
सीएम के निर्देश के बाद भी सड़कों में पेच वर्क का काम अधूरा
सड़कों में पेच वर्क को दिसम्बर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य पूरी तरह फेल
मुख्यमंत्री की मंशा पर आला अफसर फेर रहे पानी
अफसर सरकार के कामकाज में विपक्ष का भूमिका में, शासन को कर रहे बदनाम
अधिकारी कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका गायब कर भविष्य से कर रहे खिलवाड़
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। सड़क निर्माण और मरम्मत के सख्त निर्देश के बाद भी अफसरशाही खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भूपेश सरकार प्रदेश की सड़कें को सर्वसुलभ और सुविधायुक्त आवागमन बनाने की मंशा पर अफसर पानी फेर रहे है। मुख्यमंत्री के सार्वजनिक रूप से सड़कों को लेकर फटकार के बाद भी लोक निर्माण विभाग के आला अफसरों की सेहत में कोई फर्क नहीं पड़ा। जिला कलेक्टरों व्दारा भी लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाने के बाद भी काम में कोई तेजी देखने को नहीं मिल रही है।
देखा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग के सभी शाखाओं के आला अधिकारी शासकीय कार्यो प्रति हमेशा लापरवाही के साथ उदासीन रहकर शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को ठप्प करने में अतिव्यस्त रहते हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सड़कों में पेच वर्क को प्राथमिकता के अधार पर दिसम्बर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। किन्तु लोक निर्माण विभाग के चंद भ्रष्ट अफसरो द्वारों इसे अपने अतरक्ति आय का जरिया मानते हुये चिकनी सड़को पर लम्बे-लम्बे पेच बनाकर खराब सड़कों की सतह के पेच वर्क के रकम में हाथ की सफाई में लगे हुये हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरो का कहना है कि चिकनी सतह पर क्रिम-पॉवडर (मेटरियल) कम लगते हैं।
इसके अतिरिक्त विभाग के अधिकरियों द्वारा अपने अधिनस्थ कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार कर्मचारियों का सेवा पुस्तिका को आपसी मतभेदो के चलते गायब किये जाने के कारण पीडित कर्मचारी भय व तनाव ग्रसित है। दूसरी तरफ विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण पर कोई भी कार्यवाही नहीं करते है। इस घटना जानकारी कोनल कुमार द्वारा सुचना का अधिकार के तहत् प्राप्त जानकारी से पता चला ही कि लोकनिर्माण विभाग रायपुर संभाग क्रमांक 02 के कार्यपालन अभियंता हेमंत अरोरा के संभागीय कार्यालय के सहायक वर्ग क्रमांक 03 अखिलेश कुमार देवांगन के ऑलमारी से देवनरायण वर्मा एस.डी.ओ राजेश कुमार नायडू मानचित्रकार एवं नरेन्द्र कुमार वर्मा सहायक ग्रेड 02 का सेवा पुस्तिका गायब है। परिणाम स्वरूप कर्मचारियों का कुल सेवा अवधि हवा में होने कारण पीडि़त कर्मचारियों में विभाग के प्रति अविश्वास एवं नफरत की भावना पनप रही है।
कार्यपालन अभियंता हेमंत कुमार अरोरा द्वारा सूचना का अधिकार के तहत् जानकारी दिया गया है कि अखिलेश देवांगन को 01.अप्रैल.2022, 27.अप्रैल.2022 एवं 26.मई.2022 को कारण बताओ नाटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया था। जो कि विषम परिस्थिति के विरूद्ध कार्यपालन अभियंता द्वारा अखिलेश के उपर कानूनी कार्यवाही न करते हुये अपने निजी स्वार्थ एवं अधिनस्थ कर्मचारियों के प्रति बदले की भावना को साधने में व्यस्त थे। नतिजन यह रहा कि कार्यपालन अभियंता हेमंत अरोरा द्वारा अपने अधिनस्थ कार्यालयीन 07 कर्मचारियों की खोजी दल बनाकर गुम हुई सेवा पुस्तिाका को ढूंढने में डयूटी लगाई गई है। जो कि आज दिनांक तक अन्तरिक्ष की यात्रा कर आये मगर सेवा पुस्तिका खोजी दल को नहीं प्राप्त हुई ।
दूसरी तरफ सहायक वर्ग 03 अखिलेश देवांगन द्वारा 11 मई 2022 को रायपुर सिविल लाईन थाना में अपनी ऑलमारी से संबंधित कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका गुम हो जाने बाबत् एफआईआर दर्ज की गई है। रायपुर सिविल लाईन थाना द्वारा गैर नाम दर्ज होने के कारण इसे पुलिस हस्तक्षेप-अयोग्य अपराध की सुचना के अन्तर्गत दर्ज की गई हैं। इसके उपरान्त अखिलेश देवांगन द्वारा कारण बताओं नाटिस के जवाब में कहा गया है कि वे 05.अक्टू.2009 के नियुक्ति दिनांक से स्थापना सेल में लगातार कार्यरत है एवं उन्हें छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग के दिल्ली संभाग के अतिरिक्त कार्यों का सम्पादित कार्य करने में विभाग के अन्य कर्मचारियों सहयोग लेने का जिक्र किया गया है। अखिलेश देवांगान को स्थापना सेल का प्रभारी 01.मई.2014 को जिम्मेदारी दी गई है। जो कि अपने आप त्रुटी पूर्ण एवं असंवैधानिक है। यद्यपि मध्यप्रदेश सेवा अधिनियम (अराजपत्रित) के अनुसार शासकीय विभाग में स्थापना एवं अन्य सेलो में सहायक ग्रेड 01 के वरिष्ठ लिपिक की नियुक्ति होनी चाहिए । अखिलेश देवांगन सहायक ग्रेड 03 द्वारा कार्यो की अतिरिक्त दबाव के कारण इसे मानवीय अधार पर क्षमा याचना की मांग की गई है। मगर पीडि़त कर्मचारियों के गायब हो चुके सेवा पुस्तिकाओं का कौन जिम्मेदार रहेगा ? स्वयं पीडि़त कर्मचारी अथवा संबंधित कार्यपालन अभियंता इसका जवाब का इंतजार कर रहे है।
