छत्तीसगढ़

दशलक्षण पर्युषण महापर्व: Adinath Digambar Jain बड़ा मंदिर में उत्तम त्याग धर्म की आराधना

Gulabi Jagat
15 Sep 2024 10:49 AM GMT
दशलक्षण पर्युषण महापर्व: Adinath Digambar Jain बड़ा मंदिर में उत्तम त्याग धर्म की आराधना
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Raipurरायपुर: श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड में 15 सितंबर रविवार को नित्य नियम से मूलनायक भगवान श्री आदिनाथ भगवान, पार्श्वनाथ भगवान एवं श्री महावीर भगवान की बेदीयो में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अभिषेक शांति धारा,आरती कर दशलक्षन पर्युषण महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की आराधना की गई। मंदिर के पूर्व अध्यक्ष संजय नायक जैन ने बताया की आज 23 वे पार्श्वनाथ भगवान की बेदी में भगवान पार्श्वनाथ की स्फटिक मणि की प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया। यह प्रतिमाएं अत्यंत दुर्लभ एवं प्राचीन प्रतिमाएं है। जो की आरंग के खंडहरों से प्राप्त हुई थी। सर्वप्रथम जिन प्रतिमाओं को मंगलाअष्टक पाठ पढ़ कर विराजमान किया गया। सभी उपस्थित धर्म प्रेमी बंधुओ द्वारा रजत कलशों से भगवान का अभिषेक किया। साथ ही आज की रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य श्री राजीव जैन एवं प्रवीण जैन मामा जी भिंड वालो को प्राप्त हुआ। ततपश्चात सभी ने पार्श्वनाथ भगवान की संगीतमय आरती बड़े ही भक्ति भाव से की गई। चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की जयकारों से सारा जिनालय गुंजायमान हो गया। आज उत्तम त्याग दिवस पर समुच्चय पूजन,सोलह कारण पूजन के साथ दसलक्षण पूजन कर मंत्रोचार के साथ अष्ट द्रव्य से निर्मित अर्घ्य एवं श्रीफल समर्पित किए गए।
पूर्व अध्यक्ष संजय नायक जैन ने बताया की पर्यूषण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म मनाया जाता है । उन्होंने कहा त्याग किसी वस्तु विशेष को छोड़ना, तन से और मन से संग्रह करना उचित है लेकिन उसके साथ में अपने भीतर उदारता और अनुग्रह का समावेश भी करना चाहिए। सांसारिक जीवन में रहते हुए आंशिक त्याग करें। धन की तीन गति होती है। दान, भोग और नाश। इसमें से सबसे उत्तम गति दान की है। धन का दान, धन द्वारा अन्य वस्तु, दवाई, वस्त्र आदि का दान अच्छा माना जाता है। दूसरी गति भोग है जो भी धन आपके पास है। उसका उचित भोग करना, अपने घर का निर्माण, बच्चों की शिक्षा, विवाह, प्रतिदिन जीवन में वस्तुओं का संग्रह तथा जीवन को सुख पूर्वक बिताने के लिए अपने धन का उपयोग करना श्रेष्ठ है लेकिन जो दान और भोग नहीं करता उसका धन नष्ट हो जाता, चोरी हो जाता है। साध्वी ने सभी जैनियों को उत्तम त्याग धर्म अपनाने की बात कही।
आज के कार्यक्रम में विशेष रूप से पूर्व अध्यक्ष संजय जैन नायक पूर्व उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू,पूर्व सचिव राजेश रज्जन जैन, इंजी. राजीव जैन,प्रवीण जैन ,राजीव जैन भिंड वाले,शैलेंद्र जैन,अक्षत जैन,रासु जैन,प्रणीत जैन,दिनेश जैन,समित जैन,वीर नायक, जैन आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
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