कोरबा। कोरोना काल के दो साल बाद प्रशासन के पूर्ण अनलाक के बीच पहली बार होने वाली वासंती नवरात्र को लेकर भक्तों में उल्लास देखा जा रहा है। दर्शनार्थी भक्तों को मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी नियम का पालन करना होगा। दो मार्च को घट स्थापित कर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर्व को धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित देवी मंदिरों में आस्थावान श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी।
कोरोना काल में भक्तजनों के लिए मंदिरों से दूरियां बढ़ा दी थी। खासकर पर्वत वासिनी देवी मंदिरों तक भक्त जन नहीं पहुंच पा रहे थे। अनलाक के बाद मन्नाती दीप प्रज्ज्वलित कराने का भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। मड़वारानी मंदिर में नवरात्र के पहले दिन से कलश पूजा होगी। यहां क्वांर नवरात्रि में सप्तमी से दीप प्रज्ज्वलित होती है।
इसी तरह कोसगाई मंदिर के केराझरिया प्रांगण में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की जाएगी। कलश प्रज्ज्वलित कराने के लिए श्रद्धालु मंदिर प्रबंधन से संपर्क करने लगे है। पर्वत वासिनी देवी मंदिरों में दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। चैत्र नवरात्रि में व्रती श्रद्धालुओं की सुविधा जैसे पेयजल छायादार स्थल आदि के लिए व्यस्था को दुरूस्त किया जा रहा है।
आरती का समय सुबह-शाम आठ बजे रखा गया है। देवी मां के भक्तों के लिए भोग भंडारे की व्यवस्था रहेगी। शहर के प्रसिद्ध सर्वमंगला मंदिर में भी पर्व आयोजन को लेकर उल्लास देखा जा रहा है। इस अवसर पर सर्वमंगला देवी मंदिर परिसर में प्रतिदिन सुबह और शाम भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया जाएगा। सर्वमंगला मंदिर में माता का मंगल श्रृंगार प्रतिदिन रात्रि 12 बजे होगा। भवानी मंदिर दर्री में नवरात्र पर्व उल्लास के साथ मनाया जाएगा। मंदिर समिति ने माता के श्रृंगार दर्शन, ज्योति दर्शन एवं माता रानी श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहेगा।