कुत्ता काटने से युवक की मौत, झाड़-फूंक के चक्कर में गंवानी पड़ी जान

अंबिकापुर। दो माह पहले कुत्ता के काटने के बाद उपचार कराने के बजाय झाड़-फूंक के चक्कर में फंसे युवक की मौत हो गई। कुछ दिनों से असामान्य हरकतें कर रहा युवक रविवार की शाम मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर से भाग निकला था। सोमवार की सुबह उसकी लाश श्रीगढ़ के गर्दन पाठ में मिली। पुलिस ने रेबीज संक्रमण से मौत की संभावना जताई है। मूलतः झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत ग्राम करसा चैनपुर निवासी हरि भुइयां 35 वर्ष पिछले कुछ वर्षों से अंबिकापुर के घुटरापारा क्षेत्र में निवास करता था।
मेहनत, मजदूरी कर उसने अपना घर भी बना लिया था। दो माह पहले उसे कुत्ते ने काट लिया था। त्वरित उपचार कराने के बजाय वह झाड़-फूंक करा रहा था। पिछले कुछ दिनों से वह असामान्य हरकतें करने लगा था। सांस लेने में भी उसे दिक्कत हो रही थी।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रविवार सुबह व पत्नी और बच्चों के साथ गर्दन पाठ गया था।अपने साथ मुर्गा भी ले गया था। शायद उसने कुछ मन्नात मांग रखी थी। अचानक वह वहां से उठा और भाग गया था। उसकी पत्नी और बच्चे भी उसके पीछे वहां से वापस लौट आए थे। बताया जा रहा है कि शाम को उसकी असामान्य हरकतें और बढ़ गई। लगातार वह दौड़ भाग करने लगा। ऐसी स्थिति में उसे संजीवनी 108 एंबुलेंस से मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि उसके शरीर में रेबीज का संक्रमण पूरी तरीके से फैल चुका था। अस्पताल में भर्ती कर उसका उपचार कर पाना संभव नहीं था।दूसरे मरीज और उनके स्वजन भी संक्रमित हो सकते थे। मेडिकल कालेज परिसर में उसके स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सकों से चर्चा चल ही रही थी कि वह एंबुलेंस का शीशा तोड़कर तेजी से दौड़ लगाते हुए बिलासपुर चौक की ओर भाग गया था, उसके पीछे स्वजन भी लगे थे लेकिन रात भर उसका कहीं पता नहीं चला। सुबह उसकी लाश गर्दन पाठ के उसी स्थान पर मिली, जहां एक दिन पहले वह परिवार के साथ गया था। शरीर में कहीं भी चोट के निशान नहीं थे। आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि रात को आवाज आ रही थी। संभवतः रेबीज संक्रमण के कारण युवक को ज्यादा तकलीफ हो रही थी और सुबह उसकी लाश देखी गई। शरीर में कहीं भी चोट के कोई निशान नहीं पाए गए हैं। पुलिस ने संभावना जताई है कि रेबीज के संक्रमण से ही उसकी मौत हुई होगी।