बलौदाबाजार। सुबह सूरज के रोशनी के साथ गांव से लगभग हर घर से न्यूनतम एक व्यक्ति अपने घर की जिम्मेदारी कांधे लिए जीविका चलाने हेतु अपने दैनिक कार्य मे के लिए निकल जाते है। लेकिन यंहा कह पाना मुश्किल है कि वो अपने परिजनों तक किस हालात में पहुँचे यह कहना बेशक मुश्किल है। क्योंकि शासन का दोहरा चरित्र यंहा के सड़को पर आपको देखने को मिल जाएगा। इतना ही नही यह शासन का ही करतूत है जिसे आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है।
बता दे कि अर्जुनी तिगड्डा मुख्य मार्ग की जिला बलौदा बाजार - भाटापारा तक पहुंचाने वाले मार्ग की,[अर्जुनी तिगड्डा] इस रास्ते से टोनाटार, नवागांव, धवंई, बोरसी, नयापारा,खैरी इत्यादि गांव के लोगों को अपने काम हेतु यहां से गुजरना पड़ता है। वंही के स्थानों पर भारतीय संचार निगम द्वारा भूमिगत केबल सप्लाई के लिए सड़क को खोदा गया था लेकिन सरकारी तंत्र को आप जानते ही है आधा अधूरा थूक पॉलिश कर अमलीजामा पहना दिया गया है जो कि लगभग सप्ताह भर से अधिक हो गया है इसका न तो किसी जनप्रतिनिधि ने सुध लिया है और न ही प्रशासन...शायद इंतजार है उस अनहोनी का जो किसी रात के अंधेरे में हो सड़क की दुर्दशा के कई कारण है इस क्षेत्र के रोड की क्षमता से अधिक हाइवा वाहन का सरपट दौड़ना जिस पर आजतक प्रसाशन ने लगाम नही लगा सकी है जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ रहा है।
आजकल सोशल मीडिया का जमाना है लोग अपनी अभिव्यक्ति सोशल प्लेटफॉर्म पर रखते है चाहे वो सार्वजनिक जीवन हो या फिर राजनीतिक तथा प्रशासनिक क्यों न हो इन दिन दिनों व्हाट्सअप फेसबुक पर अर्जुनी तिगड्डा मार्ग के गड्ढे का फोटो के तरह से सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमे प्रशासन की घोर लापरवाही को मिम्स के बनाकर वायरल किया जा रहा है। ताकि जनता जान सके कि शासन प्रशासन जनता के प्रति कितना सजग है।