजन मात्र 1.340 किलोग्राम था। इसके बाद 14 दिनों तक बच्ची को जिला अस्पताल सघन शिशु चिकित्सा वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां उसके स्वास्थ्य में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया। अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन ने उनसे गृह भेंट की। चूंकि नवजात बच्ची कु. प्रियांशी का समय-पूर्व जन्म हुआ था, इसलिए वह बहुत ही कमजोर थी, यहां तक कि स्तनपान करने में अक्षम थी। अगले दिन कार्यकर्ता ने सेक्टर सुपरवाइजर को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने स्तनपान कराने के तरीके तथा कंगारू मदर केयर विधि से बच्ची को गरमाहट में रखने की सलाह दी। साथ ही बच्ची का लालन-पालन करने की विधि से अवगत कराया तथा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत धात्री को भी पौष्टिक आहार लेने व स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई।

आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक, कार्यकर्ता एवं मितानिन के द्वारा संयुक्त रूप से गृह भेंट कर जच्चा-बच्चा की सतत् निगरानी, आहार एवं सुपोषण संबंधी आवश्यक जानकारी देकर अनुसरण कराए जाने से प्रियांशी का वजन प्रतिमाह औसतन 300 ग्राम बढ़ता गया। 42 दिन में ही कुपोषित बच्ची का वजन दो किलोग्राम हो गया। इस तरह सात माह में ही बच्ची गम्भीर कुपोषित से मध्यम श्रेणी में आ गई। वर्तमान में इस बच्ची का वजन 8 किलोग्राम है। इस तरह कुपोषित बच्ची के भविष्य को लेकर निराश एवं हताश हो चुकी माता श्रीमती कामिनी एवं उनके पति श्री मंशाराम के जीवन में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान आशा की नई किरण लेकर आया। कुछ महीनों में ही बच्ची के वजन में आशातीत परिवर्तन आने से न केवल दम्पति के जीवन में बहार आई, बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक को भी सतत् मेहनत के बाद सकारात्मक परिणाम से आत्मसंतुष्टि मिली।

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