हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बिहान समूह की दीदीयां पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए स्नेह के इस पर्व पर बहनों की सुरक्षा का संकल्प दोहरा रही है तथा समाज को जागरूक भी कर रही है। स्व सहायता समूह की दीदीयों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से रक्षाबंधन पर्व के पूर्व उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के आकर्षक राखियों का निर्माण किया जा रहा है। उनके द्वारा बनाई गई राखियां जब भाइयों के कलाइयों में बंधती है तो उन्हें बहुत सुकून मिलता है।
बाजार की मांग एवं स्थानीय जरूरतों के हिसाब से राखियां बनाई जाती हैं। समूह की सभी दीदियों को इस पर्व में अच्छी आमदनी भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि समूह की दीदियों का कौशल विकास तो होता ही है साथ ही एक निश्चित आय अर्जित होने से आर्थिक संबलता होती है। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के त्यौहार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित होने पर स्व सहायता समूह की दीदियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि समय-समय पर उन्हें प्रशासन से भी मदद मिल जाती है। उन्होंने बताया कि धान, चावल, गेहूं, गोबर, बांस और कौड़ी आदि से राखियां बनाई जा रही हैं।