छत्तीसगढ़

रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्राशक्षण अधिकारियों की भर्ती को शन्य नही करते हुए न्याय दिलाने की मांग

Admin2
28 July 2021 8:44 AM GMT
रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्राशक्षण अधिकारियों की भर्ती को शन्य नही करते हुए न्याय दिलाने की मांग
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रायपुर। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस ने राजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत राज्य के विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षण अधिकारियों की भर्ती को शन्य नही करते हुए न्याय दिलाने की मांग की. बता दें कि वर्ष जनवरी-2013 में संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण द्वारा 723 प्रशिक्षण अधिकारियों की नियक्ति की गई थी. जिसमें से वर्तमान में लगभग 600 प्रशिक्षण अधिकारी कार्यरत हैं। नियुक्त प्रशिक्षण अधिकारियों की सेवा 08 वर्ष 06 माह से अधिक हो चुकी है। कार्यरत प्रशिक्षण अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त कर विभाग के द्वारा नियमित किया जा चुका है। अधिकतर प्रशिक्षण अधिकारियों ने 01 वर्ष का ए.टी.आई./सी.टी.आई. प्रशिक्षण, उच्च प्रशिक्षण संस्थाओं से 01 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तीर्ण कर लिया है।

2013 से आज पर्यन्त प्रशिक्षण अधिकारी अपनी नियमित सेवा दे रहें हैं एवं पर्ण निना एवं लगन से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे है। उक्त भर्ती संबंधित विज्ञापन न आदेश जारी किया गया जब अभ्यर्थियों ने उक्त पद के लिए आवेदन किया जाकर वर्ष 2013 में नियुक्ति आदेश जारी किया गया जब अभ्यर्थियों ने उक्त 4-28 वर्ष के युवा थे, आज कुल मिलाकर लगभग 11 वर्ष बीत चुके हैं, था उस समय अधिकतर साथी 25-28 वर्ष के युवा थे, आज कलम से अधिक हो चुकी है। सभी प्रशिक्षण अधिकारी अपने परिवार के मुख्य आज अधिकतर की उम्र 35 वर्ष से अधिक हो चुकी है। सभी प्रशिक्षण अधिकारी अपने परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य हैं, उन पर परिवार बच्चों एवं माता पिता के द भर्ती शून्य घोषित हो जाती है तो इनकी आजीविका समाप्त होन।

पर परिवार बच्चों एवं माता पिता के देखभाल की जिम्मेदारी है। इस तरह यदि जाता है तो इनकी आजीविका समाप्त होने के साथ ही साथ परिवार/बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जावेगा। अधिकतर प्रशिक्षण अधिकारी पूर्व में शासकीय सवा न तर प्राशक्षण अधिकारी पूर्व में शासकीय सेवा अथवा अन्य कार्य छाड़कर उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद में इस विभाग में सेवा में आयें है। जब से यह जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हई है कि भर्ती को गतल साबित कर शून्य किया जा रहा ह तब तक प्रशिक्षण अधिकारियों के मन मे भय, आशंका एवं तनाव व्याप्त है।

वर्तमान में विगत 2020 से कोरोना वायरस के कारण लाकडाउन एवं अन्य सबंधित विपरित परिस्थितियों का सामना देश प्रदेश का हर नागरिक कर रहा है। उपरोक्त परिस्थितियों के पारपक्ष्य म नियुक्ति पश्चात् इतने वर्षों उपरांत इस तरह सेवा से अलग करने पर प्रशिक्षण अधिकारी 35-40 वर्ष के बेरोजगार कहलाएंगे एवं उनका कैरियर एवं पूरे परिवार का जीवन बर्बाद हो जावेगा जिसकी प्रतिपूर्ति करना असंभव होगा। आरक्षण रोस्टर का पालन करना एवं नियामानसार नियुक्ति करना विभाग की जिम्मेदारी है. इसमें अभ्यर्थी होने के नाते सभी नियमित प्रशिक्षण अधिकारी निर्दोष हैं। इन्हे विभाग द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई एवं आज पर्यन्त सभी को जो भी जवाबदी सौंपी गई उन्होने उसका पूर्णतः पालन किया एवं शासन/प्रशासन के नियमों का अक्षरशः पालन किया। विगत् 10 वर्षों में इनकी नियुक्ति के पश्चात् औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षणार्थियों के स्तर एवं प्रशिक्षण गुणवत्ता में कई गुना सुधार हुआ है।

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