छत्तीसगढ़

खराब व जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने दिसंबर तक का डेडलाइन

Nilmani Pal
12 Nov 2022 6:25 AM GMT
खराब व जर्जर सड़कों को दुरुस्त करने दिसंबर तक का डेडलाइन
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पीडब्ल्यूडी मंत्री का निर्देश-इंजीनियर अपनी निगरानी में कराएं मरम्मत

रायपुर। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि प्रदेश कीे खराब और जर्जर सड़को की मरम्मत तथा नवीनीकरण का कार्य दिसम्बर माह तक पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि हर सड़को का वर्क प्लान तैयार करें और सड़कों संधारण का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण करें। गृह मंत्री श्री साहू आज विभागीय अधिकारियों की बैठक में काम-काज की समीक्षा कर रहें थे।

मंत्री साहू ने सड़को के निर्माण के साथ-साथ मरम्मत और नवीनीकरण कार्यो में तेजी लाने के लिए मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता को सप्ताह में 4 से 5 दिन के लिए निरीक्षण कर मॉनीर्टिग करने के निर्देश दिए। उन्होंने ए.डी.बी. के अंतर्गत बनने वाली सड़कें जो घनी आबादी से गुजरती है, वहां बाई पास रोड बनाने कहा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के ज्यादातर सड़के वाटर लॉगिंग के कारण खराब हुई है, इन सड़को के किनारे नाली निर्माण किया जाए और जहां नाली में चोक हो उन्हें साफ कराया जाए। उन्होंने कहा की रोड संधारण कार्य व्यवस्थित तरीके से किया जाए। बैठक में गृह मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 5 हजार किलोमीटर की सड़क सामान्य स्थिति में है। 5 हजार 92 किलोमीटर सड़क पर छोटे-मोटे पेच वर्क की आवश्यकता है। 4700 किलोमीटर की सड़के जो थोड़ी खराब की स्थिति में है। उसमे पेच वर्क कर ठीक किए जा रहें हैं। केवल 433 किलोमीटर की सड़के जो ज्यादा खराब है। इन सड़कों का नवीनीकरण किये जाने की आवश्यकता है।

गृह मंत्री साहू ने सड़को की गुणवत्ता की जांच के लिए पांच चलित प्रयोगशाला वाहन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना की। ये चलित प्रयोगशाला सभी पांच संभागों में भेजी गई हैं। इन चलित प्रयोगशालाओं से निर्माणधीन सड़कों मेें इनपैक्ट वैल्यू टैक्स, डामर की जांच, ग्रेडेशन, फील्ड डेनसिटी आदि की जांच हो सकेगी। इसके अलावा इन प्रयोगशालाओं से दूर्रा अंचलों सड़कों की गुणवत्ता पर निगरानी रखने में मद्द मिलेगी। मंत्री श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति पर चलने के कारण नक्सल गतिविधियों में कमी आई है।

राजधानी से सटे माना से अभनपुर तक रोड में चलना मुश्किल तो ग्रामीण क्षेत्रों क्या हाल होगा उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में ही लिप्त है। पिछले दिनों दुर्ग के कलेक्टर ने वहां के कार्यपालन अभियंता अशोक श्रीवास को काम में लापरवाही और खामिया तथा सही मानिटरिंग नहीं कर पाने की वजह से जमकर फटकार भी लगाई थी। लोक निर्माण विभाग के विवादित अफसरों को मुख्य जिम्मेदारी दे दी गई है। रायपुर संभाग क्रमांक 2 के अभियंता पर भी लापरवाही और शासन के आदेशों की अवहेलना कर कार्य में ढिलाई बरतने का आरोप लग रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं भी आदेश दिया था जिसे प्रभावी ढंग से नहीं करवा पाए।

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