जशपुर। तपकरा को नागलोक के नाम से जाना जाता है. यहां सांपों की कई प्रजातियां मौजूद हैं. लेकिन ये सभी संरक्षण के आभाव में हैं. इसे लेकर सर्प विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा ने सोमवार को सर्पज्ञान केंद्र के संचालन को लेकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो को ये ज्ञापन सौंपा है. डॉ. शर्मा ने खलखो को सांपों और सर्पज्ञान केंद्र से के बारे में कई अहम जानकारी भी दी. इस दौरान दोनों के बीच सांप और प्रकृति के संरक्षण सहित जिला-जशपुर के नागलोक(तपकरा) क्षेत्र के अनेक विषयों पर चर्चा हुई.
बता दें कि नागलोक के नाम से विख्यात, जशपुर जिले के तपकरा-फरसाबहार को सर्पों की विभिन्न प्रजातियों के लिए जाना जाता है. नागलोक क्षेत्र में सांपों की 40 से ज्यादा प्रजाति पाई जाती है. डॉ. अजय शर्मा बताते हैं कि सर्पदंश से स्वतंत्रता के बाद करीब 12 लाख से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं. जब कि स्वतंत्रता संग्राम हो, भारत-पाक युद्ध हो, भारत-चीन युद्ध हो या कारगिल युद्ध हो, सभी युद्धों में होने वाली मौतों की संख्या 5 लाख के करीब है. उन्होंने बताया कि वे पिछले 39 साल से सर्पदंश से बचाव समेत प्रकृति और सांपों के संरक्षण की अलख जगाते आ रहे हैं. 1997 से लगातार इस क्षेत्र में उनकी संस्था ‘जनजातीय ग्रामीण विकास समिति तपकरा’ (TRIBAL RURAL DEVELOPMENT COUNCIL) ‘सांपो से बचें एवं सर्पों को बचाएं’ के उद्देश्य के साथ काम कर रही है. जिसमें गरीबों के अमूल्य जीवन को बचाने का की कोशिश की जा रही है.