- नशे का गढ़ बनते जा रहा है छत्तीसगढ़, पुलिस सक्रिय, छुटभैय्ये नेता मस्त, पुलिस के हाथों में अपराधी आते ही सभी छुटभैय्ये नेता सक्रिय हो जाते हैं और पुलिस पर अनैतिक दबाव बनाकर नई परंपरा की गाथा गढ़ रहे हैं। छुटभैय्ये नेता अपने देख रेख में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके चलते ड्रग की तस्करी के लिए छत्तीसगढ़ सबसे सुरक्षित गढ़ बन गया है।
रायपुर (जसेरि)। राजधानी में नशे का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है, रोजाना नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी रहती है लेकिन उसके बाद भी नशे का कारोबार करने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते है। रोजाना नशे की तस्करी होते जा रही है। शहर में ऐसे स्थान भी हैं, जहां पुडिय़ा या माल बोले तो हाथ में तुरंत गांजे की पुडिय़ा आ जाएगी। चौंकाने वाली बात है कि यहां बच्चा-बच्चा इसको जानता है, लेकिन छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण के चलते ये कारोबार आए दिन बढ़ते जा रहा है। गांजे का कारोबार शहर की गली-गली में इस कदर फैल चुका है कि कहीं थोड़ी दूरी पर तो कहीं घर से ही नशा बेचा जा रहा है। बेखौफ कारोबार करने वालों ने महिलाओं और बच्चों को भी इसमें झोंक रखा है। गांजे के तलबगार 50 या 100 रुपए देकर आसानी से नशा खरीद रहे हैं। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी नशे के सौदागर अपने कारोबार को बंद नहीं करते है।
नशे की तरफ युवा पीढ़ी बढ़ रही है तेजी से
बड़े शहरों की तर्ज पर रायपुर नशाखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग इसकी चपेट में है। रायपुर शहर में अफीम, चरस, गांजा, ड्रग्स, नशीले इंजेक्शन और टैबलेट समेत अन्य माध्यमों से नशा किया जा रहा है। नशे के मंहगे माध्यमों के लिए बड़ा नेटवर्क शहर में पांव पसार रहा है। जो भारी मात्रा में नशे की खेप रायपुर पहुंचा रहा है। रायपुर में पुलिस का तंत्र कमजोर हो गया है। इस कारण नशा माफिया सक्रिय होकर इस अवैध कारोबार में तेजी पकड़ रहे हैं। पुलिस कभी कभार नशे के खिलाफ कार्रवाई करत नजर आती है लेकिन अभी तक सरगना तक पहुंच पाने में पुलिस नाकाम रही है।
खुलेआम ब्रॉउन शुगर की हो रही बिक्री
राजधानी के चारों कोनों में ब्राउन शुगर, गांजा, शराब, चरस के सौदागरों ने जाल बिछा रखा है। राजधानी में बेखौफ ब्राउन शुगर सहित अन्य नशीले पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। युवा पीढ़ी ब्राउन शुगर के नशे में मदहोश है। नशे की हालत में उन्हें ये पता नहीं चलता की वो क्या कर रहे है, किसको क्या बोल रहे हैं और किससे क्या बात कर रहे हैं। राजधानी में युवाओं को नासूर रोग लग चुका है। जिसका समय रहते इलाज करना बहुत ही जरूरी हो गया है, नहीं तो यह रोग युवाओं को पूरी तरह तवाह कर देगी। प्रदेश सहित राजधानी में नशे की लत ने युवा पीढ़ी को बर्बादी के कगार में लाकर खड़े कर दिया है, जो घर-परिवार के साथ समाज के लिए हानिकारक साबित होते जा रहा हैं।
बाइक-स्कूटी से हो रही गांजे की तस्करी
रायपुर शहर से दूर पार्किंग स्थल और उनमें खड़े खराब वाहन नशा करने वालों का अड्डा बने हैं। नशा तस्करी में पकड़े जाने वाले आरोपी अधिकांश मैदानी क्षेत्र के रहने वाले होते है। इनमें ज्यादातर तस्कर वे होते हैं जो बाइक या स्कूटी से नशीले पदार्थों को लाकर बेचते हैं। नशे के सौदागर मोबाइल कॉल व व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर भी नशे को पहुंचाने का स्थान तय कर रहे हैं। पुलिस की नजरों से बचने के लिए तस्कर चलते वाहनों से भी नशे की पुडिय़ा पहुंचाते हैं। इस खबर के सामने आते ही तरह-तरह की खबरे भी सामने आने लगीं हैं।
ढाबा के पास हेरोइन के साथ पकड़ाया तस्कर
नशीले पदार्थ के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में रायपुर पुलिस ने अहम कामयाबी हासिल करते हुए 8 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी के विरूद्ध थाना आमानाका में अपराध क्रमांक 210/22 धारा 21(बी) नारकोटिक्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की गई है. पुलिस को 7 जून को सूचना मिली कि थाना आमानाका क्षेत्रांतर्गत श्री साईं हाईवे ढाबा के पास खड़ा एक व्यक्ति रास रखे हेरोईन (चिट्टा) की बिक्री के फिराक में है. एएसपी पश्चिम आकाश राव गिरीपुंजे और सीएसपी आजाद चौक रत्ना सिंह ने थाना प्रभारी आमानाका संतराम सोनी को सूचना की तस्दीक कर आवश्यक कार्यवाही करने निर्देशित किया. थाना प्रभारी के नेतृत्व में आमानाका थाना पुलिस की टीम ने उक्त स्थान पर मुखबिर द्वारा बताए हुलिये के व्यक्ति को चिन्हांकित कर पकड़ा गया.पूछताछ में हीरापुर, कबीरनगर, रायपुर निवासी धरम सिंह रंधावा को पकड़कर तलाशी ली. इस पर उसके कब्जे से 40 हजार रुपए कीमत का कुल 8 ग्राम हेरोईन (चिट्टा) और घटना में प्रयुक्त एक्टिवा वाहन कीमत 60,000 रुपए को जब्त किया।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन में नौ किलो गांजा पकड़ाया
ट्रेन के जरिए गांजा तस्करी हो रही है। संयुक्त जांच के दौरान आरपीएफ व जीआरपी की टीम ने जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक से दो तस्करों को नौ किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है।मामला बुधवार का है। अभी गांजा तस्करों के लिए रेलवे के दोनों सुरक्षा विभाग बेहद सख्त है और लगातार स्टेशन व प्लेटफार्म में जांच की जा रही है। जांच के दौरान मुखबिर से सूचना मिली की चाइल्ड लाइन कार्यालय के सामने दो व्यक्ति खड़े हैं। दोनों के पास रखे बैग में मादक पदार्थ गांजा रखा हुआ है। दोनों टिकट लेकर बिलासपुर से अनूपपुर जाने के लिए खड़े हैं। यह सूचना मिलते ही अमला सतर्क हो गया। उन्होंने मुखबिर के द्वारा बताए हुलिए के अनुसार दोनों व्यक्ति तलाश की। दोनों सामने से आ रहे थे। जिस पर जीआरपी व आरपीएफ सतर्क हो गई। हालांकि इससे पहले पकडऩे की कार्रवाई की जाती दोनों भागने लगे। इस पर उन्हें घेराबंदी कर पकड़ा गया। पहले तो उनसे सामान्य पूछताछ की गई।जिसमें एक ने अपना नाम नंदकिशोर (23) निवासी दूरीडेयूल थाना कंतमाल जिला बौद्ध ओडिशा व दूसरे ने अपना नाम समीर दीगाल (30) निवासी बोउपोंगा थाना गोछापोंडा जिल कंघमाल ओडिशा बताया। इसके बाद जब उनसे भागने की वजह पूछी गई तो वह गोलमोल जवाब देने लगे।
लिहाजा दोनों के पास रखे बैग की तलाशी ली गई। इस दौरान नंदकिशोर के बैग से तीन पैकेट में पांच किलो गांजा बरामद हुआ। वहीं दूसरे आरोपित के पास में दो पैकेट में चार किलो गांजा जब्त हुआ। जब्त गांजा की कीमत 45 हजार रुपये हैं। आरोपितों के खिलाफ जीआरपी ने धारा 20 बी एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। इस कार्रवाई में जीआरपी थाना प्रभारी हरीश शर्मा, प्रधान आरक्षक विश्वनाथ चक्रवर्ती, केशव घुतलहरे,, राजा दुबे व लक्ष्मीनारायण और आरपीएफ के उप निरीक्षक एके मिंज, उप निरीक्षक एसबी द्विवेदी व आरक्षक नीरज कुमार शामिल थे।
ट्रेन के जरिए गांजा तस्करी हो रही है। संयुक्त जांच के दौरान आरपीएफ व जीआरपी की टीम ने जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक से दो तस्करों को नौ किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है।मामला बुधवार का है। अभी गांजा तस्करों के लिए रेलवे के दोनों सुरक्षा विभाग बेहद सख्त है और लगातार स्टेशन व प्लेटफार्म में जांच की जा रही है। जांच के दौरान मुखबिर से सूचना मिली की चाइल्ड लाइन कार्यालय के सामने दो व्यक्ति खड़े हैं। दोनों के पास रखे बैग में मादक पदार्थ गांजा रखा हुआ है। दोनों टिकट लेकर बिलासपुर से अनूपपुर जाने के लिए खड़े हैं। यह सूचना मिलते ही अमला सतर्क हो गया। उन्होंने मुखबिर के द्वारा बताए हुलिए के अनुसार दोनों व्यक्ति तलाश की। दोनों सामने से आ रहे थे। जिस पर जीआरपी व आरपीएफ सतर्क हो गई। हालांकि इससे पहले पकडऩे की कार्रवाई की जाती दोनों भागने लगे। इस पर उन्हें घेराबंदी कर पकड़ा गया। पहले तो उनसे सामान्य पूछताछ की गई।जिसमें एक ने अपना नाम नंदकिशोर (23) निवासी दूरीडेयूल थाना कंतमाल जिला बौद्ध ओडिशा व दूसरे ने अपना नाम समीर दीगाल (30) निवासी बोउपोंगा थाना गोछापोंडा जिल कंघमाल ओडिशा बताया। इसके बाद जब उनसे भागने की वजह पूछी गई तो वह गोलमोल जवाब देने लगे।
लिहाजा दोनों के पास रखे बैग की तलाशी ली गई। इस दौरान नंदकिशोर के बैग से तीन पैकेट में पांच किलो गांजा बरामद हुआ। वहीं दूसरे आरोपित के पास में दो पैकेट में चार किलो गांजा जब्त हुआ। जब्त गांजा की कीमत 45 हजार रुपये हैं। आरोपितों के खिलाफ जीआरपी ने धारा 20 बी एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। इस कार्रवाई में जीआरपी थाना प्रभारी हरीश शर्मा, प्रधान आरक्षक विश्वनाथ चक्रवर्ती, केशव घुतलहरे,, राजा दुबे व लक्ष्मीनारायण और आरपीएफ के उप निरीक्षक एके मिंज, उप निरीक्षक एसबी द्विवेदी व आरक्षक नीरज कुमार शामिल थे।