छत्तीसगढ़

उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वच्छता और संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 आयुष संस्थाओं को दिए पुरस्कार

Nilmani Pal
24 Aug 2023 1:26 PM GMT
उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वच्छता और संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 आयुष संस्थाओं को दिए पुरस्कार
x

रायपुर. उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम और अपशिष्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य के 25 आयुष संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने आज रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित कायाकल्प-आयुष पुरस्कार समारोह में ये पुरस्कार वितरित किए। स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का चार चरणों में मूल्यांकन के बाद उत्कृष्ट पाए गए 25 आयुष संस्थाओं का इन पुरस्कारों के लिए चयन किया गया था। राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार आयुष संस्थाओं में स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम तथा अपशिष्ट प्रबंधन के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में कायाकल्प-आयुष का क्रियान्वयन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है।

उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद में हजारों साल से जानकारी है। इसके इस्तेमाल से लोगों को सदियों से उपचार और राहत मिल रही है। पूरी दुनिया में अभी परंपरागत औषधियों (Traditional Medicines) को लेकर बात हो रही है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद आयुष डॉक्टरों से कहा कि आप लोगों के पास इस ज्ञान की धरोहर है जिसके माध्यम से आप लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। आप लोग इस ज्ञान और इन पद्धतियों को आत्मविश्वास के साथ लोगों तक पहुंचाएं।

उप मुख्यमंत्री सिंहदेव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश की आयुष संस्थाओं में काफी बदलाव आया है। राज्य और केंद्र सरकार से इसके लिए लगातार सहयोग और राशि मिल रही है। उन्होंने इनका सदुपयोग करते हुए इन पद्धतियों का ज्यादा से ज्यादा लाभ लोगों तक पहुंचाने तथा आयुष संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने में करने को कहा। उन्होंने आयुष संस्थाओं के डॉक्टरों और स्टॉफ को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों ने छत्तीसगढ़ को गौरव प्रदान किया है। इसके लिए मैं आप लोगों को धन्यवाद देता हूं। पूरे देश में आज पहली बार आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बाद उन्हें पुरस्कार दिए जा रहे हैं। जिन संस्थाओं को आज पुरस्कार मिल रहा है वे अन्य संस्थाओं के लिए पथ प्रदर्शक बनने के साथ ही अपना स्तर लगातार आगे लेकर जाएं।

केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय आयुष मिशन की प्रभारी श्रीमती कविता गर्ग ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक परिदृश्य में आयुष लगातार अपना स्थान बना रहा है। भारत पूरी दुनिया में इसका अगुवा बन सकता है। उन्होंने आयुष को बढ़ावा देने और आयुष संस्थानों की मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि यहां 400 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स फंक्शनल है। छत्तीसगढ़ को इसके लिए जो लक्ष्य दिया गया था उसे राज्य ने शत-प्रतिशत हासिल किया है। श्रीमती गर्ग ने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत कायाकल्प-आयुष के क्रियान्वयन को भी काफी सराहा। उन्होंने कहा कि यहां की आयुष संस्थाएं वॉलिंटियर (Volunteer) कर पूरे भारत में जाएं और दूसरे राज्यों के अस्पतालों को बताएं कि उन्होंने यहां इसे कैसे अंजाम दिया।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु . पिल्लै ने समारोह में बताया कि 1174 आयुष संस्थाओं में से 1054 संस्थाओं ने कायाकल्प-आयुष में भागीदारी की। राज्य की 90 प्रतिशत संस्थाओं की सहभागिता काफी उत्साहवर्धक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में राज्य की सभी आयुष संस्थाएं इसमें हिस्सा लेंगी। उन्होंने राज्य की आयुष संस्थाओं में स्वच्छता, संक्रमण पर नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों के लिए सभी संस्थाओं और वहां की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यस्थल में अपने काम के प्रति गौरव को बढ़ाता है। यह मरीजों और उनके परिजनों के साथ-साथ अस्पताल के स्टॉफ को भी सुरक्षित रखता है।

आयुष विभाग की संचालक नम्रता गांधी ने कार्यक्रम में आयुष संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं और कायाकल्प-आयुष के तहत आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बारे में भी बताया। समारोह में एनएबीएच (National Accreditation Board for Hospitals & Healthcare Providers) के फैकल्टी डॉ. किरण पंडित ने ‘आयुष संस्थाओं में गुणवत्ता उन्नयन का महत्व एवं संभावनाएं’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस दौरान अस्पतालों के लिए निर्धारित अलग-अलग मानकों की जानकारी दी। उन्होंने एनएबीएच मानक हासिल करने की प्रक्रिया और मूल्यांकन पद्धति के बारे में भी बताया। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रायपुर के छात्र-छात्राओं ने समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

इन अस्पतालों को मिला पुरस्कार

कायाकल्प-आयुष के अंतर्गत जिला आयुर्वेद चिकित्सालय श्रेणी में जिला आयुर्वेद चिकित्सालय जगदलपुर को प्रथम पुरस्कार मिला। जिला एलोपैथी चिकित्सालय जगदलपुर में सहस्थापित आयुष विंग तथा आयुष स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर सूरजपुर को अपनी-अपनी श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। इन तीनों संस्थाओं को क्रमशः दो लाख रूपए, डेढ़ लाख रूपए और सवा लाख रूपए की पुरस्कार राशि दी गई। राजनांदगांव जिले के आयुष स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर डोंगरगढ़ को 50 हजार रूपए का द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

आयुष औषधालय श्रेणी में हर संभाग के तीन-तीन संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। इन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 75 हजार रूपए, 50 हजार रूपए और 25 हजार रूपए की पुरस्कार राशि दी गई। रायपुर संभाग में गरियाबंद जिले के आयुर्वेद औषधालय अकलवारा को प्रथम, धमतरी के आयुर्वेद औषधालय परसापानी को द्वितीय और रायपुर के आयुर्वेद औषधालय टेकारी (जुलुम) को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। बिलासपुर संभाग में रायगढ़ जिले के बर्रा, भेडवन और समकेरा आयुर्वेद औषधालय को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया गया। सरगुजा संभाग के अंतर्गत बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के होम्योपैथी औषधालय वाड्रफनगर को प्रथम और इसी जिले के होम्योपैथी औषधालय पेंड्री को द्वितीय तथा जशपुर जिले के आयुर्वेद औषधालय बंदरचुआ को तृतीय पुरस्कार मिला। बस्तर संभाग में कोंडागांव जिले के आयुर्वेद औषधालय बोरगांव को प्रथम, कांकेर जिले के आयुर्वेद औषधालय तरहुल को द्वितीय और इसी जिले के आयुर्वेद औषधालय दबेना को तृतीय पुरस्कार दिया गया। दुर्ग संभाग के तहत राजनांदगांव जिले के आयुर्वेद औषधालय पदुमतरा को प्रथम, राजनांदगांव के ही आयुर्वेद औषधालय विचारपुर को द्वितीय तथा कबीरधाम के आयुर्वेद औषधालय सिंघनगढ़ को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

आयुष केंद्र एवं स्पेशलिटी क्लीनिक श्रेणी में बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के दो-दो आयुष संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 75 हजार रूपए और द्वितीय पुरस्कार के तौर पर 50 हजार रूपए की राशि दी गई। बिलासपुर संभाग के रायगढ़ जिले के आयुष केन्द्र कनकबीरा को प्रथम और कोरबा के आयुष स्पेशलिटी क्लीनिक लेमरू को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया। सरगुजा संभाग के अंतर्गत सूरजपुर के आयुष स्पेशलिटी क्लीनिक बसदेई को प्रथम एवं जशपुर के आयुष केन्द्र भेंलवां को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। बस्तर संभाग के तहत कांकेर जिले

Next Story