छत्तीसगढ़

दशरथ दंश को एकल नाट्य में विजय मिश्रा ने बखूबी उकेरा

Nilmani Pal
12 Sep 2022 5:29 AM GMT
दशरथ दंश को एकल नाट्य में विजय मिश्रा ने बखूबी उकेरा
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रायपुर। छत्तीस छटा मंच के बैनर तले सरोना में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ रंगकर्मी विजय मिश्रा अमित ने रामायण के महापात्र दशरथ के दंश कोअपने एकल अभिनय से बखूबी उभारा।। चक्रवर्ती सम्राट होने के बावजूद अपने प्रिय बेटे श्री राम को राज सिंहासन से परे वनवास जाने का निर्णय देते हुए दशरथ के चेहरे पर उभरे पीड़ा को उन्होंने कमाल के साथ प्रस्तुत किया। दर्शकों ने इस दृश्य को भरपूर जिया और विजय मिश्रा के अभिनय की सराहना खुलकर की।

इस इस अवसर पर उपस्थित प्रोफेसर अपराजिता चक्रवर्ती ने कहा कि माता पिता के लिए बच्चे सदैव प्रिय होते हैं। बच्चों की पीड़ा को माता पिता ही सच्चे दिल से महसूस कर सकते हैं। इसी लिए यदाकदा अप्रिय निर्णय लेने की चुक वे कर बैठते हैं।

गणेश विसर्जन के पूर्व निशा पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ अनिमेष मेहरा,समाज सेवी नवनीता अनंत दुबे, लोक गायिका भगवती साहू,तेजस्विनी राघव, सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

महारानी कैकेई की मांग भरत को राजगद्दी और श्रीराम को 14वर्ष का वनवास सुनकर दशरथ बने विजय मिश्रा ने जो करुण विलाप किया, वह दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। अपने एकल अभिनय के बूते अकेले श्री मिश्रा ने जन समुदाय को भावविह्वल कर खूब ताली बटोरी। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन प्रोफेसर अभिनव शर्मा ने किया।

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