रायपुर। बेमेतरा जिले के बिरनपुर में दंगाइयों की क्रूरता से आगजनी की घटना के बाद कवरेज के दौरान पत्थरबाजी में पत्रकार सिर पर चोट लगी है। इसके पहले कवर्धा और अब उससे लगे जिले बेमेतरा में इस तरह की घटना होने पर कहीं न कहीं पुलिस और प्रशासन की चूक को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता। शासन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने सूचना तंत्र का उपयोग सही तरीके से करने तथा ऐतिहात बरतने में कहीं न कहीं गंभीरता नहीं दिखाई या कड़े फैसले लेने से हिचके जिससे समुदायों के बीच इस तरह का संघर्ष बढ़ा और कानून का भय दंगाइयों को नहीं रहा जिसका परिणाम इस तरह हमले और आगजनी के रूप में सामने आया है।
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में शनिवार को दो स्कूली बच्चों के विवाद में हिंसा भड़क गई। मामूली झगड़े में हिंदू और मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ। इस दौरान एक हिंदू युवक की हत्या कर दी गई। घटना में एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। दुर्ग आइजी आनंद छाबड़ा सहित बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव व दुर्ग के एसपी ने गांव में मोर्चा संभाला है। बेमेतरा के कलेक्टर भी मौके पर मौजूद हैं। पुलिस ने 20 में से नौ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे दो स्कूली छात्र बीच सड़क पर साइकिल चला रहे थे। तभी एक ने दूसरे को कट मार दिया। इससे विवाद की स्थिति बनी। इसी बीच मुस्लिम समुदाय के कुछ अन्य लोग वहां पहुंच गए। एक युवक ने हिंदू छात्र के हाथ में बोतल फोड़ दी जिससे उसका हाथ फ्रेक्चर हो गया। सूचना गांव पहुंची तो इस मामूली विवाद ने सांप्रदायिक रंग ले लिया तथा हिंदू व मुस्लिम समुदाय आमने सामने आ गए। दोनों ओर से लाठी डंडे व पत्थर चलने लगे।