रायपुर। अधिवक्ता संघ ने मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर शीघ्र ही जिला न्यायालय परिसर में 100 बिस्तरों का कोविड हॉस्पिटल शुरू करने की मांग की है। ततसंबंध में संघ के सचिव कमलेश पांडे ने एक लिखित पत्र मुख्य न्यायाधीश व मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है। विदित हो कि,कोविड - 19 की दूसरे लहर की चपेट में पूरा राज्य संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। रायपुर जिला न्यायालय सहित राज्य के विभिन्न जिला न्यायालयों में व्यवसायरत अधिवक्तागण,न्यायिक कर्मचारी व अधिकारी तथा उनके परिवार भयावह संक्रमण के दौर से गुजर रहें हैं। रायपुर अधिवक्ता संघ के लगभग 20 अधिवक्ता कोरोना के संक्रमण से काल - कवलित हो चुके है। तथा उनके पारिवारिक सदस्य संक्रमण से प्रभावित हो रहे है। राज्य में कोविड के उपचार की व्यवस्था देखी जाए तो स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। छोटे बडे़ सभी शासकीय व निजी हॉस्पिटलों में बेड व उचित उपचार व्यवस्था उपल्ब्ध नही है , जिससे आम जनता इलाज की समुचित व्यवस्था न होने से परेशान हो रही हैै। ऐसे में अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने जिला न्यायालय परिसर में ही अधिवक्तागण व उनके परिवार के लिए 100 बिस्तरों का अस्थायी कोेविड हॉस्पिटल शीघ्र ही संचालित किए जाने की मांग की है।
अधिवक्ता संघ रायपुर ने मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर तत्काल जिला न्यायालय परिसर रायपुर में वकीलों एवं परिजनों के लिए अस्थायी कोविड हॉस्पिटल बनाये जाने की मांग की है। संघ के सचिव ने पत्र लिखते हुए अवगत कराया कि, विगत माह 2020 से न्यायालयों में नियमित न्यायालयीन कार्य बंद होने से अधिवक्ताओं के समक्ष आर्थिक समस्या रही है, वहीं कोरोना की दुसरी लहर में अधिवक्ता संघ रायपुर के 17 अधिवक्ता संक्र्मण से पीड़ित होकर अपनी जान गंवा बैठे है। अनेक अधिवक्ताओ ने अपने परिजनों को खोया है और भी अनेक अधिवक्ता संक्रमण से प्रभावित होकर सही और जरूरी इलाज के लिए भटक रहे है। निजी हॉस्पिटल में बेड नहीं है। और यदि किसी प्रकार से यदि बेड मिल भी जाए तो आर्थिक स्थितिवश महंगे इलाज के कारण बेबस और परेशान हो रहे है। सचिव श्री पांडे ने अनुरोध करते हुए लिखा है कि, जिला न्यायालय परिसर में अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था के लिए पर्याप्त एवं सुविधाजनक स्थान है। जिसमें कम से कम 100 बेड का हॉस्पिटल तुरंत तैयार हो सकता है। जिसें अतिशीघ्र खोले जाने की मांग की गई है। संघ ने रायपुर जिला कलेक्टर को भी एक पत्र लिखते हुए वकीलों एवं परिजनों की समुचित व त्वरित ईलाज के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर चिकित्सा व्यवस्था हेतू निर्देश जारी करनें की मांग की हैै।
विदित हो कि, रायपुर जिला न्यायालय के अंतर्गत लगभग 3000 से अधिक अधिवक्ता पंजीकृत है। जिनके समक्ष कोरोनाकाल की भयावहता से आजीविका का संकट तो है ही, वहीं संक्रमण की विकराल स्थिति ने समस्त अधिवक्ता समुदाय को स्तब्ध कर दिया है हर दिन अपने किसी न किसी अधिवक्ता साथी व उनके परिजनों के शोक समाचारओं की वेदना से अधिवक्ता समुदाय शोक संतृप्त है। ऐसे में मानवीय मूल्यों के तौर पर देखा जाए तो अधिवक्ता संघ के पत्र पर शीघ्र ही विचार किया जाना चाहिए।