छत्तीसगढ़

वन्य प्राणियों के रहवास क्षेत्र में किया गया जलस्त्रोतों का विकास

Nilmani Pal
9 Nov 2022 2:29 AM GMT
वन्य प्राणियों के रहवास क्षेत्र में किया गया जलस्त्रोतों का विकास
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रायपुर। राज्य में वन्य प्राणियों के रहवास क्षेत्रों का विकास कर उनके संरक्षण तथा सर्वधन के लिए निरतंर कार्य हो रहे हैं। इसके तहत् संरक्षित क्षेत्रों एवं क्षेत्रीय वन मण्डलों में वन्यप्राणी संरक्षण, संवर्धन, प्रबंधन एवं रहवास क्षेत्रों का विकास कार्य किया जा रहा है। वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में विभिन्न योजनाओं के तहत् वन क्षेत्रों में जलस्त्रोतों का विकास, तालाब, एनीकट एवं स्टॉप डेम निर्माण, नलकूप खनन, चारगाह विकास, लेन्टाना उन्मूलन, बाड़ा निर्माण आदि कार्य सतत् रूप से जारी हैं।

इस तारतम्य में प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्य प्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 10 हजार 553 हे. क्षेत्र में चारागाह विकास का कार्य किया गया है ताकि शाकाहारी वन्य प्राणियों को सुगमता से भोजन उपलब्ध हो सके। इसके फलस्वरूप वन्य प्राणियों की संख्या में निरतंर वृद्धि हो। साथ ही इस वर्ष लगभग 82003 हे. क्षेत्र में लेण्टाना उन्मूलन का कार्य किया गया है। संरक्षित क्षेत्रों में लेण्टाना का प्रकोप को कम करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से एक तरफ लेण्टाना से वन्यप्राणी विचरण के लिए खुले स्थान मिलेेंगे तथा दूसरी ओर इन खुले स्थानों में घास एवं अन्य पौधों को पनपने का अवसर मिलेगा, जो हमारे वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त भोजन है। ऐसे क्षेत्रों में चारगाह मैदान भी विकसित किये जा रहे हैं।

वन्य प्राणियों के रहवास सुधार कार्यक्रम में जल उपलब्धता एक महत्वपूर्ण घटक है। विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में पानी के अभाव में वन्य प्राणी आबादी क्षेत्रों में प्रवेश कर जाते हैं जिसके कारण मानव-वन्यप्राणी द्वंद की स्थिति निर्मित होती है और वन्य प्राणियों को नुकसान भी होता है। यादि पानी की उपलब्धता संरक्षित क्षेत्रों में ही सुनिश्चित किया जाए तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। अत्एव विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 06 तालाबों का गहरीकरण सहित 112 तालाब, 12 एनीकट, 20 स्टॉपडेम, 284 वॉटरहोल, 237 गेबरियन स्ट्रक्चर एवं 135 कच्चे बोल्डर चेकडेम का निर्माण किया गया है।

इसके अलावा विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा को अहम मानते हुए लगातार पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है तथा टूरिज्म को सुगम बनाने हेतु 1 हजार 463 किलोमीटर में वन मार्गो का निर्माण तथा उन्नयन का कार्य किया गया है। मैदानी अमले को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में लगभग 76 विभिन्न प्रकार के आवासीय मकान बनाये गये हैं। इसी तरह वन्य प्राणियों के प्रति सकारात्मक सोच, जागरूकता एवं बचाव के उपाय के बारे में आमजनता को जागरूक करने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा हैं।

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