जिले में समूहों के जरिए स्वावलंबन एवं महिला सशक्तिकरण का दौर बदस्तूर जारी है। समूह से जुड़कर महिलाएं ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, अपितु उन्हें अच्छी खासी आमदनी भी हो रही है। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के अंतर्गत जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सोरम की महिलाएं अल्प समय में न सिर्फ सब्जियों की खेती लेकर आय का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं, बल्कि गैंदा फूल लगाकर तथा उन्हें बेचकर त्यौहारी सीजन में अपनी आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा प्रदान कर रही हैं।
सहायक संचालक उद्यान डी.एस. कुशवाह ने बताया कि धमतरी विकासखण्ड के ग्राम सोरम (भटगांव) में 13 सदस्यीय ज्योति महिला स्वसहायता समूह के द्वारा सामूहिक बाड़ी योजना के तहत शासकीय भूमि पर लगभग दो एकड़ क्षेत्र में विभागीय अभिसरण से विभिन्न सब्जियों के साथ गैंदा फूल के 1850 पौधे लगभग माह भर पहले के अंतर्गत डीएमएफ मद से लगाए गए थे। त्यौहारी सीजन को देखते हुए धमतरी शहर में गैंदे के फूलों की काफी मांग है। आज शहर के गोलबाजार के फूल विक्रेताओं के पास लगभग 20 किलो फूल बेचे गए, जिससे 40 रूपए प्रतिकिलो के मान से 800 रूपए की आमदनी समूह को हुई। श्री कुशवाह ने बताया कि आने वाले दिनों में दीपावली, तुलसी विवाह, गुरूनानक जयंती जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में फूलों की मांग और अधिक हो जाएगी तथा बाड़ी से उत्पादित गुणवत्तापूर्ण फूलों के खरीदार बढ़ जाएंगे। ऐसे में समूहों को निश्चित तौर पर अतिरिक्त आमदनी होगी, जिससे महिलाएं स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इसके पहले, एनजीजीबी प्रोजेक्ट का उद्यानिकी विभाग से अभिसरण कर बड़े पैमाने पर सब्जीवर्गीय पौधे लगाए गए, जिसमें कुंदरू, टमाटर, भिण्डी, बरबट्टी, गिल्की, करेला, लौकी, लालभाजी, पालक, चौलाई भाजी सब्जी की खेती शामिल है। यहां के चार महिला स्वसहायता समूहों के द्वारा अब तक 06 क्ंिवटल सब्जी का उत्पादन कर स्थानीय बाजार में बेची गई, जिससे समूहों को लगभग 20 हजार रूपए की शुद्ध आय प्राप्त हुई। इस प्रकार समूह की महिलाओं के लिए सामूहिक बाड़ी वरदान साबित हुई और आय के साथ-साथ महिलाओं का आत्मसम्मान भी बढ़ा है।