छत्तीसगढ़

पिता की हत्या के बाद पत्नी पर किया जानलेवा हमला, आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

Shantanu Roy
13 Sep 2024 6:11 PM GMT
पिता की हत्या के बाद पत्नी पर किया जानलेवा हमला, आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
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Pratappur. प्रतापपुर। पिता की हत्या तथा पत्नी पर बसूला से वार करने के आरोपित को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल के न्यायालय ने आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। पुत्र व पुत्रवधु के बीच झगड़े में मृतक बीच- बचाव करने गया था। आवेश में आकर पुत्र ने पिता पर ही बसूला से प्रहार कर दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। न्यायालय ने आरोपित की पत्नी को क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा की है। अतिरिक्त लोक अभियोजक देवानंद पांडेय ने बताया कि घटना भटगांव थाना क्षेत्र के ग्राम सकलपुर खुटनपारा की है।घटना दिवस 20 मई 2023 को आरोपित जीतलाल (37) उसकी पत्नी मुन्नीबाई तथा बच्चे घर पर ही थे. सुबह पत्नी ने पति से मुंह धोकर नाश्ता कर लेने का आग्रह किया । इसी बात को लेकर पति- पत्नी के बीच विवाद हो गया। आरोपित पति ने पत्नी को मारने के लिए बसूला लेकर दौड़ाया। पत्नी पर उसने वार भी किया। गांव में ग्राम सभा की बैठक होने वाली थी। आरोपित के पिता अमरसाय को जब इस बात की जानकारी मिली तो वह बीच- बचाव करने का प्रयास करने लगा। इससे नाराज बेटे ने पिता पर ही बसूला से वार कर दिया।


इससे उसकी मौत हो गई।मौका मिलते ही आरोपित की पत्नी वहां से जान बचाकर भाग निकली। भटगांव पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर आरोपित को जेल भेज दिया था। मामले में पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध धारा 324 तथा धारा 302 के तहत प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था। प्रकरण के सारे तथ्यों की सुनवाई और पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल के न्यायालय ने आरोपित जीतलाल को हत्या का दोषी पाया। शुक्रवार को न्यायालय ने आरोपित को धारा 324 के तहत तीन वर्ष कारावास तथा 100 रुपये अर्थदंड व अदा नहीं करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास एवं धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 500 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर तीन वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। इस मामले में न्यायालय ने आरोपित की पत्नी को क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा की है। न्यायालय ने कहा है कि ससुर की मौत तथा पति के जेल जाने से घायल पत्नी पर ही स्वयं तथा बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी है इसलिए न्यायालय ने प्रविधान के अनुरूप क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की है।
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