छत्तीसगढ़

धमतरी : वनांचल के ग्रामीणों की मेहनत और समय की हुई बचत

Nilmani Pal
28 Oct 2021 9:38 AM GMT
धमतरी : वनांचल के ग्रामीणों की मेहनत और समय की हुई बचत
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रायपुर। वनांचल नगरी स्थित ग्राम खड़पथरा (ग्राम पंचायत भड़सिवना का आश्रित ग्राम) में सोलर ड्यूल पम्प लगने से वहां के ग्रामीण काफी खुश हैं। सरपंच श्रीमती बिसन्तीन पालेश्वर, स्वच्छता समिति की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा, पंच चमेली बाई सहित ग्रामीण श्रीमती सरोज साहू, श्री पटेल, श्री बेमेन सिंह पालेश्वर बताते हैं कि अब उन्हें पीने के पानी के लिए हैण्डपम्प का उपयोग नहीं करना पड़ता है। कारण है छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा जिले के विभिन्न गांवों में सौर पेयजल पम्प स्थापित कर जल संकट को दूर करना। सोलर पम्प से उन्हें आसानी से पानी तो मिल ही जाता है, साथ ही मेहनत और समय की भी बचत हुई है। इसके अलावा सोलर ड्यूल पम्प के पानी की टंकी की सफाई विभाग के तकनीशियनों द्वारा नियमित रूप से हर दो-तीन माह में किया जाता है, जिससे 24 घंटे साफ पीने का पानी ग्रामीणों को मिल रहा है। लगभग 500 की जनसंख्या वाले ग्राम खड़पथरा में 100 परिवार हैं, जहां 30 सितम्बर 2019 को एक नग सोलर ड्यूल पम्प स्थापित किया गया है।

सहायक अभियंता, क्रेडा कमल पुरैना ने बताया कि जिले के ऐसे पिछड़े एवं अंदरूनी गांव, जहां बिजली खम्बे पहुंच नहीं पाए हैं, वहां 24 घंटे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश से सोलर ड्यूल पम्प स्थापित किया गया है। यह पम्प दिन में सौर ऊर्जा का उपयोग करने और एक ओवरहेड टैंक में पानी को एकत्रित करने के लिए किया जाता है, जो कि पूरे दिन चलता है। सूरज की रोशनी उपलब्ध नहीं होने पर यह संयंत्र एक सामान्य हैण्ड पम्प की तरह कार्य करता है। इस तरह ग्रामीणों को 24 घंटे स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति होती है। क्रेडा द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 445 सोलर ड्यूल पम्प संयंत्रां की स्थापना की गई। इसी तरह जल जीवन मिशन के तहत 12 मीटर की ऊंचाई पर सोलर ड्यूल पम्प दस हजार लीटर क्षमता का टैंक स्थापित किया जा रहा है। इसके तहत जिले में 82 के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 39 नग सोलर ड्यूल पम्प संयंत्रों की स्थापना की गई है और 26 नग संयंत्र स्थापनाधीन हैं। गौरतलब है कि प्रत्येक सोलर ड्यूल पम्प संयंत्र में पांच साल की वारंटी रहती है। इस अवधि के बाद भी सोलर ड्यूल पम्पों की कार्यशीलता कई सालों तक सामान्यतः बाधित नहीं होती। क्रेडा के मैदानी अमले द्वारा सतत् रूप से इन संयंत्रों की मॉनिटरिंग एवं रख-रखाव किया जाता है, ताकि संयंत्र हमेश सुचारू रूप से क्रियाशील रहे।

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