छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में एससीईआरटी पाठ्य पुस्तक अनिवार्य करने की मांग

Nilmani Pal
29 Sep 2024 11:59 AM GMT
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में एससीईआरटी पाठ्य पुस्तक अनिवार्य करने की मांग
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रायपुर raipur news। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें कबाड़ में मिल रही है। पाठ्य पुस्तक निगम से करोड़ों के घोटाले की खबरें प्रतिवर्ष आती है। पुस्तकों की छपाई, वितरण और स्कूलों में पढ़ाए जाने तक सब गोलमाल हो रहा है, लेकिन सरकार इस समस्या का ठोस उपाय नहीं कर पा रही है। chhattisgarh news

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि उनके द्वारा विगत दस वर्षो से यह मांग की जा रही है कि प्रदेश के सभी स्कूलों के कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक सिर्फ एससीईआरटी की पाठ्य पुस्तक ही अनिवार्य कर दिया जाए, लेकिन सरकार ने आज पर्यन्त ऐसा कोई सख्त आदेश जारी नहीं किया, इसलिए छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें कबाड़ में मिल रही है, क्योंकि ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों के द्वारा पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों को लेते तो है, मगर प्राइवेट प्रकाशक की किताबों से अध्यापन कराया जा रहा है, और छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें कबाड़ में बिक जाती है, जबकि सीबीएसई ने अपने स्कूलों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से 9वीं से 12वीं तक के लिए एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को जरूरी कर दिया है। बोर्ड ने पहली से आठवीं तक की कक्षाओं को एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग करने की सख्त सलाह दी है।

पॉल ने बताया कि, बोर्ड की संबद्धता कक्षा नवमीं से मान्य होता है और कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक स्कूल राज्य सरकार और जिला शिक्षा अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में संचालित होते है, जिसका पूरा नियंत्रण राज्य और स्थानीय प्रशासन के पास होता है, तो राज्य को कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक सभी स्कूलों में एससीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अनिवार्य कर देना चाहिए, तो किताबें कबाड़ में नहीं मिलेगा, बल्कि इन किताबों से बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।

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