छत्तीसगढ़

दूसरे दिन भी मिले मृत कबूतर, जांच से पता चलेगी मौत की वजह

Admin2
14 Jan 2021 6:04 AM GMT
दूसरे दिन भी मिले मृत कबूतर, जांच से पता चलेगी मौत की वजह
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रायपुर (जसेरि)। राजधानी में पंडरी स्थित पगारिया कांप्लेक्स में बुधवार को फिर 15 कबूतर की मौत की सूचना पशु विभाग को मिली। स्थानीय लोगों ने फोन कर इसकी जानकारी दी। इस पर जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम मौके पर पहुंची। मृत कबूतर बस स्टैंड के पास स्थित गणपति होटल की छत पर मिले। रेपिड रिस्पांस टीम के पशु चिकित्सा शल्यज्ञ डा. संजय जैन ने बताया कि एक दिन पहले भी 10 कबूतर मृत पाए गए थे। मृत पांच कबूतर के सैंपल जांच के लिए डी फ्रीजर में रखकर भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैबोरेटरी भेज दिए गए हैं। वहां से लगभग तीन दिन बाद रिपोर्ट आने पर मौत के कारण की जानकारी मिल पाएगी। कबूतरों की मौत से हड़कंप मच गया है। पशुविभाग ने राजधानी में संचालित पक्षी दुकानदारों को दुकान पर आ रहे पक्षीपालकों की सूची तैयार करने को कहा है। लव बड्र्स, कबूतर, चिडिय़ा, खरगोश आदि की बिक्री के दौरान ग्राहकों की पूरी जानकारी रखी जाए। साथ ही पक्षियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नजर आने पर तुरंत जानकारी देने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि दुकानदार पक्षीपालकों में बर्ड फ्लू के नाम पर डर नहीं फैलाएं, बल्कि उन्हें पक्षियों के स्थान पर सफाई, नियमित भोजन और बीमार होने पर तुरंत पशु डाक्टर को दिखाने को कहा जाए।

बनाई गई है रैपिड रिस्पांस टीम : बर्ड फ्लू को लेकर किसी भी प्रकार से कोई जानकारी मिलती है तो इसके बारे में जानकारी देने के लिए रायपुर शहर की रैपिड रिस्पांस टीम को जानकारी दी जा सकती है। टीम में पशु चिकित्सा शल्यज्ञ डा. संजय जैन (फोन नं-94252-56554) जिला पशु चिकित्सालय रायपुर, डा. पदम जैन पशु चिकित्सालय अश्वनी नगर रायपुर, डा.किरण चौधरी, डा. संजय पांडे, डा. रविंद्र कुमार डहरिया और डा. मो. शाहिद कुरैशी शामिल हैं।

जैव सुरक्षा मानकों का पालन करने निर्देश

कलेक्टर डा. एस भारतीदासन ने पोल्ट्री फार्म संचालकों से कहा है कि जैव सुरक्षा मानकों के सामान्य मार्ग-निर्देश का पालन करें। बर्ड फ्लू के बचाव एवं रोकथाम के लिए पोल्ट्री फार्मों में विशेष रूप से साफ-सफाई बरती जाए । मुर्गियों की बीमारी के बारे में जानकारी मिलते ही तत्काल जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग को सूचना दी जाए। सेनेटरी बायोगैस तथा बायोमेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल सही तरीके से किया जाए। फाफाडीह स्थित एक पक्षी दुकानदार के अनुसार लोग शौक से खरीदने आते हैं, लेकिन बर्ड फ्लू को लेकर सवाल जरूर करते हैं। उन्हें सही जानकारी दी जाती है।

विकासखंडवार की जाए जांच : विकासखंडवार पशु-पक्षियों, बाजार, कुक्कुट उत्पादन व वितरण स्थल, जहां बतखों की संख्या ज्यादा है, जल स्रोतों और प्रवासी-जंगली पशुओं का सर्वेक्षण कर पक्षियों के सिरोलाजिकल एवं वायरोलाजिकल सैंपल लैब टेस्टिंग के लिए नियमित रूप से प्रयोगशाला को भेजे जाएं। बीमार पक्षियों के सैंपल की जांच जिला रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर को तुरंत भेजने का निर्देश दिया गया है।

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