छत्तीसगढ़

नक्सली क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज की मांग, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रत्नावली ने सौपा ज्ञापन

Nilmani Pal
12 Sep 2022 9:44 AM GMT
नक्सली क्षेत्रों के लिए विशेष पैकेज की मांग, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रत्नावली ने सौपा ज्ञापन
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रायपुर। छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास के वास्ते केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज दिलाने तथा इस राज्य में केंद्रीय मदद से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने, आईआईएम और भी आईआईटी खोलने रेल सेवाओं का विस्तार करने की मांग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की गई है! इस संबंध में कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया है.

अनूसूचित जाती विकास प्राधिकरण छग शासन की सदस्य, महिला कांग्रेस कमेटी छग की महासचिव एवं अनुसूचित जाति कांग्रेस कमेटी छग की प्रदेश उपाध्यक्ष रत्नावली कौशल ने छत्तीसगढ की समस्याओं एवं मांगों के निराकरण की दिशा में यह पहल की है! नई दिल्ली प्रवास के दौरान गुजरात विधानसभा अहमदाबाद लोकसभा मुख्य पर्यवेक्षक तथा राष्ट्रीय स्तर पर संचालित समाजसेवी संगठन हिन्द सेना महिला ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष रत्नावली कौशल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा! छग में निवासरत छत्तीसगढ मूल एवं उड़ीसा व झारखंड मूल के अनूसूचित जाती जनजाति वर्ग के लोगों की बहुलता, वन एवं खनिज संपदा की प्रचूर उपलब्धता, राज्य के बड़े हिस्से में व्याप्त नक्सली समस्या आदि का जिक्र करते हुए ज्ञापन में रत्नावली कौशल ने राष्ट्रपति से मांग की हैं कि राज्य में अजा अजजा वर्ग की बहुलता एवं नक्सली समस्या को देखते हुए छग को केंद्र सरकार से पर्याप्त फंड एवं जरूरी संसाधन उपलब्ध कराया जाए! ताकि अजा अजजा वर्ग का जीवन स्तर ऊंचा उठाने व नक्सली प्रभावित क्षेत्रों का समग्र विकास करने में छत्तीसगढ सरकार को सहूलियत हो सके.

रत्नावली कौशल ने ज्ञापन में मुंगेली जिला मुख्यालय में केंद्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज खुलवाने, अजा अजजा वर्ग के युवाओं की चिकित्सा शिक्षा के लिए विशेष पहल करने, छग के आदिवासी बहुल जगदलपुर (बस्तर), सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव, मोहला, मानपुर अ.चौकी , बालोद, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, अंबिकापुर आदि में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के अधीन सर्व सुविधायुक्त मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों एवं केंद्रीय तकनीकी शिक्षा विभाग भारत सरकार के अधीन इन जिलों में आईआईटी व इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना कराने, छग के मूल निवासी आदिम जनजातियों व अनूसूचित जातियों की कला संस्कृति, कला- परम्परा के संरक्षण-संवर्धन के लिए छग के चुनिंदा जिलों में केंद्र सरकार की ओर से संग्रहालयों की स्थापना कराने तथा इन जाती वर्ग के लोक कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए ठोस पहल करने का आग्रह किया है! छग के महापुरुष गुरु घासीदास बाबा, अंग्रेजों के खिलाफ लढाई लड़ने वाले योद्धा शाहिद वीर नारायण सिंह व कंगला मांझी के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कारों व सम्मान की स्थापना एवं घोषणा केंद्र सरकार से कराने, शिक्षा, समाजसेवा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, उद्योग आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली छत्तीसगढ की युवतियों व महिलाओ के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने, राज्य में निवासरत अजा-अजजा की छात्राओं के समग्र शैक्षणिक विकास के लिए छत्तीसगढ में प्राथमिक से लेकर महाविद्यालय स्तर तक केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं की स्थापना कराने की भी मांग राष्ट्रपति से की गई है.

रत्नावली कौशल ने राज्य के किसानों तथा वनोपजो पर आजीविका के लिए निर्भर वनवासियों के हित में भी राष्ट्रपति से मुहर लगाई है! उन्होंने ज्ञापन में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने तथा महुआ, तेंदूपत्ता, सालबिज आदि का संग्रहण करने वाले वनवासियों को भी धान उत्पादक किसानों की तरह केंद्र सरकार की ओर से प्रति वर्ष छह हजार रु. की सम्मान राशि दिलाने, राज्य में अजजा-अजा वर्ग की बहुलता व नक्सल समस्या के मद्देनजर छत्तीसगढ को केंद्र सरकार की ओर से विशेष आर्थिक पैकेज जारी कराने, विशेष राज्य का दर्जा दिलाने, राज्य में कोयला, लोह अयस्क, बिजली व वनोपजो की प्रचुर उपलब्धता को देखते हुए इन पर आधारित उद्योगों की स्थापना कराने, पहले से संचालित कोयला खानों, भिलाई संयंत्र एनएमडीसी एवं भूमित्व से खुलने वाले उद्योगों में छत्तीसगढ के बेरोजगारों को नौकरियों में सर्वोस्व प्राथमिकता दिलाने की भी मांग राष्ट्रपति के समक्ष रखी है! रेल सेवाओं का हो विस्तार, कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने राष्ट्रपति को सौपे गए ज्ञापन में छत्तीसगढ में रेल सेवाओं के विस्तार पर भी विशेष जोर दिया है! उन्होने केंद्र सरकार द्वारा पूर्व से घोषित सारंगढ़,, बिलासपुर, मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव रेल कैरिडोर का कार्य जल्द आरंभ करवाने, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, गीदम, नारायणपुर, मुंगेली, अंबागढ़ चौकी, मोहला, मानपुर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों को रेल सेवाओं से जोड़ने, धमतरी-रायपुर नैरोगेज रेलवे लाईन को ब्रांड गेज में तब्दील कर रेल सेवा आरंभ कराने, धमतरी से कांकेर बस्तर, जगदलपुर तक रेल लाईन बिछाने व रेल सेवा आरंभ कराने, छत्तीसगढ को अजा-अजजा वर्ग की बहुलता के मद्देनजर विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर विशेष आर्थिक पैकेज जारी कराने की भी मांग की हैं.

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