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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोंडागांव। कोंडागांव जिले में संदिग्ध कबूतर पकड़ा गया है। कबूतर के पैर में विदेशी भाषा का टैग लगा मिला है। जामपदर इलाके में ये कबूतर पकड़ा गया है। पुलिस कबूतर को कब्जे में लेकर इसकी जांच शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि नक्सली कबूतर के जरिए जासूसी करा रहे हैं। फोर्स की मुस्तैदी के बाद बढ़ते दबाव के कारण नक्सली अपना संदेश साथियों को भेजने कबूतर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कबूतर एकमात्र ऐसा पक्षी है जो हर हाल में अपने मालिक (जिससे उन्हें दाना मिलता है) के पास लौटकर आता है। इन्हें कहते हैं. चूंकि ये काफी समझदार और घरेलू होते हैं इसलिए उन्हें प्रशिक्षण देना आसान होता है।
कबूतरों की एक प्रजाति, जिसे Racing Homer कहते हैं, एक बेहद खास कबूतर होते हैं। उन्हें इस तरह से ट्रेन किया जाता है कि वे तेजी से उड़े और गंतव्य तक पहुंचकर वापस लौट सकें। पहले और दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान कबूतरों की इसी प्रजाति को एक से दूसरी तरह जासूसी या संदेश पहुंचाने के इस्तेमाल किया गया।
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