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बलौदाबाजार। बलौदाबाजार के देवाशीष तिवारी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में सफलता पाई है और जिले के पहले अधिवक्ता बने हैं जो इस परीक्षा को पास करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर और पेश कर सकते हैं. उनकी इस उपलब्धि से जिले में हर्ष का माहौल है.
परीक्षा का परिणाम आने के बाद देवाशीष तिवारी ने बताया कि एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AOR) परीक्षा पास करने के बाद आप सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करने की पात्रता प्राप्त कर लेते हैं. यह एक ऐसा अधिवक्ता होता है जो चार वर्ष की वकालत और एक वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षा को पास करता है. इसके बाद उसे सर्वोच्च न्यायालय में मामले दायर करने और पैरवी करने के लिए विशेष रूप से अनुमोदित किया जाता है. बिना इस परीक्षा में सफलता प्राप्त किए, किसी अधिवक्ता को सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर करने की अनुमति नहीं होती. यह परीक्षा अत्यंत कठिन और प्रतिष्ठित होती है.
वर्ष 2023 में आयोजित इस परीक्षा का परिणाम अब आया है, जिसमें पूरे देश से केवल 356 अधिवक्ताओं ने सफलता प्राप्त की. उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता वरिष्ठ अधिवक्ता संजय तिवारी, माता वंदना तिवारी, गुरुजनों, तिवारी परिवार व बाजपेई परिवार के सभी आदरणीय जनों, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर निर्मल शुक्ला एवं सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री सुमीर सोढ़ी को दिया है.
गौरतलब है कि देवाशीष तिवारी के दादा डॉ. एस.एल. तिवारी बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक रहे हैं, जिनका आशीर्वाद सदैव उनके साथ है. देवाशीष तिवारी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा बलौदाबाजार के सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल से प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने हिदायतुल्ला विश्वविद्यालय से एलएलबी किया. वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं. उनकी इस उपलब्धि पर जिला अधिवक्ता संघ ने भी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
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